Amavasya - 3 in Hindi Horror Stories by Sonali Rawat books and stories PDF | अमावस्या - 3

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अमावस्या - 3

तब विराट ने कहा हमारे पास कल का वक़्त है और परसों अमावास है तुम लोगो को किस किस चीज का इंतजाम करना है!

मैं बताऊँगा अब आप लोग निडर होके अपने घरों मैं सो जाइये सुबह मैं सबको बता दूंगा!विराट को गांव वालों ने बढ़िया पकवान मिठाइयाँ और खूब मेहमान नमाजी की और बढ़िया बिस्तर पर सुलाया सुबह होकर विराट ने सब गांव वालो को इकट्ठा होने को कहा थोड़ी देर मैं सारा गांव इकठ्ठा हो गया तब उसने सबको बताया हम सबको मिलकर उस चुड़ैल को मारना होगा!मैं सब को बताता हूँ हमे क्या करना है!कल रात पूरे गांव मैं उजाला होना चाहिए कोई भी घर बिन उजाले के नहीं होना चाहिए पूरे गांव को दीपावली की तरह सजा दो और सब लोग घर से बाहर होने चहिये मेरी नजरों के सामने और राजू तुम अपने घर मैं हवन की सामग्री के साथ वहां बैठोगे मैं यहाँ से मंत्र पढूंगा और तुम आहूति दोगे और नीरज तुम जंगल मैं दो लोगो के साथ उस चुड़ैल की कब्र को खोद कर उसके शरीर को जलना होगा मैं तुम्हे कल सुबह यहीं मिलूंगा अब सब लोग तैयारी करो!

उस दिन की रात कब बीते सबको यही इंतज़ार था!सुबह होते ही विराट ने सब गांव वालो को इकट्ठा किया और कहा तैयारी हो चुकी हैं गांव वाले हाँ हमने अपने घर मैं खूब सारे दीपक तैयार कर के रख दिए हैं!सारी तैयारी हो गयी हैं!शाम होते ही उसने नीरज से कहा तुम दो लोग लेकर यह लो अभमंत्रित नीबू यह तुम्हें वह कब्र कहाँ है यह बताएगा यह जहाँ भी लाल हो जाये वही उसकी कब्र है!और यह लो लहशुन की मालायें अपने-अपने गले मैं डाल लो इससे वो तुम्हें छू भी नहीं पाएगी चाहे वो कुछ भी करे तुम डरना मत वो किसी भी तरह तुमसे इस माला को उतारने की कोशिश करेगी पर तुम यह गलती मत करना वरना वो तुम्हें मार देगी अब तुम लोग जाओ अपना ध्यान रखना वो लोग फावड़े उठाकर जंगल की और चले गए इधर सब लोग इकट्ठे होकर बैठे उस चुड़ैल का इंतज़ार कर रहे थे!उधर राजू अपना आशन लगाये हुए हवन पर बैठा था!रात के बारह बज रहे थे कि किसी के पैरों कि आहट सुनाई दी सब लोग उधर देखने लगे तो क्या देखते हैं कि बाल फिकरे हुए सफ़ेद साडी मैं एक औरत चली आ रही है!उसने गांव मैं रात रोशनी देख वह रुकी और फिर आगे बढ़ी उसने देखा कि सारे गांव वाले बाहर बेठे हैं जैसे कि उन्हें बिलकुल डर नहीं किसी बात का वह जोर से चिल्लाई अरे मूर्खो मरने कि इतनी जल्दी है हा हा हा हा तो यह लो उसने जोर से हवा चलाई कि सारे दीपक बुझ गए सारे गांव मैं अँधेरा हो गया सारे लोग डरने लगे वह कभी इधर धिखे कभी उधर हा हा हा हा हा अब तुम सब लोग मरोगे ऐसा होते देख विराट ने कहा रुक जाओ इन गांव वालो को छोड़ मुझ से लड़ इनसे मैंने कहा था यह सब करने को चुड़ैल बोली तू कौन है! वह बोला मेरा नाम विराट है और तुम किसी को बिना नुकसान किये हुए यहाँ से चली जाओ वरना मुझे तुम्हे मारना पड़ेगा चुड़ैल तू मुझे मरेगा हा हा हा हा हा यह मुझे मरेगा यह ले उसने उसको अपनी शक्ति से बहुत दूर फ़ैंक दिया और वह दीवार से जा टकराया विराट आ आ आ मेरा सर लगता हे इसे सबक सीखन ही पड़ेगा उसने अपनी तलवार निकाली और उस पर हमला कर दिया वह एकदम गायब हो गयी उसका वार खाली निकल गया अब वो गायब हो गयी बस आवाज सुनाई दे रही थी!विराट ने भगवान् से प्रार्थना की और आंखें खोली अब उसे वह चुड़ैल दिखाई देने लगी उसने अपने अपनी तलवार से उसके चोट पहुंचा दी अब वह अपने को हारता देख वह राजू की और लपकी विराट ने मंत्र पढना शुरू किये है प्रभु मैं अपने पापो को कबूल करता हूँ मुझे माफ़ कर दो मैं आगे से कभी ऐसी भूल नहीं करूंगा यही राजू

दोहरा रहा था!और वह हवन मैं आहूति दे रहा था!वह उसके ऊपर लपकी उस से पहले ही विराट ने अपनी तलवार निकाली और उसके पेट मैं घुसेड दी तलवार उसके पेट को चीरते हुए पार निकल गयी वो चिल्लाई आ आ आ वो भागती हुयी जंगल की और चली गयी उधर नीरज और उसके दोस्तों को वो कब्र मिल गयी वो उसे खोद ही रहे थे कि उन्हें किसी के चिल्लाने की आवाज आई वो समझ गए की चुड़ैल आ रही उनके खोदने की स्पीड बढाई और उस की लाश को निकाला वो उस लाश को निकाल पाए ही थे!की वह वहां आ पहुँची वो उन पर झपटी जैसे ही उसने उन पर हमला करना चाहा वह चीख कर ददोर जा गिरी वह लहसुन को देख कर दूर से ही चिल्लाये जा रही थी!उसे मत छुओं उसे मत जलाओ तब तक विराट भी उसका पीछा करते हुए वहां आ पहुंचा उसने कहा जल्दी से इस शरीर को जला दो उनके तो हाथ काँप रहे थे माचिस भी नहीं जल रही थी और वह चिल्लाये नहीं नहीं नहीं जा रही थी नहीं मुझे छोड़ दो उसे मत जलाओ मच्चिस जलते ही उसने उसमें आग लगा दी शरीर जलने लगा और वह भी जलने लगी वो आ आ आ आ नहीं मुझे छोड़ दो मुझ पर रहम करो आ आ आ आ आ आ आ आ और वह राख के ढेर मैं परवर्तित हो गयी विराट ने उन तीनो को शाबासी दी और वह गांव वापस आ गए सारे गांव वाले अब बहुत खुश थे! सब ने विराट का धन्यवाद किया सुबह होते ही विराट ने कहा अब मुझे चलना चाहिए सब गांव वालो की आँखों में आंशु आ गए!और सब को राम-राम कर के विराट आगे बढ़ गया l