Hold Me Close - 36 in Hindi Love Stories by Harshu books and stories PDF | Hold Me Close - 36

The Author
Featured Books
Categories
Share

Hold Me Close - 36

ये बहुत अजीब फीलिंग है । इतनी शांति आज तक मैंने कभी फील नही की थी। अर्जुन ने रेवा की ओर देखते हुए अपने मन मैं ही सोचा । अर्जुन ने अपना एक हाथ रेवा के कंधे पर रख दिया और उसे अपने और नजदीक खीच लिया।

"डोंट वरी मैं सब ठीक करदूंगा! मैं हूं ना । मेरे होते हुए मैं तुम्हे कुछ नही होने दूंगा ", अर्जुन ने कहा और रेवा के बालों मैं हाथ फेरने लगा । अर्जुन अपनी पूरी कोशिश कर रहा था रेवा को शांत करने के लिए ।

तो वही जहा रेवा और अर्जुन बैठे थे उसके ठीक पीछे एक ब्लैक कलर की मर्सडीस थी । जहा से एक आदमी दोनो को भी गुस्से से घूर रहा था।

"अर्जुन ने मेरे रेवा के कंधे पर हाथ कैसे रखा ! और रेवा को इस सबसे कोई प्रोब्लम नही है !! क्या चल रहा है ये सब । मेरा खून खौलता है जब रेवा के करीब कोई जाता है । जो अर्जुन को मिल रहा है वो सब मेरा है । रेवा पर सिर्फ मेरा हक है । अगर उस रात रेवा को सच्चाई के बारे मैं पता नही चला होता तो आज रेवा मेरी होती । मन तो कर रहा है अभी उस अर्जुन के हाथ काट दूं ", उस आदमी ने गुस्से से कहा ।

"सर प्लीज प्लीज मारने के बारे मैं सोचिए भी मत ! पब्लिक प्लेस है CCTV CAMERAS भी है !! हमारे लिए प्रोब्लम हो सकती है । मैंने कहा था आपको अगर ये दोनो ऐसेही साथ रहे तो नजदीकियां बढ़ेगी !! ", ड्राइवर ने कहा।

"I can't see this anymore ", उस आदमी ने गुस्से से कहा और अर्जुन के हाथ पर निशान साधते हुए एक पत्थर मार दिया।

"आह...", अर्जुन के मुंह से निकल गया ।

क्या हुआ ? रेवा ने पूछा ।

"पत्थर लगा....",अर्जुन ने अपना हाथ रेवा को दिखाते हुए कहा जहा से खून आ रहा था।

"खून भी आ रहा है !! दर्द हो रहा है ज्यादा!!", रेवा ने जल्दी से अपना रुमाल अर्जुन के हाथ पर बांधते हुए कहा ।

"शायद किसी बच्चे का काम होगा ! ", अर्जुन ने पीछे मुड़कर देखा लेकिन पीछे कोई नही था। ये एक एक्सीडेंट था की किसीने जान बुचकर ये पत्थर मारा... ", अर्जुन ने मन मैं सोचा ।

"आगे क्या करना है हमे? यही टाइमपास करना है ?? ", अर्जुन ने रेवा से पूछा लेकिन रेवा अर्जुन का हाथ गौर से देख रही थी जहा उसको चोट आई थी।

"तुम मेरी इतनी केयर मत किया करो!!", अर्जुन ने अपना हाथ रेवा के हाथों से छुड़ाते हुए कहा।

"मैं नही करूंगी तो और कौन खयाल रखेगा आपका? वो चुडैल प्रिया ? ", रेवा ने कहा और फिर से अर्जुन का हाथ अपने हाथों मैं ले लिया।

अर्जुन: वो मुझे आदत हो रही है तुम्हारी!!

रेवा: तो फिर???

अर्जुन: कॉन्ट्रेक्ट खतम होते ही तुम तो चली जाओगी ना फिर मेरा खयाल कौन रहेगा ? मां के अलावा और कोई नही है मेरे पास !!

रेवा: तो आप क्या चाहते है ? में आपको तकलीफ मैं छोड़ दूं?

"हां छोड़ दो ! आगे तो तुम नही होगी ना मेरे साथ ? मेरा खयाल रखने के लिए ? तुम रुकोगी मेरे लिए हमारा कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद भी?? ",अर्जुन ने रेवा के आंखो मैं देखते हुए पूछा ।

अर्जुन के इस सवाल पर रेवा को समझ नही आ रहा था की क्या जवाब दे।

"वो ...में...", रेवा बोलते बोलते वही रुक गई।

"मिल गया जवाब !! तो मेरी चिंता करना छोड़ दो । मैं खुद को संभाल सकता हूं ...",अर्जुन ने कहा और रेवा का हाथ अपने हाथों से छुड़ा लिया । अर्जुन की बातों से रेवा को बहुत बुरा लग रहा था।