Fight for War and love - 5 in Hindi Love Stories by Mini books and stories PDF | Fight for War and love - 5

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Fight for War and love - 5



रिदम झटके से बिस्तर से उठी और चादर हटाकर जमीं पर उतरकर अभिमन्यु को ढूंढने लगी उसके रूम में कोई नहीं था वो सोच में पड़ गई अभिमन्यु घायल है वो यहां आया था बिस्तर पर था ,उसने बिस्तर पर सफेद चादर को देखी जो सफेद ही था लेकिन अभि तो खून से लथपथ था वो अब खुद जमीन पर बैठी और सोचने लगी उसने शायद सपना देखा था .. हां मैंने सपना देखा है और कुछ नहीं पर ऐसा सपना कैसे आया मैं तो कभी अभि के बारे में सोचती भी नहीं और ना हमारी बात होती है फिर कैसे ,वो सोचते हुए वाशरूम गई....

थोड़ी देर बाद...

रिदम हॉस्पिटल जाने के लिए तैयार होकर नीचे आई उसका मन आज बहुत भारी हो चली थी और दिल जम रहा था आखिर वो सपना क्यों आया , अभिमन्यु ठीक तो होगा ना अचानक सपने में कैसे वो इस तरह... फिर अपने डैड ,भाई और मॉम को विश किया,"गुड मॉर्निंग डैड ,गुड मॉर्निंग मॉम , गुड मॉर्निंग रोहित,उसकी मुस्कान झूठी थी उसने चेयर खिसकाकर बैठी ..!!

सिमरन शिकायत वाली भाव में थी मिस्टर मेहरा से रिदम का शिकायत कर रही थी क्योंकि रिदम अपने ससुराल वालों को बिल्कुल भाव नहीं देती उसकी कद्र नहीं करती उन लोगों के प्रति उसका रवैया कठोर है , उसने ना अभिमन्यु और ना अपनी सास के फोन का जवाब देती है ..

मिस्टर जय मेहरा ने मुस्कुराते हुए रिदम को देखकर बोला,"क्या बात है रिदम तुम आज परेशान लग रही हो तुम्हारी मॉम ने कहीं ज्यादा तो नहीं डांट दिया ..??

रोहित रिदम से दो साल बड़ा था उसने मुस्कुराते हुए कहा,"हां आजकल मॉम रिदु को ससुराल भेजने के ऑपरेशन में लगी है , क्योंकि उसके ससुराल से हर सप्ताह मॉम के पास शिकायत आ रही है रिदम फोन पर बात नहीं करती वो वहां नहीं आना चाहती वगेरह वगेरह..!!

सिमरन बोली रिदम को देखी फिर बाप बेटे को देखकर बोली ,"तो बुरी बात क्या है ,अभि तो अपने ड्यूटी पर रहता है तो बहू साथ में रहे ये सब पैरेंट्स चाहते हैं, और हमारी परम्परा ही है शादी के बाद कुड़ी ससुराल में रहे ,और ये डॉक्टरनी तो शादी के एक महीने तो नहीं रही आ गई पंद्रह दिन में मुझे कॉलेज जाना है बोलकर उन लोगों ने कितना बोले कि फ्लाइट से रोज आना जाना हम खर्चे देने के लिए तैयार हैं पर ये महारानी को डिस्टर्ब हो रहा था ,अरे ठीक है तुम पढ़ाई कर रही हो पर महीने में हर सप्ताह उन लोगों से मिलकर आ जाओ कौनसी मुंबई सात समुंदर पार है और तो और सप्ताह नहीं जाना तो कोई बात ना तुम फोन करके हालचाल पूछ लो पर ये सब आता कहां है सिर्फ डॉक्टर के किताबे और हॉस्पिटल के मरीज़ इसके जिंदगी बन गई हैं ,सीधे सादे लोगो को भी ऐसा बहू मिली है सारी ग़लती तो हम पर निकालते होंगे वो लोग ...

रिदम चुपचाप मम्मी की बात सुन रही थी और सपने मे जो देखा था अभिमान की हालत उसे अंदर तक हिला रही थी ..!!

सिमरन ने रिदम को ताना मारते हुए कहा,"वक्त रहते सुधर जाओ वरना सिर्फ पछतावा ही नसीब ना बन जाए ..!!

मिस्टर जय मेहरा ने कहा,"सिम्मी जी शांत रहेंगी आप बच्ची को नाश्ता करने दीजिए वो बस अपने सपने के पीछे है शादी उसकी पहली प्रयोटी नहीं थी हमने ही अच्छा बड़ा खानदान देखा और लड़का को व्यवहारिक देखा इसलिए शादी कर दिया और रिदम तो शुरू से खिलाफ थी शादी की वो खुश नहीं रह पाएगी क्योंकि रिदम का पहला प्यार डॉक्टर बनना था अब प्लीज़ सब लोग अपने अपने तरीके से काम करो ..

रिदम को आज अच्छा फील नहीं हो रहा था वो नाश्ता करके उठते हुए बोली ,"मेरा नाश्ता हो गया है मैं हॉस्पिटल जा रही हुं ...

मिस्टर मेहरा ने पूछा,"रिदु ,अभी और कितने दिन जाना है हॉस्पिटल और इंटर्न शीप के लिए कहा जाना चाहती हो ..!!

रिदम चेयर के पीछे खड़े हुई और जवाब दिया,"डैड अभी एक दो सप्ताह और है हॉस्पिटल में कुछ केस है जिसे हम सीनियर डॉक्टर के मदद के लिए रखा है और इंटर्न शीप के लिए मैंने दो तीन जगह डाल दिया है ..!!

सिमरन ने कहा,"इंटर्न शीप के लिए तू दिल्ली डाल देना ताकि अभि से मुलाकात हो सप्ताह में वो कश्मीर से दिल्ली आ सकता है ..!!

रोहित ने मुस्कुराते हुए कहा,"रिदु कान खोलकर सुन ले मदर इंडिया ने जो कहा है ..!!

रिदम के फोन बजने लगी फिर वो जाते हुए बोली,"ठीक है मैं चलती हूं बाय ...!!


मुंबई में..

ओबेरॉय मेंशन में...

आज इस परिवार मे भी अनजान भय था बार बार अभि की बातें हो रही थी..

आंचल ओबेरॉय अभिमन्यु के कमरा को मेड से क्लिन करवा रही थी और अभि के कुछ फोटो को प्यार से पोछते हुए आंखों में ढेर सारा प्यार उड़ेल रही थी ..!!

मेड बोल रही थी,"मेम साहब आपको अभि सर कि बहुत याद आती है ना ,अभि सर तो अपने बेस से अभी तक नहीं आए क्यों ..!!

आंचल फोटो देखते बोली ," अभि कोई मामूली सोल्जर नहीं है उसके ऊपर बहुत बड़ी रिस्पांसिबिलिटी है वो जब से कैप्टन बना है तब से मिशन पर अधिकतर रहता है इसलिए वो घर कम आता है..

दोपहर भी ढलने लगी तभी...

हॉस्पिटल एम्स में ...

रिसेप्शन पर दो यंग मैन आया और रिसेप्शनिस्ट से बोले ,"एसक्यूसमी मैम क्या हम डॉ. रिदम मेहरा से मिल सकते हैं ..??

रिसेप्शनिस्ट ने सवाल किया,"सर आप लोग क्यों मिलना चाहते हैं कोई प्रॉब्लम है तो ये फार्म फिलिप कीजिए और डॉक्टर से मिल लीजिए..

एक यंग मैन ने कहा," मैम हम स्पेशली डॉ रिदम से ही मिलने आए एक बार बात करवा दीजिए हम उसके फैमिली से है ..!!

रिसेप्शनिस्ट ने कहा,"ओह अच्छा , ठीक है आप वेटिंग रूम में वेट कीजिए मैं डॉक्टर से कंसल्ट करके भेजती हुं ...

थोड़ी देर बाद...

रिदम वेटिंग रूम के तरफ आई कौन है जो मेरे फैमिली से जो घर ना जाकर हॉस्पिटल मिलने आए हैं
,वो इसी उधेड़बुन में रूम में आई तो दो यंग मैन आकर रिदम के सामने खड़े हुआ..

रिदम ने अपनी भौहों को सिकोड़ कर याद करने लगी इन दोनों से वो कब मिली और कैसा रिलेशन है ,शायद एक यंग मैन का चेहरा याद आ रहा था पर वो फैमिली से है कंफर्म नहीं है ..

वो दोनों यंग मैन ने अपना अपना परिचय दिया

मैं मिहिर हुं भाभी अभिमन्यु का दोस्त ..!!

मैं ध्रुव मेहता हुं भाभी अभिमन्यु का दोस्त आपसे हम दोनों ने आपकी और अभिमन्यु के शादी में मिले थे ..!!

रिदम को ध्रुव याद आया उसने ही तो शादी में अभिमन्यु का जूता लाकर उसकी कजन बहनों को दिया था उसके सामने में और हीरो बन गया था..रिदम ने कहा,"हां मुझे याद है ..!!

मिहिर और ध्रुव का चेहरा काला पड़ गया था और बहुत दुखी लग रहा था फिर ध्रुव ने कहा,"भाभी हम आपको दिल्ली आर्मी हॉस्पिटल ले जाने आए हैं ,अभि हॉस्पिटल में बहुत गंभीर रूप से घायल होकर एडमिट है और डॉक्टरों ने कुछ भी नहीं कह पा रहे इसलिए आपको लेने आए हैं ..!!

रिदम के आंखें फैल गई और एक झटका लगा वो सपना सही है , फिर वो अपने आप को संभालते हुए बोली,"अभि ..अभि के फैमिली को बताया है..??

To be continued...

पाठकों कृपया कहानी पसंद आ रही है तो अपनी कमेंट्स ज़रूर दीजियेगा उत्साहवर्धन होगा
जय श्री कृष्णना 🙏