Pyar me Dhokha - 12 in Hindi Love Stories by Singh Pams books and stories PDF | प्यार में धोखा - भाग 12

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प्यार में धोखा - भाग 12

तेजस उस पठान से कह रहा था आज तक आपने ऐसा माल कही नही देखा होगा और तारा बाहर खडी़ हो कर तेजस के बंद कमरे के होल से कमरे में झांक कर देखने लगी और दो लडकीयां ज जो की नाम मात्र के कपडे पहने हुए थीं वे वहां गिलासों में शराब डाल कर तेजस और पठान की गोद में बैठ कर पिलाने की कोशिश करने में लगी हुई थी साथ तेजस और पठान उन दो लडकीयों के गाल सहला रहे थे और शराब भी लडकीयों के हाथों से पीने में मग्न थे और और फिर पठान ने तेजस से कुछ पूछा तो तेजस ने कहा पठान साहब अब वो नयाब हीरा आपका ही राज रात वो आपके खिदमत में पेश होगी बहुत वढीया माल हैं आपकी तबीयत हरी हो जायेगी अभी तो मैंने उसे आराम करने के लिए कह कर आप से मिलने के लिए चला आया था और आज रात मुझे भी तो मेरी वाली से मिलने के लिए जाना मेरी एना मुझे याद कर रही होगी और मैं जा कर उसे जगा देता हूं और कुछ देर में वो तैयार हो जायेगी और फिर मै भी चला जाऊंग ऐना से मिलने के लिए
और तारा को तो सुन कर ऐसा लगा जैसे किसी ने गर्म पिघलता हुआ शीशा उसके कानों में उडेल दि हो तारा वहां कैसे भी गिरते पड़ते अपने कमरे में आ बैठ गयी और तारा के कानों को तो विश्वास नही नही हो रहा था कि अभ अभी जोजो कुछ सुन कर आई है वो सब कुछ सच है और तेजस शादी की पवित्र रस्मों की आड़ में लडकीयों के साथ जिस्मफरोशी का का धंधा करता है ये बात तारा की समझ में आ चुकी थी और तारा जो कुछ अभी सुना था उस पर तारा के लिए भरोसा करना मुश्किल हो रहा था और सोचने लगी कहां आ कर फंस गयी है और तारा सोचने लगी की मेरी किमत तेजस की नजरों में बीस लाख की है और अब तारा यो सोचने पर मजबूर हो गयी थी की तेजस ने जो कोर्ट मैरिज की क्या वो सब नकली शाद थी क्या तेजस ने मेरी मां से भी धोखा दिया है अब तारा की समझ में बाते आने लगी थी कैसे तेजस ने प्यार से धोखा दिय है जिस पर विश्वास करन भी मुश्किल हो रहा है मेरे लेकिन अब तो मैं यहां अनजाने शहर में आ कर फंस गयी हूं और ते ने तो पती बन कर मुझे धोखा दिया है मुझसे नकली शादी भी जानबूझ कर की ताकी किस को उस पर शक ना हो और पहले मुझे अपने प्यार के नाटक फसाया और फिर धीरे धीरे मेरा भरोसा जिता और महंगे होटलों में घूमने के लिए ले कर जाना अच्छे अच्छ होहोटलों में खाना खिलाने के लिए ले कर जाना ये सबकुछ मेरा विश्वास जितने के लिए किया था और तभी तारा को ऐसी कई बार अखबारों में छपी खबरे याद आ गयी थी की कैसे लोग भोली भाली लडकीयों को जे दलाल अपने प्यार का हवाला दे कर गलत काम करने के लिए मजबूर करते थे और आज ये सब तारा के साथ हो रहा था
✍️क्रमशः✍️