उसकी बजह से सारा गांव मुसीबत मैं पड़ गया है!
यह बात सुनकर राजू भी वहां पहुँच गया और सब बातें सुनकर उसके होश उड़ गए और वह घबरा सा गया और कहने लगा वो चुड़ैल कोई और होगी वह चुड़ैल नहीं बन सकती वह तो अनाज लेकर भाग गयी है!कुछ गांव वालों ने कहा वो तो अमवस्या को ही पता चलेगा कि किसने उसकी हत्या कि थी!चलो आने अपने घर जाओ सब लोग जो होगा देखा जायेगा!
राजू के चेहरे पर तो १२ बज ही गए थे और वह भागता हुआ अपनी बीवी के पास पहुंचा और बोला कि "हम लोग अब नहीं बचेंगे आज से तीन दिन बाद अमवस्या को वो चुड़ैल हमे मार डालेगी। "
वो बोली "तुम पागल तो नहीं हो गए तुम्हारी तबियत तो सही है क्या हो गया है चुड़ैल हमे मार डालेगी कौन चुड़ैल "
"अरे वही नीरज की बीवी जिसको हमने मार कर जंगल मैं दफना दिया था!क्या हाँ वो सारे गांव वाले कह रहे थे!"
नीरज ने यह सारी बातें छुप कर सुन ली थी! और अनजान बनकर बोला "भइया इतना क्यों डरे हुए हो कौन तुम्हे मार डालेगा"
राजू "अरे नहीं वो तो मैं तुम्हारी भाभी को उस चुड़ैल के बारे में बता रहा था!" फिर यह सुनकर नीरज चला गया पर राजू की रातों की नीद खराब हो गयी वह बहुत डरा हुआ था वह सपने मैं भी उस चुड़ैल को देखकर डर जाता था!वो और उसकी पत्नी बहुत परेशान थे उसकी पत्नी सोचती थी कि पहले वो मुझे मारेगी और वो अपनी सोचता था!दोनों ही
डरे हुए थे उन्हें समझ मैं नहीं आ रहा था कि क्या करे !दो दिन ऐसे ही निकल गए तीसरे दिन अमावास थी|
सारा गांव डरा हुआ था सब लोग यही बात कर रहे थे पता नहीं आज किसकी मौत है!शाम होते ही सब लोग दरवाजा बंद कर के सो गए रात के बारह बज गए थे सारा गांव जाग रहा था नीरज तो बे फिक्र होक बाहर ही सो रहा था!गांव वालों को तो उस मनहूश घडी का इंतज़ार था!सारे गांव वाले डरे हुए थे!कुत्तेभोंक रहे थे पता नहीं कौन सी कयामत आने वाली है!अचानक किसी स्त्री की रोने की आवाज सुनाई दी सारे लोग डर गए वो समझ गए की वो आ चुकी है!नीरज ने देखा कि एक औरत रोते हुए उसकी और आ रही है बाल फिकरे हुए चेहरे पर चांदनी रात मैं उसकी आंखें चमक रही थी!वह पहले तो डरा वह उसके पास आकर बोली" तुमने मेरी खबर तक नहीं ली कि मैं कहाँ चली गयी हूँ तुम भी इन गांव वालों की बातो मैं आ गए तुम्हे पता है जब तुम उस दिन बाहर गए थे उस दिन इन लगों ने मुझे मारकर सारा अनाज चुरा लिया था!"
"हाँ मैं जानता था कि कुछ तो जरूर हुआ है पर तुम इस हालत मैं मैंने कभी सोच भी नहीं सकता और तुम मेरे भाई को मारने के लिए यहाँ आई हो जाओ लौट जाओ भगवान् ने चाह तो सब कुछ ठीक हो जायेगा मैं भगवान् से प्रार्थना करूंगा!"वो चिल्लाई नहीं तुम्हे तो मेरे साथ होना चाहिए था तुम भी इन गांव वालों कि तरह बन गए भगवान् क्या ख़ाक ठीक करेगा अब मैं इस गांव को बर्बाद करूंगी और तुम्हे क्या लगता है कि मैं तुम्हारे कहने पर तुम्हारे भाई को छोड़ दूंगी नहीं मैं इस दिन के लिए कितना रोई हूँ और कितना तड्पी हूँ मैं उसे नहीं छोड़ने वाली उन दोनों मैं से एक कि मौत आज ज़रूर है!"
नीरज "नहीं तुम ऐसा नहीं कर सकती "
"तुम मेरे बीच मैं मत आओ नहीं मैं भूल जाऊंगी कि तुम मेरे पति हो हट जाओ!"उसने उसे रोकने की कोशिश कि उसने नीरज को ऐसा धक्का मारा नीरज हवा मैं उडाता हुआ जमीन पर आ गिरा और वह बेहोश हो गया!यह सब राजू की बीवी गेट के छेद से देख रही थी!उस चुड़ैल ने गेट मैं धक्का मारा और उसकी बीवी के बाल पकड़ के बोली चुड़ैल तो तू है तुने मेरा सब कुछ छीन लिया अब तुम्हें नहीं छोडूंगी उसने राजू की बीवी का कलेजा चीर के उसका दिल निकाल लिया हां हा हा हा अब मुझे थोडा सुकून मिलेगा अब की बार तेरी बारी है कहाँ छुपा है तू और हाँ गांव वालो तुम भी कान खोल के सुन लो आने वाली अमावाश को तुम भी नहीं बचोगे सब के सब मरोगे हां हां हां हां बहुत सताया है!
तुम लोगो ने और हँसती हुई जंगल की और चली गयी!
सारे गांव वाले बाहर आ गए और नीरज को उठाया और उसे पानी पिला कर होश मैं लाये!उसने अपनी भाभी को मारा हुआ देख वह खूब रोया तब तक राजू भी बाहर आ गया उसने यह सब देख उसकी भी आँखों से आंशू निकल गए सारा गांव रो रहा था! सुबह उसके शव को जलाया सारे गांव वाले राजू से भला बुरा कह रहे थे कि इसकी बजह से हम सब लोग एक दिन ऐसे ही मरेंगे सारे गांव वाले हाँ इसकी ही बजह से हमारे लिए यह मुसीबत खडी हुई है!इसको तो नरक भी नहीं झेलेगा अपने ऐसे भाई के साथ तुने धोका किया है!तो (दोस्तों यह थी एक अमावास कि रात कि एक चुड़ैल की कहानी अब सुनो आगे की दास्ताँ!कि किस प्रकार उस गांव मैं दुबारा शान्ति आई!) नीरज शांत हो जाओ भगवान् हमारी मदद जरूर करेगा ऐसा तो कोई होगा जिसे हमारी मदद के लिए भगवान् भेजेगा कोई खुदा का नेक बन्दा ही अब हमे बचा सकता है!दोस्तों जब फिल्म मैं विलन होता है! तो एक हीरो का भी होना जरूरी होता है!चाहे वो अजय देवगन हो या सुनील शेट्टी! तो सुनो कहानी का अगला पार्ट अब तो सब लोग बस भगवान् से प्रार्थना करने लगे है भगवन हमे इस मुसीबत से निकालो है प्रभु अब तो हम तुम्हारी शरण मैं है भगवान् तो बस किसी न किसी बहाने से जो लोग भूल उन्हें भूल जाते है उनको याद दिलाते है तभी तो कहते है दुख में सुमिरन सब करैं और दुःख मैं करे न कोय,और जो सुख मैं सुमिरन करे तो दुःख काहे को होय!तो दोस्तों भगवान् भी बड़े दयालु हे तुरंत छमा भी कर देते है!तो उस गांव मैं किसी की मौत आने से पहले भगवान् ने एक फरिस्ते को उस गांव मैं भेज दिया उसका नाम था विराट वह भगवान् को मानने वाला एक नेक बन्दा था!वह किसी काम से वहां से गुजर रहा था! रात होने वाली थी इसलिए उसने सोचा की क्योँ न मैं रात भर यहीं ठहर जाऊं!वह उस गांव कि और चल दिया कमर मैं तलवार लटकाए हुए राजाओं जैसे कपडे पहने हुए वह पहुंचा गांव मैं अजनबी को देख कर कुछ लोगो ने पुछा कि तुम कौन हो कहाँ से आये हो उसने कहा कि मैं विराट हूँ और किसी काम से यहाँ से गुजर रहा था रात होने वाली है तो सोचा क्योँ न मैं यहाँ रात भर रुक जाऊं एक गांव वाले ने पूछ अच्छा तुम ही वो विराट हो जिसे लोग भगवान् का भेजा हुआ फरिस्ता कहते हैं!उसने कहा हाँ कुछ लोग कहते हैं!सब लोग उसके पैरों मैं गिर पड़े भगवान् ने हमारी सुन ली तुम जैसे फरिस्ते को भेज दिया हमे बचा लो विराट हमे बचा लो हमे उस चुड़ैल से बचा लो तुम्ही हो जो हमारी मदद कर सकते हैं!विराट अरे यह क्या कर रहे हो पहले खड़े हो जाओ फिर सब खड़े हो गए अब बताओ बात क्या है तुम इतने घबराए हुए क्योँ लग रहे हो अरे गांव अमिन एक चुड़ैल हम सबको मार डालेगी अरे मैं आ गया हूँ ना सब कुछ ठीक हो जायेगा आओ सारे बताओ मुझे क्या हुआ है तब गांव वालो ने सब कुछ बता दिया और राजू और नीरज को बुलाया और कहा राजू तुमसे जो लालच मैं जो कुछ हुआ बुरा हुआ उसे तुम भूल जाओ और हमारा साथ देकर इस गांव को बचाओ और नीरज तुम अपने बड़े भाई को माफ़ कर दो नीरज मैं तो भाई से कभी गुस्सा भी नहीं हुआ मगर आप लोगों को लगता है कि मैं गुस्सा हूँ तो भाई मुझे माफ़ कर देना और उसने राजू के पैर छु लिए राजू ने उसे उठाकर गले लगा लिया दोनो की आँखों से आंशू निकल रहे थे!तब विराट ने कहा हमारे पास कल का वक़्त है और परसों अमावास है तुम लोगो को किस किस चीज का इंतजाम करना है!