Rishtey.. Dil se dil tak - 13 in Hindi Love Stories by Hemant Sharma “Harshul” books and stories PDF | रिश्ते… दिल से दिल के - 13

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रिश्ते… दिल से दिल के - 13

रिश्ते… दिल से दिल के
एपिसोड 13
[रिया की रची साज़िश]

प्रदिति और आकृति दोनों कॉलेज पहुंच चुकी थीं। आकृति अपनी क्लास में चली गई थी और प्रदिति स्टाफ रूम में। कुछ देर बाद जब प्रदिति की क्लास का टाइम होने लगा तो वो स्टाफ रूम से बाहर आई वो क्लास में जा ही रही थी कि बीच में आकर एक लड़की ने उसका रास्ता रोक लिया। उसे देखकर प्रदिति की आंखें हैरानी से फैल गईं और वो बोली, "तुम? तुम यहां क्या कर रही हो?"

उस लड़की ने गुस्से से प्रदिति से कहा, "तो, तुम्हीं वो लड़की हो ना जिसकी वजह से मेरा बॉयफ्रेंड कल घायल हुआ था और आज वो लॉकअप में है।"

प्रदिति अपने हाथों को बांधकर बोली, "हां, मैं ही हूं वो लड़की और तुम्हारा बॉयफ्रेंड इसी लायक है। किसी लड़की की भावनाओं के साथ कैसे खेल सकता है वो और मुझे तो ये समझ नहीं आता कि उसकी गर्लफ्रेंड होकर तुम उसके इस घिन्होने काम में साथ दे रही थी। तुम जानती भी हो उसने मेरी बहन के साथ क्या किया?"

वो लड़की उसी लहजे में बोली, "हां, अच्छे से जानती हूं उसने क्या किया और क्यों किया?"

प्रदिति उसकी बात सुनकर हैरान रह गई। वो लड़की आगे बोली, "वो कल रात आकृति के साथ जो भी करने वाला था वो सब वहां रखे हुए कैमरे में रिकॉर्ड हो जाता और उसके बाद हम दोनों मिलकर उसे ब्लैकमेल करते कि अगर उसने हमें हमारी मुंहमांगी रकम नहीं दी तो वो वीडियो वायरल कर देंगे।"

प्रदिति को उसकी बात सुनकर गुस्सा आ गया और वो गुस्से में ही बोली, "अरे, शर्म करो! एक लड़की होकर दूसरी लड़की की इज्ज़त को इस तरह नीलाम करते हुए तुम्हें थोड़ी सी भी शर्म नहीं आती!"

"हां, नहीं आती… और हम ये काम पहली बार नहीं कर रहे थे, अब तक बहुत सारी लड़कियों से इसी तरह पैसे वसूले हैं हमने।", उस लड़की ने बड़ी ही बेशर्मी से कहा। प्रदिति फिर कुछ कहने को हुई कि वो लड़की बोल पड़ी, "तुमने अच्छा नहीं किया हमसे पंगा लेकर। इसकी सज़ा तो तुम्हें भुगतनी पड़ेगी।" उसने चुटकी बजाते हुए कहा और वहां से निकल गई।

प्रदिति उसे जाते हुए देखती रही फिर खुद को नॉर्मल करके क्लास में चली गई।

कॉलेज में लंच ब्रेक के लिए सब अपनी क्लासेज से बाहर आ गए थे। प्रदिति और आकृति वहीं बैठे हुए लंच कर रही थीं।

आकृति खाने का बाइट मुंह में रखकर बोली, "दी! वो रिया क्या कह रही थी आपसे?"

"रिया?", प्रदिति ने चौंककर पूछा तो आकृति बोली, "हां, वही लड़की जिससे आप क्लास में आने से पहले बातें कर रही थीं। वो क्या कह रही थी आपसे?"

प्रदिति अटकते हुए बोली, "अ… कु… कुछ नहीं।"

आकृति ने घूरकर प्रदिति को देखा और बोली, "दी!" तो प्रदिति ने उसकी तरफ देखा और गहरी सांस लेकर वो बोली, "वो लड़की विराज की गर्लफ्रेंड है और वो दोनों मिलकर तुम्हें फंसाने की कोशिश कर रहे थे।"

आकृति प्रदिति की बात सुनकर चौंक गई लेकिन फिर भी एक फीकी मुस्कान के साथ बोली, "अच्छा है, चलो विराज की एक और गंदी करतूत मेरे सामने आ गई। उससे नफरत करने का एक और बहाना मिल गया मुझे।" कहते–कहते आकृति की आंखें नम हो आई थीं तो प्रदिति आकृति के कंधे पर हाथ रखकर बोली, "अक्कू! वो लड़का तुम्हारे इन कीमती आंसुओं के लायक नहीं है इसलिए इनको उसके लिए मत बहाओ। उसने जो किया उसे उसकी सज़ा मिल रही है। तुम देखना उससे कहीं ज़्यादा अच्छा लड़का तुम्हारी जिंदगी में आएगा।"

आकृति अपनी नम आंखों को साफ करके बोली, "मुझे किसी लड़के की कोई ज़रूरत नहीं है मेरे लिए मेरी दी ही काफी हैं।" कहकर वो प्रदिति के गले लग गई। प्रदिति ने भी उसे गले से लगाकर उसके सिर पर चूम लिया।

कॉलेज खत्म होने के बाद प्रदिति और आकृति दोनों ही गाड़ी में बैठने लगीं कि आकृति को कुछ याद आया और उसने प्रदिति को गाड़ी में बैठने से रोका।

प्रदिति ने हैरानी से पूछा, "क्या हुआ, अक्कू? घर नहीं जाना क्या?"

आकृति– "दी! घर तो जाना है पर उससे पहले कुछ खाते हैं ना"

प्रदिति– "अभी तो हमने लंच किया था। अब क्या खाना है तुम्हें?"

आकृति– "अरे, दी! वो तो सिर्फ लंच था। अब मेरा कुछ मीठा खाने का मन कर रहा है।"

इतना कहकर आकृति ने अपने आसपास देखा कि उसकी नज़र एक आइसक्रीम वाले पर पड़ी। उसने प्रदिति से चहकते हुए कहा, "दी! वो देखिए, आइसक्रीम… चलिए ना, आइसक्रीम खाते हैं।"

प्रदिति– "अक्कू! घर चलते हैं ना फिर वहां कुछ खा लेंगे।"

आकृति ज़िद करते हुए बोली, "नहीं, मुझे अभी आइसक्रीम ही खानी है।"

प्रदिति– "अक्कू!"

आकृति फिर से ज़िद करते हुए ही बोली, "दी! मेरा बहुत ज़ोर से मन कर रहा है, प्लीज़।"

प्रदिति मुस्कुराई और बोली, "अच्छा, चलो मेरी मां… चलते हैं।"

उसकी बात सुनकर आकृति खुश हो गई और दोनों आइसक्रीम वाले के पास चली गईं।

आकृति और प्रदिति दोनों आइसक्रीम वाले के पास आईं और आकृति ने प्रदिति से पूछा, "दी! आपको कौन सा फ्लेवर चाहिए?"

प्रदिति मुस्कुराकर बोली, "जो तुम्हें पसंद हो वही के लो।"

"ओके!", आकृति ने कहा और आइसक्रीम वाले को बोलकर उसने दो आइसक्रीम ली।

"दी! आइस…", एक आइसक्रीम प्रदिति को देने के लिए वो मुड़ी लेकिन उसे प्रदिति कहीं दिखाई नहीं दी जिससे उसके शब्द उसके मुंह में ही रह गए।

उसने प्रदिति को आवाज़ दी, "दी! दी, कहां हैं आप?"

पर प्रदिति उसे कहीं दिखाई नहीं दी।

उधर किसी ने प्रदिति के चहरे से कपड़ा हटाया तो प्रदिति ने देखा कि वो एक अंधेरे कमरे में थी चारों तरफ अंधेरा था। उसने उस शख्स की तरफ देखा जिसने उसके चहरे से कपड़ा हटाया था उस शख्स के चहरे पर मास्क बंधा हुआ था। वो अपना हाथ उठाकर उससे कुछ कहने को हुई कि उसे महसूस हुआ कि उसके हाथ और पैर कुर्सी से बंधे हुए थे।

वो गुस्से में आकर बोली, "कौन हो तुम? और क्यों लाए हो मुझे यहां?"

"मैं बताती हूं।", एक तरफ से आवाज़ आई तो प्रदिति और उस शख्स ने उस तरफ देखा। अंधेरे से एक लड़की बाहर आई जब प्रदिति को उसकी शक्ल साफ दिखाई दी तो उसे समझ आया कि ये सब रिया ने ही किया था क्योंकि वो लड़की रिया ही थी।

प्रदिति खुद को उन रस्सियों की कैद से छुड़ाते हुए बोली, "मुझे लगा ही था कि ये काम तुम्हारा ही होगा आखिर तुम भी तो उस विराज की ही गर्लफ्रेंड हो बिलकुल उसी की तरह गिरी हुई। मुझसे बदला लेने के लिए मुझे किडनैप किया है ना तुमने?"

रिया अपने हाथों को बांधकर बोली, "स्मार्ट गर्ल! हां, मेरे विराज को तुमने उस आकृति की वजह से मुझसे दूर किया। अब मैं तुम्हें इस दुनिया से दूर कर दूंगी।"

फिर रिया उस शख्स से बोली, "राहुल! इस लड़की को जान से खत्म कर दो।"

राहुल का नाम सुनकर प्रदिति चौंकी और उसके मुंह से निकला, "राहुल?"

उस शख्स ने अपने मुंह से मास्क हटाया तो प्रदिति की आंखें हैरानी से फैल गईं। वो लड़का आकृति का फ्रेंड राहुल ही था।

प्रदिति हैरानी के साथ बोली, "तुम भी इस सब में शामिल हो? अरे, ऐसा कैसे कर सकते हो तुम? तुम तो अक्कू के बेस्ट फ्रेंड हो।"

राहुल– "अरे, उससे पहले मैं विराज का फ्रेंड हूं और विराज के लिए मैं कुछ भी करूंगा। अब तुम मरने के लिए तैयार हो जाओ।"

"अरे, रुको भई… इतनी भी क्या जल्दी है?", पीछे से आवाज़ आई तो रिया और राहुल ने मुड़कर उधर देखा वहां आकृति अपने हाथ बांधे खड़ी मुस्कुरा रही थी। वो वहीं से बोली, "तुम्हें क्या लगा कि मेरी दी को किडनैप करके यहां लाओगे और मुझे पता भी नहीं चलेगा? आज जब दी ने बताया कि विराज की एक गर्लफ्रेंड है और उसने मेरी दी को धमकी भी दी है तो मैं समझी गई कि तुम शांत बैठने वाली नहीं हो इसलिए मैंने जान–बूझकर दी को आइसक्रीम वाले के पास जाने के लिए बोला ताकि तुम लोगो आसानी से दी को किडनैप कर सको और तुम्हारे खिलाफ मुझे पक्के सबूत मिल सकें। वो क्या है ना मुझे अच्छा नहीं लगेगा कि मेरी वजह से दो प्रेमी अलग हो गए इसलिए मैं तुम्हें भी तुम्हारे विराज के पास पहुंचा रही हूं और मिस्टर राहुल तुम्हें तुम्हारे बेस्ट फ्रेंड विराज के पास और तुम तो हो भी इसी लायक। अरे, अपना फ्रेंड माना था मैंने तुम्हें और तुम गद्दार निकले। तुम मेरे नहीं बल्कि उस विराज के फ्रेंड निकले पर कोई बात नहीं अब तुम दोनों की शामत आई है।"

रिया एक कुटिल मुस्कान के साथ बोली, "प्लैन तो तूने अच्छा बनाया लेकिन तू ये भूल गई कि तू अकेली है और हम दो और उसमें भी तू एक लड़की है।"

"किसने कहा मेरी बेटी अकेली है?", पीछे से गरिमा जी बोलीं तो सबकी नज़र उधर चली गई। वो आगे आकर बोलीं, "अब तक मैं अपनी अक्कू के साथ थी लेकिन अब प्रदिति के साथ भी हूं और मेरे होते हुए मेरी बच्चियों को कोई हाथ भी नहीं लगा सकता।"

उनकी बात सुनकर प्रदिति की आंखें नम हो आई थीं।

आकृति हाथ बांधे ही बोली, "अब तो मुकाबला बराबर का है? तुम भी दो और हम भी।"

उधर से राहुल बोला, "लेकिन हो तो तुम दोनों औरत ही ना!" कहकर उसने एक कुटिल मुस्कान दे दी। उसकी बात सुनकर गरिमा जी की मुट्ठियां भींच गईं। उन्होंने अपनी साड़ी को बांधा और तेज़ी से भागकर राहुल के पास गईं और उसके मुंह पर एक मुक्का जड़ दिया जिससे राहुल लड़खड़ाकर नीचे गिर पड़ा। ये देखकर रिया की आंखें हैरानी से फैल गईं।

फिर अपने एक हाथ से दूसरे हाथ की कलाई को रगड़ते हुए बोलीं, "क्या बोला था तुमने कि हैं तो हम दोनों औरत ही… पर ये क्या हुआ तुम तो एक औरत के हल्के से मुक्के से ज़मीन पर गिर पड़े!" गरिमा जी ने कहा तो गरिमा जी और आकृति दोनों ही हँस गए।

उधर गुस्से में रिया ने एक डंडा उठाया और गरिमा जी के पीछे से उनके ऊपर मारने को हुई कि आकृति ने उसे आकर पकड़ लिया और बोली, "ओहो, ये क्या? तुम तो बड़ी कायर निकली… अभी तो इतनी बड़ी–बड़ी बातें कर रही थी और अब पीछे से वार कर रही हो? अरे, हिम्मत है तो सामने से वार करो ना।"

रिया उससे डंडा छुड़ाने की कोशिश कर रही थी लेकिन आकृति उसे कसकर पकड़े हुए थी। गरिमा जी भी ये देखकर मुस्कुरा रही थीं। अचानक से उन्हें प्रदिति की चीख सुनाई दी। जब दोनों ने उस तरफ देखा तो राहुल प्रदिति के गले पर चाकू रखकर खड़ा था। उसे देखकर वो दोनों ही डर गईं।

राहुल एक कुटिल मुस्कान के साथ बोला, "बहुत होशियार बन रही थीं ना दोनों मां–बेटी… अब बताओ, क्या करोगी?"

उसे देखकर आकृति की पकड़ डंडे से ढीली हो गई और रिया ने उसे खींचकर आकृति के सिर पर दे मारा जिससे वो चींखकर ज़मीन पर गिर पड़ी। उसके सिर से निकलते हुए खून को देखकर गरिमा जी और प्रदिति दोनों ही चिंतित हो गए। उनकी तो जैसे जान ही गले में आ गई थी।

गरिमा जी गुस्से से रिया की तरफ बढ़ने को हुईं कि दूसरी तरफ से राहुल बोला, "ए बुढ़िया! खबरदार, जो आगे बढ़ी तो… अगर अपनी जगह से थोड़ा सा भी हिली तो तेरी इस बेटी की गर्दन धड़ से अलग कर दूंगा।"

क्रमशः