Hold Me Close - 31 in Hindi Love Stories by Harshu books and stories PDF | Hold Me Close - 31

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Hold Me Close - 31

अगले दिन सुबह :


रेवा की जब आंख खुली तब उसने अपने पेट पर एक भारी हाथ महसूस किया । रेवा ने देखा की अर्जुन उसका हाथ कसकर पकड़कर सो रहा था। रेवा एक टक अर्जुन को देख रही थी । उसे याद आ रहा था की कैसे अर्जुन ने राहुल की जान ली थी । अभी भी रेवा के कानों मैं अर्जुन की कही बात गूंज रही थी जो अर्जुन ने उसे रात में कही थी ।
"तुम्हे जो भी हार्म करेगा उसे बत्तर से बत्तर मौत दूंगा मैं ",

"आप ऐसे क्यूं है ! क्यों हद से ज्यादा परवाह करते है आप । जब मैं पहली बार आपसे मिली थी तब मैने सोचा था की आप बहुत बुरे इंसान होगे । मुझे लगा था की मैने आपसे कॉन्ट्रेक्ट मैरेज करके खुद के ही पैरो पर कुरहड़ी मार दी । लेकिन reality तो कुछ और ही है । आप दिल के बहुत अच्छे है । बहुत केयर करते है मेरी । रिस्पेक्ट करते है । मैं कितनी लकी हूं की में आपकी वाइफ.......में तो भूल गई थी एक पल के लिए , में आपकी रियल वाइफ तो हू ही नही। हमारी जरूरतें पूरी होने के बाद हमारे रास्ते हमेशा के लिए अलग हो जायेंगे । लेकिन धीरे धीरे मुझे आपकी आदत हो रही है । बहुत लकी होगी वो लड़की जिसको आप जैसा लाइफ पार्टनर मिलेगा । हमारा कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद भी में आपको कभी नही भूलूंगी .... आपने बहुत कुछ किया है मेरे लिए ", रेवा ये सब अपने मन मैं बोल ही रही थी तभी अर्जुन की आंख खुली ।

"तुम जाग गई ! मुझे उठाया क्यों नही तुमने ? बैटर फील हो रहा है अब? ", अर्जुन ने रेवा से दूर होते हुए पूछा ।

"आप सो जाइए ...पूरी रात बैठे थे आप मेरे लिए ! ", रेवा की इस बात पर अर्जुन ने हंसते हुए कहा –" कोई बात नही । it's ok ! तुम ठीक हो अब?"

"हां!! सिरदर्द है थोड़ा बस . बाकी मैं ठीक हूं ", रेवा ने जवाब दिया।

"तुम जाकर फ्रेश हो जाओ । घर भी जाना है हमे ",अर्जुन की बात मानकर रेवा फ्रेश होने के लिए जाती है ।

रेवा के जाते ही अर्जुन अपना फोन निकालकर तुषार को कॉल करता है।

तुषार: क्या हुआ ? बोल !

अर्जुन: "मैने जो काम तुझे दिया था वो किया ? "

तुषार: हां! कल रात ही ! मैने उस राहुल की लाश को जंगल मैं फेक दिया । डोंट वरी.....

अर्जुन: और फिर ???

तुषार: फिर क्या ! फिर कुछ नही! मैं वापस चला आया ।

अर्जुन: "तो फिर उसकी लाश जली हुई कैसे है ?? "

"क्या!! मैने कुछ नही किया ऐसा .... सच्ची !! और मैं उसे ऐसी जगह छोड़ आया था जहा किसी का भी जाना नामुमकिन था । ", तुषार ने अपने आप को एक्सप्लेन करते हुए कहा ।

"Ok में देखता हूं क्या करना है ! तू यहां की टेंशन मत ले मैं देख लूंगा !! ",अर्जुन ने कहा और फोन कट कर दिया ।

तो वही जंगल मैं (जहा तुषार राहुल की लाश को छोड़ आया था )

"अच्छा हुआ ये मर गया ! ये यही डिजर्व करता है। इसकी हिम्मत कैसे हुई रेवा को टच करने की । अगर अर्जुन की जगह मैं होता ना तो इसे और ज्यादा तड़पा तड़पा कर मारता। मुझे बिलकुल पसंद नहीं की मेरे अलावा कोई रेवा को टच करे ।", उस आदमी ने सिगरेट का एक कश लेते हुए कहा।

"तो अब आगे क्या करना है सर?? , what is next plan ?? ", वहा खड़े एक बॉडिगार्ड ने पूछा ।

आगे देखते है क्या करना है !!

"सर...एक बात कहूं..... ",फिर से उसी बॉडीगार्ड ने पूछा ।

बोलो ...

आपको वही लड़की क्यों चाहिए ! आप अच्छे से जानते तक नहीं है उसे । और अब तो वो अर्जुन सिंघानिया के पास है तो उस तक पहुंचना हमारे लिए next to impossible है। वो कभी उसे अकेला छोड़ता ही नही है । वो दोनो साथ ही रहते है। एक ही घर में। एक ही रूम मैं । तो ऐसा हो सकता है की वो लड़की अर्जुन को लाइक करती हो ! उसे हर एक लड़की पसंद करती है। और अर्जुन भी तो उसे छूता .....", उस बॉडीगार्ड ने डरते हुए कहा ।

"अर्जुन बाकी मर्दों जैसा नही है जो लड़की की मजबूरी का फायदा उठाएगा । जब तक रेवा खुद उसे परमिशन नही देगी तब तक वो कुछ नही करेगा । और रेवा जैसी लड़की को अर्जुन से प्यार हो नही सकता ! अच्छी तरह जानता हूं उसे । उसे ये सब खून खराबा , लाश इस सबसे बहुत डर लगता है! ", उस आदमी ने कहा ।

"आपको उसके बारे मैं इतना सब कैसे पता ? क्या आप पहले से जानते हो उसे ?"

"हां!! बचपन से जानता हूं उसे । शायद वो भूल गई होगी मुझे लेकिन मैं नही ", उस आदमी ने रेवा के फोटो को देखते हुए कहा जो की इसके फोन के वॉलपेपर पर लगी हुई थी ।