संदीप अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था।
बचपन से ही काफी लाड प्यार में पला था। उसके माता-पिता उसकी हर इच्छा पूरी करते थे। बचपन से ही थोड़ा शरारती था। और उसे रफ़्तार से तो बड़ा ही प्रेम था ,चाहे वह जिंदगी की हो या गाड़ी चलाने की । वह हर काम जल्दी बाजी में करता था।
जब वह 8 साल का हुआ उसने अपने पिता से बर्थ डे गिफ्ट में साइकिल की डिमांड कर दी। माता-पिता ने भी उसकी ख्वाहिश पूरी कर दी। वह जब भी साइकिल चलाता खूब तेज चलाता जिस चक्कर में खुद भी गिरता और अपने दोस्तों को भी गिराता। कितनी बार उसे चोटें लगी फिर भी नहीं मानता।
कई बार तो वह बाइक व कार से भी टकराते टकराते बचा लेकिन इन सबसे उसे कोई फर्क़ नहीं पड़ता। उल्टा बात घर तक न पहुंचे इसके लिए फटाफट ' सॉरी अंकल ! गलती से हो गया,आगे से ध्यान रखूँगा' कहकर निकल जाता।
फिर भी किसी तरह बात उसके घर तक पहुंच ही गयी । उसके माता-पिता उसे हमेशा समझाते बेटा रोड पर हमेशा आराम से साइकिल चलाया करो
"तेज रफ़्तार बिल्कुल भी ठीक नहीं चाहे वह गाड़ी की हो या जिन्दगी की " दोनों स्थिति में नुकसान हमारा ही है।
उसके दोस्त उसे समझाते तो उल्टा वहीं उन्हें समझा देता और डायलॉग बोलता "डॉन की स्पीड में ब्रेक लगाना मुश्किल है", हा हा 😃😃।
जब वह 17 साल का हुआ तब उसने अपने माता-पिता से बर्थ डे गिफ्ट पर बाइक मांग ली।
पहले तो उसके माता-पिता ने उसे बाइक के लिए मना कर दिया लेकिन फिर उसकी जिद के आगे वे झुक गए।
लेकिन साथ ही उन्होंने उसे कह दिया जब तक 18 साल के नहीं हो जाते और तुम्हारा लाइसेन्स नहीं बनता मैन रोड और मार्केट में गाड़ी नहीं ले जाओगे। संदीप भी उनकी बात मान जाता है और सिर्फ कॉलोनी के आस-पास ही बाइक चलाता ।
घर के पास के प्ले ग्राउंड में अपने दोस्तों को ,कभी अपनी बाइक की स्पीड तो कभी बाइक पर स्टंट्स करके दिखाता। उसके दोस्त खुश होकर खूब तालियां बजाते और वह भी बहुत खुश होता। उसकी बाइक की स्पीड की वज़ह से उसके दोस्त उसे "स्पीडी " बुलाते थे।
संदीप जैसे ही 18 साल का हुआ, सबसे पहले उसने ऑनलाइन लाइसेन्स के लिए अप्लाई कर दिया । कुछ ही दिनों में उसे उसका लाइसेंस मिल गया। लाइसेन्स के मिलते ही मानो उसकी खुशियों को और उसकी रफ़्तार को तो जैसे पंख मिल गए थे। वह खुशी से फुला नहीं समा रहा था।
12वी के बाद उसे इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन मिल गया। दोस्तों के साथ बाइक से कॉलेज आना जाना उनके साथ मस्ती करना ,
उन्हें अक्सर नए नए स्टंट्स दिखाना उसका शौक बन गया था। कॉलेज का तो वह 'हीरो' बन गया था।
सभी कोई उसका दोस्त बनना चाहता था चाहे वह लड़के हों या लड़कियाँ। वह खुद भी अपने को किसी 'हीरो' से कम नहीं समझता था। कॉलेज मे लड़कों के साथ अक्सर बाइक रेसिंग करता रहता था।
एक दिन उसने अपने दोस्तों के साथ मूवी देखने का प्लान बनाया। उसके दोस्तों ने उसे चैलेंज दिया की वह अपने घर से मूवी प्लाजा में 10 मिनट में पहुंच गया तो हम मान लेंगे तू "स्पीडी" है नहीं तो फिर संदीप। उसने भी कह दिया 'ओके डन '👍
संदीप उस दिन अपने घर से हडबडी मे बाइक लेकर निकल गया और जल्दबाजी में हेल्मेट लगाना भूल गया, थोड़ा आगे जाकर उसे हेल्मेट का याद भी आया तो उसने चैलेंज पूरा करने के चक्कर में उसे नजर अंदाज कर दिया।
आगे जाकर मैन रोड से कुछ दूरी पर एक ट्रक से उसका भयंकर एक्सीडेंट हो गया । उसके सिर में और शरीर में गंभीर चोटें आई। इस आनन-फानन में ट्रक वाला खुद के फंसने के डर से तेज रफ़्तार मे भाग गया , संदीप को आसपास के लोगों ने कैसे भी करके अस्पताल पहुंचाया। और उसके जेब से मिली आइडेंटिटी से उसके घर वालों को फोन करके बुलाया।
इस बुरी खबर को सुनते ही उसके माता-पिता बहुत सदमे में आ गए और उनकी चीख सुनते ही उनके पड़ोसी उनके घर पहुंच गए और उनकी हिम्मत बाँधते हुए उन्हें अस्पताल ले गए ।
संदीप को आईसीयू में गंभीर हालत में देखकर उनका कलेजा बैठा जा रहा था। डॉक्टर ने उन्हें बताया उसके सिर पर बहुत गहरी चोट लगी है संदीप के कोमा में जाने के चांसेस 80 % है।
खून भी बहुत बह गया है, दोनों पैर भी बुरी तरह फैक्चर हो गए हैं।
यह सुनकर उसके माता-पिता बहुत जोर से रोने लगते हैं 😭😭
संदीप के पिता रोते हुए कह रहे थे, कितनी बार समझाया उसे , हमेशा हेल्मेट लगाकर ही बाइक चलाना , फिर भी कह देगा रोज तो लगाता ही हूं डैड,बस कभी-कभी भूल जाता हूँ । आज उस भूल की सजा भुगत रहा हैं।
और फिर जोर जोर से रोने लगते हैं 😭😭
थोड़ी देर बाद फिर उसकी गंभीर हालत देखते हैं उन्हें फिर रोना आ जाता है और रोते हुए कहते हैं कितनी बार समझाया उसे ,
" तेज रफ़्तार बिल्कुल भी ठीक नहीं चाहे जिंदगी की हो या गाड़ी की "
दोनों ही स्थिति में नुकसान हमारा हैं।
पर समझे तब न उल्टा वहीं हमें समझा देता, डोंट वरी डैड ,आपके 'स्पीडी ' को कुछ नहीं होगा।
और आज देखो ,
"खुद भागते हुए जीवन से जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है "
बोलकर खूब जोड़ जोड़ से उसके माता-पिता रोने लगते हैं।
✍दोस्तों ,जब भी आप टू व्हीलर से निकले हमेशा हेल्मेट अवश्य लगाये।
✍गाड़ी की स्पीड हमेशा लिमिट में रखें।
✍बड़ों की सलाह पर हमेशा ध्यान दें ।उनकी बातों को नजरअंदाज न करें।
"क्योंकि जान हैं तो जहान है "
✍🌹देवकी सिंह 🌹