गैलरी में किसी अजनबी से टकरा जाती है और उसके हाथों का सामान बिखर जाता है l वह जैसे ही गिरने वाली होती हैं वह अजनबी अपने मजबूत हाथों से उसका हाथ थाम लेता है जिससे वह गिरने से बच जाती है , पर अजनबी को थैंक्स बोलने की बजाए वह उल्टा उस पर चिल्ला देती हैं - "अंधे हो क्या ? देख कर नहीं चल सकते ,तुम्हारी वज़ह से मेरी सारी किताबें गिर गयी "
इतना बोलकर उससे अपना हाथ छुड़ाती हैं और जल्दी जल्दी अपना सामान समेटकर (अजनबी की ओर बिना कोई ध्यान दिए) वह अपनी कक्षा की ओर बढ़ जाती हैं ।
स्वरा तो चली जाती हैं , पर साथ में उस अजनबी का दिल भी चुरा ले जाती हैं, जो उसकी सादगी , और बड़ी बड़ी पलकों में खो जाता हैं जिसकी भनक हमारी स्वरा को भी नहीं हैं ।
स्वरा से टकराने के बाद वह अजनबी प्रधानाचार्य से मिलने उनके ऑफिस पहुंचता है लेकिन उस समय प्रधानाचार्य किसी मीटिंग में व्यस्त थे और दिनभर के व्यस्त शेड्यूल के कारण वह उसे 3:30 बजे मिलने आने के लिए बुलाते हैं l
स्वरा दौड़ते हुए अपनी क्लास में पहुंचती हैं उस समय प्रोफेसर ज्ञान की क्लास चल रही थी, जो कि कॉलेज के सबसे स्ट्रिक्ट टीचर हैं l
स्वरा - may i come in sir !
प्रो. ज्ञान - बताइये कैसे आना हुआ
स्वरा - जी , वो बस से
( उसका जबाब सुनकर पूरी क्लास हंसने लगी तब स्वरा को ऐहसास होता है कि वह हडबडी में क्या बोल गयी )
स्वरा अपने सिर पर हल्की सी चपत मारते हुए - सॉरी सर ! मेरा मतलब वो नहीं था, मेरा मतलब था कि बारिश की वज़ह से.......
शटअप ! उसकी बात को बीच में काटते हुए प्रोफेसर ज्ञान डांटते हुए बोले ' "बस करो , बहानेबाजी, तुम लोगों के लिए समय की कोई कीमत नहीं है और बहाने तो जैसे हजारों तैयार रहते हैं वो भी बिल्कुल रेडीमेड "
स्वरा बुरा मेहसूस करते हुए धीरे से - सॉरी सर ,आगे से ऐसा नहीं होगा l
प्रो. ज्ञान गुस्से में , आगे से ऐसा होना भी नहीं चाहिए , जाइए जाकर बैठिए अपनी सीट पर l
प्रोफेसर ज्ञान पूरी क्लास को घूरते हुए बोले, "यह वार्निंग सिर्फ स्वरा के लिए नहीं आप सभी के लिए भी थी "
जो बच्चे स्वरा की डांट पड़ने पर अंदर ही अंदर मुस्कुरा रहे थे वो भी प्रोफेसर की बात सुनकर अब सीरियस हो जाते हैं l
आज लगातर पूरे चार पीरियड्स थे जिससे स्वरा अपने दोस्तों से बात भी नहीं कर पाई थी और उसके चेहरे से सुबह की डांट का असर भी खत्म नहीं हुआ था इसीलिए पूरे टाइम क्लास में थोड़ी उदास सी रही l
छुट्टी के समय स्वरा की अन्य दोस्त और बेस्ट फ्रेंड अमूल्या साथ होती हैं l सभी इधर-उधर की बातें करती हैं पर स्वरा अभी भी थोड़ी उदास रहती हैं l
अमूल्या उसे उदास देखकर बोलती है , "अरे यार , छोड़ ना यह उदासी जीवन मे तो ऐसी छोटी मोटी बातें होती रहती हैं , यही तो जीवन हैं l और तू है कि 21 साल की उम्र में ही इतना टेंशन ले रही हैं इतना टेंशन लेगी तो भरी जवानी में ही तेरे चेहरे पर ढेर सारी झुर्रियां पड़ जायगी , और फिर तुझे बुढ़िया लगने से यह हमारा योगा भी नहीं बचा पाएगा "और फिर जोर से हंसती हैं l
जानने के लिए पढ़ते रहिए .....
"ऐसे बरसे सावन "
llजय श्री राधे कृष्णा ll