Hold Me Close - 34 in Hindi Love Stories by Harshu books and stories PDF | Hold Me Close - 34

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Hold Me Close - 34

मुझे इनके साथ घूमने बिलकुल नही जाना । लेकिन मां को कैसे बताऊं.....", रेवा अपने मन मैं सोच ही रही थी तभी पीछे से अर्जुन ने आते हुए कहा –"हां मां ! जैसा आप कहे!! घर में रहने से अच्छा थोड़ा बाहर घूमकर आते है लेकिन सिर्फ हम दोनो नही आप भी आ रही है साथ मैं" ।

मैं क्यूं तुम दोनो लव बर्डस के बीच मैं आऊंगी? मुझे कबाब मैं हड्डी थोड़ी बनना है ! और वैसेभी अभी मुझे हॉस्पिटल जाना है । मेरी दोस्त की तबीयत ठीक नही है। तुम दोनो जाओ ना एंजॉय करो । और अब मेरे बारे मैं सोचने के साथ साथ अपनी बीवी के बारे मैं भी सोच ले । मैं कितने दिन रहूंगी तेरे साथ ? बस कुछ साल और ! उसके बाद तो .....", सविता जी अपनी बात पूरी करती तभी अर्जुन ने चिड़ते हुए कहा–" में आपसे बात नही करूंगा अगर ऐसा कुछ कहा तो । मेरी उम्र भी आपको मिल जाए। "

सविता जी: अब बस हुआ जाओ जल्दी से दोनो इससे पहले की वो प्रिया किसी काले बिल्ली की तरह तुम दोनो का रास्ता काट दे । जाओ जल्दी से। जल्दी जाना और लेट रात को घर आना। और रास्ते में मुझे ड्रॉप भी कर देना ।

कुछ देर बाद रेवा और अर्जुन ने दोनो ने भी सविता जी को रास्ते में ड्रॉप किया।

"हम कहा जा रहे है?", रेवा ने पूछा लेकिन रेवा के इस बात का अर्जुन ने कोई भी जवाब नही दिया। कुछ मिनिट बाद अर्जुन ने गाड़ी एक बीच के सामने रोक दी। अर्जुन गाड़ी से नीचे उतरा और साइड मैं रखे चट्टानों पर जाकर बैठ गया। गाड़ी मैं बैठी रेवा अर्जुन को बड़े गौर से देख रही थी। तो वही अर्जुन अपनी ही सोच मैं डूबा हुआ था। रेवा भी कार से नीचे उतरी और अर्जुन के बगल में जाकर बैठ गई। इस सबके दोहरान दोनो एकदम शांत थे।

रेवा को सारी बाते याद आ गई जो उसके साथ हुई थी। उसे याद आया की कैसे उस रात वो अपनी सौतेली मां से बचने के लिए भागी जा रही थी। और किस्मत ने उसे अर्जुन से मिलवा दिया। तो वही अर्जुन भी यही सब सोच रहा था की आखिर क्यों उसने उस रात एक अनजान लड़की को हॉस्पिटल लेकर जाने के बजाय अपने घर लाने का डिसीजन लिया।

"मुझे झगड़ा नही करना चाहिए था इनसे । पहले ही बहुत कुछ किया है इन्होंने मेरे लिए । बहुत एहसान मैं इनके मुझ पर लेकिन मैं क्या करती हूं !! बार बार झगड़ा !! ", रेवा ने अपने मन मैं खुद को कोसते हुए कहा ।

"मैं कभी कभी बहुत डांट देता हूं रेवा को । बहुत सेंसटिव है ये । मुझे इतना भी इगो नही दिखाना चाहिए था !", अर्जुन भी अपने आप को कोस रहा था।

"I am so sorry !! ", रेवा और अर्जुन ने एक साथ एक दूसरे को देखते हुए कहा।

"आप क्यूं सॉरी बोल रहे हो मुझे ?", रेवा ने पूछा ।

"तुम बताओ तुम क्यों सॉरी बोल रही हो?", अर्जुन ने भी वही सवाल दोहराते हुए पूछा।

"वो में आपसे झगड़ा करती रहती हूं ना ! आपने मेरी इतनी हेल्प की है लेकिन उसके बदले मैं सिर्फ आपका इगो हर्ट करती हूं । और इस बार मैं आपको दिल से सॉरी बोलती हूं ! मैं इतनी भी बुरी नही हूं जितना आप मुझे समझते है । ", रेवा ने कहा ।

"मेरा तुम्हे हर्ट करना का इरादा बिलकुल भी नही होता है। लेकिन पता नही कैसे तुम्हे हर्ट कर देता हूं .....और..", इससे पहले की अर्जुन कुछ बोल पाता रेवा ने कहा –" हम एक नई शुरुवात करे? "

अर्जुन: मतलब??

"फ्रेंड्स ? कुछ ही महीनों के लिए साथ है हम! अच्छी यादें बनाते है !! ", रेवा ने अर्जुन की और अपना हाथ बढ़ाते हुए कहा।

रेवा की इस बात पर अर्जुन रेवा के हाथ को एक टक देखकर कुछ सोच रहा था । जब रेवा ने अर्जुन को गहरी सोच मैं डूबा देखा तब उसने पूछा – "सोचिए मत ज्यादा आपको पता नही की कितने सारे लड़के इस मोमेंट के लिए लाइन में लगे हुए है । आपको ऑफर दे रही हो तो एक्सपेट कर लीजिए"

"और तुम्हे भी पता नही की कितनी सारी लड़किया मेरा हाथ पकड़ने के लिए लाइन में खड़ी है ! लेकिन...आज जिंदगी में पहली बार किसी लड़की का हाथ थामने जा रहा हूं तो तुम बहुत लकी हो। खुद पर प्राउड फील करो तुम", अर्जुन ने इतराते हुए कहा ।

"अच्छा जी!! खुद की तारीफ करना आप कभी नही बंद करोगे ना !! ", रेवा ने हंसते हुए कहा ।

"कभी भी नही। इतना हैंडसम हूं तो शो ऑफ करना तो बनता है ना ", अर्जुन ने कहा ।

" You know what जब हमारा कॉन्ट्रैक्ट खत्म होगा ना उसके बाद भी में आपको कभी नही भूलूंगी । और ये कॉन्ट्रेक्ट खतम होने के बाद आप जिस भी लड़की से शादी करोगे ना वो लड़की सच मैं बहुत लकी होगी । उसे आप जैसा हसबैंड मिलेगा। और मां की तो बात ही कुछ और है । वो बेस्ट है । और जब आप शादी करोगे तो ऑफ कोर्स अपने स्टैडर्ड की लड़की से करोगे। मेरी जैसे कोई लोवर क्लास लड़की नही होगी वो...", रेवा ने अपने चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कुराहट के साथ कहा।

"मुझे किसके भी साथ शादी नही करनी। प्यार व्यार सब फालतू की बाते होती है । सिर्फ वक्त बर्बाद होता है और कुछ नही। और जब तुम यहां से जाओगी ना कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद तब तुम किसी पर भी विश्वास मत रखना। बहुत easily trust करती हो तुम । वैसे एक बात बताओ!! तुम्हे डर नही लगता मुझसे? मैंने कभी तुम्हारा गलत फायदा उठाया तो ? तुम मेरे ही रूम मैं मेरे साथ एक बेड पर इतनी आराम से कैसे सो सकती हो? ", अर्जुन ने अपनी एक आईब्रो ऊपर करते हुए पूछा।

"क्योंकि आप बाकी लोगों की तरह नही है । आपको फायदा उठाना होता तो कब का उठा लिया होता । इतना सेफ फील मैने मेरे लाइफ मैं कभी फील नही किया था ।", रेवा ने अर्जुन की तारीफ करते हुए कहा ।

अर्जुन: तुम मेरी तारीफ कर रही हो!! क्या बात है!! आज सूरज पश्चिम से निकला है !!

रेवा: हा मैं आपसे कंप्लेंट भी करती हूं ना ! तो कॉम्प्लीमेंट भी तो दूंगी ना !!

"तुम रुको यही....में अभी आया बस एक मिनिट के लिए जा रहा हूं ...जाना मत कही भी", अर्जुन ने कहा और वहा से चला गया।

रेवा अर्जुन का वेट कर ही रही थी । तभी पीछे से आते हुए एक औरत ने रेवा की बाजू को कसकर पकड़ते हुए कहा –"तू यहां !! तुझे तो आज घर लेकर जाऊंगी ....बहुत हिम्मत बढ़ गई है ना तुम्हारी !! सब उतरती हूं तेरे तेवर .. ऐसी सजा दूंगी ना की अगली बार सास भी मुझे लेकर लेगी तू। तेरी हिम्मत कैसी हुई शादी के बीच से ही भागने की? अब तुझे उस आदमी के पास दूंगी डबल पैसे देगा वो मुझे...", इतना बोलकर रेवा की सौतेली मां उसे खींचकर अपने साथ ले जाने लगी।