Pyar bhara Zehar - 16 in Hindi Love Stories by Deeksha Vohra books and stories PDF | प्यार भरा ज़हर - 16

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प्यार भरा ज़हर - 16

एपिसोड 16 ( ख़ुशी का रोनित के बाल खींचना ! )

राघव काश्वी को लेकर अपने रूम में आता है , ओर उसे बड़े ध्यान से बिस्तर पर लेटाते हुए पूछने लगा | 

राघव :: "अब तुम कैसा फील कर रही हो ? डॉक्टर को बुलायुं ?" राघव की खुद के लिए इतना परेशान होता देख , काश्वी की आँखों में आंसू आ गये | जिन्हें राघव ने जब नोटिस किया , तो काश्वी के पास बिस्तर पर बैठते हुए , ओर काश्वी के आंसुओं ओर पौंछते हुए , उससे बोला | 

राघव :: "क्या हुआ काश्वी , देखो मैं तुम्हारा पति होने से पहले तुम्हारा दोस्त भी तो हूँ | मुझे बताओ क्या हुआ , किसी ने कुछ खा क्या तुम्हे ?" राघव की आँखों में खुद के लिए इतना कंसर्न देख , काश्वी ने राघव को कस कर  गले लगा लिया | काश्वी के इस तरह के सडन मूव से कुछ पलों के लिए तो राघव दंग ही रह गया | पर फिर , उसने भी काश्वी को वापिस गले लगा लिया | 

मानो फिर काश्वी को रीयलाइज़ हुआ हो , की वो क्या कर रही थी | तो जल्दी से राघव से दूर होते हुए , काश्वी खुद को सँभालते हुए राघव से बोली | 

काश्वी :: "कुछ नहीं | बस मेरे सर में अचानक से बहुत तेज़ दर्द हो रहा था | फिर पता ही नहीं चला , की आँखों के सामने अँधेरे आ गया .." राघव को समझ में आ रहा था , की काश्वी के साथ क्या हो रहा था | राघव आगे कुछ बोल पता , उससे पहले ही ख़ुशी ओर रोनित वहां पर आ गये | उन दोनों को देखते ही , काश्वी के चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल आ गई | 

ख़ुशी बेड साइड टेबल पर खाने की ट्रे रखते हुए , काश्वी से बोली | 

ख़ुशी :: ये लीजिये भाभी , आप दोनो का खाना | बहुत थक गये होंगे न आप ?" काश्वी या राघव में से कोई भी कुछ भी बोल पाता  , उससे पहले ही रोनित भी बोला | 

रोनित :: "खैर भाभी , आपने उस काव्य को देखा , कैसी भूतनी जैसी लग रही थी |" रोनित ने जैसे ही ये खा , उसे महसूस हुआ की कोई उसे बड़े अजीब तरीके से घूर रहा था | राघव रोनित को ऐसे देख रहा था , मानो किसी अजूबे को देख रहा हो | फिर अपना से हिलाते हुए , राघव बाथरूम की ओर चला गया | ताकि वो फ्रेश हो सके | ओर ये लोग आराम से बातें कर पाएं | 

राघव के बाथरूम में जाते ही , रोनित ने एक गहरी सी सांस ली | ओर फिर काश्वी के पास आकर बैठते हुए , रोनित बोला | 

रोनित :: पता है भाभी , वो काव्य ...." रोनित कुछ बोलता , उससे पहले ही ख़ुशी  रोनित को टपली मारते ही बोल पड़ी |

ख़ुशी ::  अरे पागल , भाभी इतनी थकी हुई हैं | खाना तो खाने दे |" तो रोनित छिड़ते हुए ख़ुशी को वापिस बच्चो की तरह मारते हुए बोला | 

रोनित :: "क्या है ख़ुशी , कितनी बार कहा है , की मुझे मारा मत कर |" रोनित को परेशान होते देख , ख़ुशी उसे पोर भी ज्यादा परेशान करते हुए , इस बार रोनित के बालों को खरा करते हुए बोली | 

ख़ुशी :: "अच्छा , ये ले फिर ...." रोनित ओर ख़ुशी को बच्चो की तरह झगड़ा करते देख , काश्वी ने अपना सर पीट लिया | फिर दोनों को रोकते हुए काश्वी बोली | 

काश्वी :: "अरे अरे , उक जाओ | तुम दोनों बड़े हो गये हो |" तो रोनित बोला | 

रोनित : "भाभी पहले इसे बोली सॉरी बोले |" 

ख़ुशी बोली :: "मैं क्यूँ सॉरी बोलूं ..." 

काश्वी समझ चुकी थी , की अब दोनों नहीं रुकने वाले हैं | तो वो जोर से बोली | 

काश्वी :: "बस करो दोनों |" काश्वी को गुस्सा होते देख , ख़ुशी ओर रोनित दोनों चुप हो गये | वहीँ रंजना जी ओर राजीव जी अपने कमरे में बैठे हुए थे | ओर रंजना जी थोडा परेशान लग रहीं थीं | राजाव जी , राजना जी के पास आते हैं , ओर उनका हाथ पकड़ते हुए प्यार से पूछते हैं | 

राजीव जी ::  "क्या हुआ रंजना , जब से तुमने काव्य को देखा है ,तुम थोडा परेशान लग रही हो ?" 

रंजना जी बिस्तर से उठते हुए , कमरे में इधर उधर घूमने लगीं | ओर राजीव से बोलीं | 

रंजना जी :: "पता नहीं राजीव जी , पर काव्या  का इस समय घर पर आना , कुछ सही नहीं लग रहा है | याद है न , की पिछली बार जब काव्या आई थी , तो क्या हुआ था |" रंजना जी की बात सुन , राजीव जी भी कुछ देर सोच में पड गये | ओर फिर एक गहरी साँस लेते हुए बोले | 

राजीव जी :: "चिंता मत करो रंजना , सब ठीक होगा |" राजीव जी ने रंजना जी से खुद तो कह  दिया था , की सब ठीक होगा , लेकिन उन्हें भी तदा अजीब लग रहा था , काव्या का यूँ अचानक से घर आना | 

आखिर क्यूँ रंजना जी इतना डर रहीं थी, क्या हुआ था एसा काव्या के आने पर ? ओर रोनित क्या कहने वाला था , काश्वी से ? 

जानने के लिए बने रहिये मेरे साथ |