Hold Me Close - 33 in Hindi Love Stories by Harshu books and stories PDF | Hold Me Close - 33

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Hold Me Close - 33

"ये चुड़ेल क्या कर रही थी यहां हमारे कमरे में ? और आपको मैने इतनी बार कहा है की ऐसे शर्टलेस मत घूमिए...लेकिन नही आप मेरी बात मानते कहा है ना । क्या बात कर रही थी वो आपसे ?? और इतने करीब क्यों खड़ी थी आपके ?? ", रेवा एक के ऊपर एक सवाल किए जा रही थी और रेवा को ऐसा देख अर्जुन को हसी आ रही थी ।

"वो मुझे.....i mean वो मेरे करीब आने का ट्राय कर रही थी as usual !! तो मैंने उसे दाट दिया", अर्जुन ने जवाब दिया।

"और घूमिए ऐसेहि...आप ऑफिस में भी ऐसेही जाइए ना ! शर्टलेस...यही चाहिए होता है ना आपको? लड़कियों का अटेंशन ? ये अपने सिक्स पैक्स सबको दिखाने का बड़ा शॉक है ना आपको! ", रेवा ने गुस्सा करते हुए कहा।

"नही तुम गलत समझ रही...अर्जुन इससे आगे कुछ बोल पाता तभी रेवा ने कहा– "आपको शांत करने आई थी मैं... अब जाइए अपनी प्रिया के पास। वो प्यार से शांत करेगी आपका गुस्सा....और आइंदा से वो प्रिया मुझे मेरे कमरे में दिखनी नही चाहिए वरना मुझसे बुरा कोई नही होगा बता रही हूं...", रेवा ने सब एक ही सांस में बोल दिया।

तुम जेलस हो रही है ? प्यार का नाटक करते करते प्यार हो गया मुझसे? देखा मैने कहा था ना हर लड़की मुझे पसंद करती है! ", अर्जुन ने इतराते हुए कहा।

"चुप करिए आप! एक लड़की दूसरी लड़की को अच्छे से जानती है । मुझे वो प्रिया अच्छी नही लगती । उसके इंटेंशन बहुत बुरे मैं । चेहरे पर कुछ और होता है और उसके मन मैं कुछ और ही चलता रहता है। आपको अलर्ट कर रही हूं की उससे दूर रहिए । मैं नही चाहती की उसकी वजह से आप कुछ भी सफर करे। और मुझे आप जैसा बंदर तो कभी पसंद हा ही नही सकता। एक नंबर के इगोस्टिक आदमी है आप । जब देखो मुझे ताना मारते रेहेते है । गुस्सा करते रहते है । मैं तो ये सोच रही हूं की १४/१५ घंटे हो गए और आपने अभी तक मुझसे झगड़ा कैसे नही किया", रेवा ने कहा।

"तुम्हे क्या लगता है में हमेशा तुमसे झगड़ा करते रहेता हूं क्या ? मुझे दूसरा कोई काम नही है? तुम सबसे पहले स्टार्ट करती हो झगड़ा करना । मैं जब भी सोचता हूं ना की मैने तुम्हे जानने में तुम्हे समझने में गलती कर दी । तब तुम ऐसा कुछ करती हो और मुझे गलत साबित कर देती हो । एक बार मेरा इगो हर्ट हो जाता है फिर वो मुझसे सहन नही होता। हूं मैं इगोस्टिक!! ", अर्जुन ने भी सपाट लहजे में कहा।

रेवा: "ये हुई न बात !! ये है रियल अर्जुन सिंघानिया !! कोल्ड बिहेवियर !! आपका ना कुछ नही हो सकता "

"ठीक है.. और हा आगे से वो प्रिया तुम्हे इस कमरे में नही दिखेगी। मैं जाऊंगा उसके कमरे में..उससे मिलने के लिए ! Atlest वो तुम्हारी तरह मेरा दिमाग तो नही खाती ! मुझे ताने नही मारती । ", अर्जुन ने रेवा का मजाक उड़ाते हुए कहा ।

रेवा: जाइए और रहिए उसके साथ ही...शादी कर लीजिए ना उसके साथ..हम हमारा कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर देते है अगर आप चाहे तो....वैसे भी हमारे बीच कौनसा रिश्ता है ?? हम कौनसे रियल हसबैंड वाइफ है! और वो प्रिया मुझसे कही ज्यादा सुंदर दिखती है और तो और मॉडर्न भी है। परफेक्ट मैच होगा
दोनो का।

अर्जुन: "प्रीटी तो तुम भी बहुत हो..."

रेवा: "हा वो तो है ही लेकिन...."

अर्जुन: "तुम्हे क्या लगा मैं तुम्हे ऐसे कॉम्प्लीमेंट दूंगा ?"

अर्जुन की इस बात को सुनकर रेवा को कुछ समझ ही नही आ रहा था की अर्जुन को क्या और कैसे डांटे!!

"कितना परेशान करते है आप मुझे ! जाइए जहा से अब...", रेवा ने इरिटेट होते हुए कहा ।

रेवा की बात सुनकर अर्जुन बिना कुछ कहे रूम से बाहर चला गया।

"Thank God चले गए बाहर! कुछ देर तो मुझे शांति मिले!! आज मेरी बात कैसे मान ली इन्होंने ! मैंने कहा बाहर जाइए और चले भी गए!! Are wah! ",रेवा ने एक गहरी सांस लेते हुए कहा ।

रेवा अपने आप से बाते कर ही रही थी तभी अर्जुन ने कहा–"ज्यादा खुश मत हो तुम..तुम्हारी बात मानकर बाहर नही गया था मुझे एक कॉल करने बाहर जाना था ! "

रेवा: तो जाइए ना अब....मुझसे परमिशन लेने आए है आप?

"जी नही!! आपकी जो misunderstanding है ना की मैं आपकी बात मानकर रूम से बाहर गया था ! वो दूर करने आया हूं... मेरा कमरा है मैं कभी भी आऊंगा और कभी भी जाऊंगा । तुम्हे बताने की जरूरत नही है कुछ भी ", अर्जुन ने कहा और दरवाजा बंद करके चला गया ।

अर्जुन की बाते सुनकर रेवा ने अपने सिर पर हाथ मार लिया ।अर्जुन के जाने के बाद रेवा की नजर टेबल पर रखे अर्जुन और सविता जी के फोटो पर चली गई । जहा अर्जुन अपनी मां के गोद मैं सिर रखकर सो रहा था । और सविता जी अर्जुन के बालों मैं प्यार से हाथ फेर थी।

"कितने क्यूट दिख रहे है दोनो । और मां भी मुझे कितना प्यार देती है । लेकिन जब उन्हे हमारे कॉन्ट्रैक्ट मैरेज के बारे मैं पता चलेगा तब वो नफरत करेंगी मुझसे। लाइफ मैं पहली बार एक्सपीरियंस किया मैंने की मां का प्यार क्या होता है । और कुछ दिनों बाद ये भी मेरे साथ नही होगा। मेरी जिंदगी में क्या चल रहा है कुछ समझ नही आ रहा । मेरे पास कोई है ही नही जो मेरे साथ हमेशा रहेगा । कैसे होगा मेरा ! मेरी लाइफ एक सीरियल की तरह हो गई है । सब एक नाटक है । ", रेवा ने अपने मन मैं ही कहा और उसके आखों से आसू बहने लगे।

तभी सविता जी ने पीछे से आते हुए कहा–"अंदर आऊं?"

मां!! आइए ना । आपका ही घर है ये । पूछना क्या है इस मैं ?? ", रेवा ने हंसते हुए अपने आसू छुपाते हुए कहा ।

"वो में बताने आई थी की तुम और अर्जुन आज कही बाहर घूमने जाकर आओ..."सविता जी ने कहा ।

"लेकिन क्यूं? घूमने जाने की क्या जरूरत है मां? कल तो पार्टी से आए है ना", रेवा ने कहा।

" मुझे लगता है तुम दोनो को ज्यादा टाइम स्पेंड करना चाहिए एक दूसरे के साथ । और तुम दोनो जा रहे है । देखो आज छुट्टी भी है और अगर आज अर्जुन और तुम घर पर रहोगे ना तो अर्जुन के पापा तुम्हारा और वो प्रिया अर्जुन का जीना हराम कर देगी । उससे अच्छा दोनो शांति से एंजॉय करो ना । घर पर वैसे भी बहुत स्ट्रेसफूल सिचुएशन है । कल से ये सब हैंडल करना ही हमे। आज का दिन एंजॉय करो तुम दोनो । "सविता जी की बात सुनने के बाद रेवा ने मन मैं ही कहा –"मुझे उस बंदर के साथ बाहर घूमने नही जाना । वहा पर भी चैन से जीने नही देंगे वो ! लेकिन मां को ना कैसे कहूं !!"