Hold Me Close - 30 in Hindi Love Stories by Harshu books and stories PDF | Hold Me Close - 30

The Author
Featured Books
Categories
Share

Hold Me Close - 30

अर्जुन ने रेवा को अपनी बाहों में उठाया और दूसरे रूम मैं लेकर गया । उसने रेवा को धीरे से बेड पर लिटा दिया और पानी की कुछ बूंदे उसके चेहरे पर चिड़कने लगा। रेवा ने धीरे से अपनी आंखें खोली और अपने अगल बगल में देखने लगी ।

तुम ठीक हो अब? अर्जुन ने पूछा।

जैसे ही रेवा ने अपने बगल में अर्जुन को देखा उसने अपना सिर अर्जुन के सीने मैं छुपाया और जोर जोर से रोने लगी। अर्जुन को रेवा की ऐसी हालत देखी नही जा रही थी ।

" मुझे अकेले नही जाना चाहिए था ! I am sorry । अगर आप नही आते तो पता नही वो मेरे साथ....", रेवा ने रोते रोते ही कहा।

"ऐसे कैसे मैं नही आता । तुम्हे प्रोटेक्ट करना है ना मुझे । और अब सब ठीक है तुम रोना बंद करो । वो राहुल उसे तो मैने मार दिया ना । तुम खुद को तकलीफ मत दो प्लीज । मैं हूं ना तुम्हारे साथ। ", अर्जुन ने रेवा के बाल सहलाते हुए कहा।

मेरा सिर दर्द कर रहा है !!

तुम्हारे लिए मेडिसिन लेकर....अर्जुन ने अपनी बात पूरी भी नही की थी तभी रेवा ने अर्जुन को कसकर पकड़ते हुए कहा –" प्लीज़ डोंट लिव मि अलोन। मुझे कुछ नही चाहिए बस आप कही मत जाना"।

"नही जा रहा हूं कही तुम्हे छोड़कर " अर्जुन ने रेवा का सिर अपने गोद मैं रखा और उसका सिर दबाने लगा। थकान की वजह से रेवा की भी आंख लग गई। कुछ देर बाद तुषार ने रूम मैं आता हुए कहा – " ये कुछ मेडिसिन दे दे उसको । बेटर फील करेगी वो ।

हम्मम....अब तू क्या ऐसे कोल्ड टोन मैं बात कर रहा है ? गुस्सा है मुझसे? अर्जुन ने तुषार से पूछा ।

तुझे समझ आ रहा है तूने किया क्या है ! वो एक ही जरिया था जिसके थ्रू हम उस आदमी का पता लगा सकते थे लेकिन तूने....

हा तो क्या ? उसने हिम्मत कैसे की मेरे वाइफ के करीब जाने की !! मन तो कर रहा था उसे जिंदा जला दूं ! लेकिन रेवा सेंसटिव हैं न बहुत । मेरे बस मैं होता ना तो और दर्दनाक मौत देता मैं उसे । और वो आदमी कब तक छुपा रहेगा ! कभी न कभी तो सामने आ ही जायेगा ना ! तब का तब देखेंगे लेकिन रेवा को हर्ट हुआ ना तो मैं वो बर्दश नही करूंगा ", अर्जुन ने सख्त आवाज मैं कहा ।

"अच्छा !! वो सब ठीक है लेकिन शायद तू एक बात भूल रहा है । रेवा तुम्हारी वाइफ नही है !! Ok? कॉन्ट्रैक्ट मैरेज है तुम दोनो का । तुम दोनो की भी अपनी अपनी जरूरतें है । इसलिए तुम दोनो साथ हो । जब रेवा की जरूरत पूरी हो जायेगी तब वो तुझे छोड़कर चली जायेगी । और यही सेम तुझ पर भी लागू होता है। मैं तुझे सिर्फ चिड़ाने के लिए केहेता था लेकिन ऐसा सच मैं है क्या? तू प्यार करता है रेवा से? ", तुषार ने सीरियस होते हुए पूछा ।

"नही...ऐसा कुछ नही है !! डोंट वरी । मुझे याद है सब कुछ ।", अर्जुन की इस बात पर तुषार ने अर्जुन को समझाते हुए कहा – " अगर तुझे रेवा से प्यार है ना तो ये मेरे लिए बहुत खुशी की बात होगी लेकिन पता है ना हमारी लाइफस्टाइल अलग है । आज उसने बस वो देखा जो हमारे लिए एकदम नॉर्मल था , और देख इसकी हालत क्या हुई है । रेवा ये सब रोज रोज का खून खराबा बर्दाश नही कर पाएगी । और ये रेवा के लिए सेफ भी नही है । ", तुषार की इस बात पर अर्जुन ने बस अपना सिर हा मैं हिला दिया ।

"Take care",तुषार ने कहा और चला गया ।

तुषार के जाने के बाद अर्जुन रेवा को एक टक देख रहा था ।

"हम दोनो कभी साथ नही रहे सकते । हमारी दुनिया अलग है ना । मैं नही चाहता की मेरी वजह से तुम्हे चोट आए", अर्जुन ने धीमी आवाज मैं कहा और अपना सिर पीछे दीवार से टिका दिया ।

आधी रात को किसकी आवाज की वजह से अर्जुन की आंखे खुल गई । अर्जुन ने गौर से सुना तो उसे पता चला की रेवा नींद मैं कुछ बडबडा रही थी । अर्जुन रेवा के थोड़े नजदीक गया ताकि उसकी बात सुन सके ।

"आप प्लीज मेरी वजह से किसकी जान मत लेना । पाप होता है वो ", रेवा नींद मैं ही बड़बड़ाती है।

"You know what जो भी तुम्हे हार्म करेगा ना उसे बत्तर मौत दूंगा मैं । ", अर्जुन ने रेवा के कानों मैं धीरे से कहा ।