Pyar me Dhokha - 8 in Hindi Love Stories by Singh Pams books and stories PDF | प्यार में धोखा - भाग 8

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प्यार में धोखा - भाग 8

और तारा अपनी मां का पत्र पढ़ कर परेशान हो गयी थी और तारा ने मां का पत्र तेजस और जूली को पढ़ने के लिए दिया और पत्र पढने के बाद तेजस ने कहा तारा अब निर्णय तो तुम्हे ही करना होगा एक तरफ मैं हूं और दूसरी तरफ तुमहारी मां ने तुम्ह लिए रिशता ढूंढा लिया है और तुम क्या चाहती हो ये तुम्ह ही तय करना है एक तरफ तुम्ह प्यार हैं दूसरी तरफ वो अनजान शख्स जिसे तुम अभी तक मिली भी नही हो र और बैसे भी तुम अब बालिग हो चुकी हो और तुम कहों तो हम दोनों कोर्ट में जा कर शादी कर सकते हैं तो तारा ने कहां नही मैं अपनी मां को धोखे में रख कर शादी नही कर सकती क्योंकि हमारी मां ने हमें हमे पालने में बहुत कष्ट सहे है और मैं मेरी मां के खिलाफ जा कर ये शादी नही कर सकती और अब तारा ये भी सोच रही थी कि अब अगर मैं मां का कहना मान कर शादी कर भी लूं तो क्या मैं खुश रह पाऊगी तारा अब भी किसी निर्णय नही ले पा रही थी लेकिन तेजस ने तारा को कोर्ट मैरिज करने के लिए दबाव बना रहा लेकिन तारा का मन अपनी मां को अंधेरे में रख कर अपनी जिंदगी की नयी शूरू आत नही करना चाहती थी और तारा के मन में ये बात थी कि मेरी मां मुझे अपने होथों से अपने घर से विदा करें और फिर तारा ने तेजस से कहा हमे एक बार मां से बात करनी चाहिए और तेजस भी तारा की बात का कोई विरोध नहीं किया दोनों तारा की मां से मिलने के गांव में पहुंच गए और तेजस ने अपना परिचय देते हुए तारा का हाथ मांग लिया
लेकिन तारा की मां रामा देवी ने कहा लेकिन बेटा आपका और हमारा क्या मेल आप एक अमीर घर से हो और हम एक मध्यवर्गीय परिवार से हैं हमे तो हर महिने सोच समझ कर घर खर्च चलाना होता है और आप को हमारा जमीन आसमान का अंतर हैं और रिश्ता तो बराबरी वालों हो वही अच्छा होता है तब तेजस ने कहा आंटी आप चिंता मत किजिए हमें कोई दहेज की मांग तो नही कर रहे क्योंकि मेरे प माता-पिता और मैं दहेज लेने देने के सख्त खिलाफ है तो आप किसी चीज की चिंता मत किजिए और मुझे आपक बेटी बहुत पंसद है तो त और आप अपनी बेटी को तीन कपडों में भी विध ककरेगी तो मुझे कोई एतराज नहीं होगा तभी फिर तारा की मां ने कहा वो सब ठीक है ब अब जब तुमने ठान ली है तारा से शादी करने की तो फिर तुम अपने माता-पिता को बूला लो तब सब मिल कर बात पक्की करते हैं और तारा की मां हैरानी हो रही थी कि इतने बड़े घर का रिश्ता वो खुद चल कर मेरे दरवाजे पर आया है और बेटी के खुशी के लिए रमा सोच में पड़ गयी थी की चलों एक तरफ से अच्छ है मेमेरी बेटी सूख चैन की जिंदगी बसर करगी
✍️क्रमशः ✍️