अध्याय 8
"जल्दी इधर आओ, देखो न्यूज पर क्या चल रहा है"
"क्या है?? वही रोज की बेकार खबरें होंगी" कहते हुए वह औरत जैसे ही लाइव न्यूज़ देखती है उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा
पूरा गाँव पूरा देश पूरी दुनिया अब आजाद है
सब लोग खुशी से चिल्ला रहे थे
आदित्य अभी भी कुछ चिंता में था, उसने अरविंद को कंधे पर रखा और वहाँ से जाने लगा
लोगों ने उससे अनेक सवाल पूछे लेकिन उसने एक शब्द तक नहीं बोला
वह जानता था कि अरविंद अपने शैतान वाले रुप में नहीं आ पाया इसलिए आदित्य ने उसे बेहोश कर दिया, हो सकता है कि इस बार जब उसे होश आये तो वह आपा खो दे
उसे मार देना कोई उपाय नहीं है क्योंकि दुश्मन अरविंद नहीं "द टूथ ओफ डेविल " है जब तक इसका कुछ नहीं होगा शैतान फिर आयेगा!!!
अचानक आदित्य को गोली लगती है
"कौन था ये नासमझ!" आदित्य ने बोला
"सोरी दोस्त लेकिन उसे मेरे हवाले कर दो, मुझे गवर्नमेंट से ओर्डर आये हैं" कहीं से एक एजेंट निकल कर आता है
"तुम इसे काबू नहीं कर पाओगे और तुम भी जानते हो कि ये कितना ताकतवर है" आदित्य ने कहा
"मेरे पास कुछ है जो इसे उठने नहीं देगा तो उसकी चिंता मत करो" पास आते हुए कहा
उसने दूसरी गोली मार दी और अरविंद को इंजेक्शन लगाकर वहाँ से ले जाने लगा और कहा - "मैं जानता हूँ कि तुम मुझसे कहीं ज्यादा ताकतवर हो और... "
वो सामने देखता है वहाँ एक पूरी आर्मी खङी थी "ये कुछ ठीक नहीं है ,लगता है सब को इससे बदला लेना है "
गोलियां चलती हैं एजेंट को मारा जाता है और अरविंद को ले जाया जाता है
आदित्य की आंखों के आगे अंधेरा छाने लगता है उसे किसी की परछाई नजर आती है
1 महीने बाद
आदित्य की आंखे खुलती है वह एक कमरे में बिस्तर पर था
टीवी पर भयानक युद्ध की खबरें चल रही थी
"ये सब क्या है" आदित्य कहता है
"ये वर्ल्ड वार है जब तक तुम बेहोश थे बहुत कुछ हुआ है" एक 30 वर्षीय औरत वहाँ आती है
आदित्य अजीब सा चेहरा बनाकर उसकी तरफ देखता है और सोचता है "कहीं तो इसे देखा है"
गुस्से से चिल्लाते हुए " तुमने मुझे पहचाना नहीं ,लारा!! लारा!! "
"क्या!!! तुम तो बङी हो गयी"
लारा- वो सब छोङो रितु कहाँ है?
आदित्य- (उदास होते हुए) वो एक लम्बी कहानी है
लारा- ठीक है वो कहानी फिर कभी
आदित्य- अच्छा अब मुझे बताओ कि बाहर चल क्या रहा है
लारा- तुम्हें सिर पर दो गोलियां लगी थीं पता नहीं तुम जिंदा कैसे हो, 1 महीना बीत चुका है, पूरी दुनिया जानती है कि वह टूथ कितनी पावर होल्ड करता है जैसे ही सब को पता चला कि अरविंद को हरा दिया गया है सब उस ताकत को पाने की रेस में लग गये , बाहर के हालात किसी नर्क से कम नहीं है
आदित्य- मुझे लगा था कि अरविंद को हरा देने से शांति आ जायेगी मैं गलत था सब ताकत के भूखे हैं
"लारा!! पिताजी कहाँ हैं?? " आदित्य ने अचानक कहा
लारा-"वो अब एक ए.आइ. हैं"
आदित्य-"मतलब"???
लारा- मैंने उनके ब्रेन को इंटरनेट पर अपलोड कर दिया है अब जहाँ जहाँ इंटरनेट है वहाँ वहाँ सर हैं
आदित्य- ऐसा कुछ पोसिबल भी है पता नहीं था
लारा- मुझे सारी डिटेल्स वहीं से मिलती है
खङे हो कर बाहर की तरफ जाते हुए
आदित्य- चलो चलें
लारा- कहाँ
आदित्य- ये सब खत्म करने
अध्याय 8
समाप्त