Pyar me Dhokha - 10 in Hindi Love Stories by Singh Pams books and stories PDF | प्यार में धोखा - भाग 10

Featured Books
  • किट्टी पार्टी

    "सुनो, तुम आज खाना जल्दी खा लेना, आज घर में किट्टी पार्टी है...

  • Thursty Crow

     यह एक गर्म गर्मी का दिन था। एक प्यासा कौआ पानी की तलाश में...

  • राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा - 14

    उसी समय विभीषण दरबार मे चले आये"यह दूत है।औऱ दूत की हत्या नि...

  • आई कैन सी यू - 36

    अब तक हम ने पढ़ा के लूसी और रोवन की शादी की पहली रात थी और क...

  • Love Contract - 24

    अगले दिन अदिति किचेन का सारा काम समेट कर .... सोचा आज रिवान...

Categories
Share

प्यार में धोखा - भाग 10

तारा तेजस से बात करते हुए कह रही थी किसी की जिंदगी में कब बदलाव आ जाये ये कोई नहीं बता सकता क्योंकि मैंने तो अपनी जिंदगी में कभी सोचा भी नहीं था कि मैं कभी बिदेश जाऊंगी मुझे इतनी सारी खुशीयां मेरी झोली में भगवान देगें मैं बहुत खुश नसीब हूं तेजस जो आप मेरी जिन्दगी में आये और तारा खुशी से चहकेते हुए बोली मै यूरोप जा रही हूं मुझे तो यकीन नहीं हो रहा तो तेजस ने कहा नही हम यूरोप नही बल्कि दुबई जा रहे तो तारा ने हैरानी से कहा लेकिन आप ने तो कहा था हमारी यूरोप की टीकट बुक हैं तो तेजस ने कहा हां हम पहले यूरोप ही जाने वाले थे मगर मुझे पापा का मेसेज आया था उनकी लंदन की मिटिंग केंसल हो गयी है तो वो अभी दुबई में अपने बंगले में हैं तो फिर मैने भी सोचा कि पहले हमे पापा से मिल कर उनका आशीर्वाद ले लेते और फिर हम पापा के पास कुछ दिन रूक कर बाद चलेंगे यूरोप तो तारा ने ठीक लेकिन अब जब उनकी मिटिंग केसल हो गयी थी तो हमें शादी में आशिर्वाद देने के लिए आ जाते तो तेजस ने कहा मुझे भी अभी पता चला पापा के मेसेज का क्योंकि शादी के कामों की उलझन में फोन नहीं देखा पाया था मैं और तारा तेजस से बात करते हुए अपनी नई जिंदगी की शूरू आत करने के लिए बहुत खुश हो रही थी उसे बिदेश पहुंच क्या क्या करना है और तभी हवाई जहाज के लिए सीट बेल्ट बाधने की घोषणा होने लगी थी और कुछ ही समय में तारा और तेजस जाहज से उतर कर नीचे आ चुके थे और तेजस ने अपने बंगले पर जाने के लिए कार बूक करली थी और कुछ देर कार में बैठ कर बंगले की तरफ रवाना हो गए और तारा तो अपने सपनों में मग्न थी और तभी कार एक शानदार बंगले के सामने जा रूक गयी थी तब तारा भी सपनों से बाहर आई और तारा तो तेजस का बंगला देख कर गर्व से भर उठी क्योंकि ऐसा बंगला तो तारा ने कभी फिल्मों में देखा था और हकीकत में अपने बंगले को देख कर हैरान हो रही है की मेरी किस्मत इतनी अच्छी है और गाडी़ रूकते ही दो वर्दीधारी आदमीयों जल्दी से आ कर तेजस को सलाम किया और कार की कार का दरवाजा खोल दिया दिया और तारा और तेजस दोनों कार से बाहर निकल आये और वे वर्दीधार चौचौकीदा तेजस की कार से समान निकालने लगे और तारा और तेजस अंदर आ गये तो तारा तो बंगले को अंदर से देख कर तारा की आंखे फटी की फटी रह गयी थी क्योंकि तेजस का बंगला जितना बाहर से खूबसूरत था उससे कही ज्यादा सुंदर बंगला अंदर से था जिसकी कल्पना तार ने कभी सपने में भी नही सोचा था और अपनी उम्मीदों से ज्यादा जब कुछ मिलता है तो अपने आप से ही जलन होने लगती यही हाल तारा का भी हो रहा था और तेजस तारा को अपने अलीश कमरे में तारा को आराम कपन्न के लिए कह कर कहीं बाहर चला गया था
✍️क्रमशः ✍️