Wo Maya he - 65 in Hindi Adventure Stories by Ashish Kumar Trivedi books and stories PDF | वो माया है.... - 65

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वो माया है.... - 65



(65)

कौशल नर्वस था। साइमन उसके चेहरे को देखकर समझने की कोशिश कर रहा था कि उसके नर्वस होने का कारण क्या है ? ऐसा कुछ है जो बताने में उसे घबराहट हो रही है। उसके मन में फिर वही सवाल उठ रहा था कि उस ढाबे पर टैक्सी रुकेगी क्या यह बात पहले से प्लान में थी ? उसने कौशल से कहा,
"तो तुम उस काम को करने के लिए अकेले गए थे। तुम्हारा प्लान क्या था ? कैसे मारने वाले थे तुम पुष्कर को ?"
कौशल ने कहा,
"मैंने तो सोचा था कि रास्ते में किसी जगह मौका देखकर अपनी गन से पुष्कर को मार दूँगा।"
साइमन उसके चेहरे की तरफ देख रहा था। उसे लग रहा था कि यह बात कहते हुए कौशल सहज नहीं है।‌ उसने कहा,
"अच्छा तुम्हें इतना विश्वास कैसे था कि रास्ते में ऐसा मौका हाथ लग जाएगा। तुम मोटरसाइकिल से टैक्सी के पीछे थे। मान लो कोई सुनसान जगह दिखाई देती तो टैक्सी कैसे रोकते। फिर टैक्सी के ड्राइवर समेत तीन लोग थे। तुम अकेले तीनों का सामना कैसे कर लेते ? मान लो तुम अपने काम में सफल भी हो जाते तो दो चश्मदीद गवाह ड्राइवर और दिशा रह जाते जो तुम्हें कत्ल करते देखते। क्या तुमने उन दोनों को मारने का प्लान भी बनाया था ?"
साइमन के इतने सारे सवालों को सुनने के बाद कौशल और अधिक नर्वस हो गया।‌ साफ लग रहा था कि कुछ है जो अभी तक उसने बताया नहीं था। साइमन ने कहा,
"क्या बात है ? चुप क्यों हो ? मैंने जो सवाल किए उनका जवाब दो। कुछ तो सोचा होगा तुमने। ऐसा तो हो नहीं सकता है कि बिना कुछ सोचे समझे पुष्कर की हत्या के इरादे से निकल लिए थे।"
कौशल ने कहा,
"सर.... जिस ट्रैवल एजेंसी से पुष्कर और दिशा के लिए टैक्सी मंगाई गई थी वह मेरे एक दोस्त इस्माइल के चाचा की थी।"
साइमन ने इंस्पेक्टर हरीश की तरफ देखा। इंस्पेक्टर हरीश ने कहा,
"तुम इस्माइल को कैसे जानते थे ?"
कौशल ने कहा,
"इस्माइल पहले दिल्ली में था। वह प्लास्टिक फैक्ट्री के मालिक की कार चलाता था। उसके बाद वह एक स्कूल की वैन चलाने लगा। कुछ दिन बाद वह भी पंजाब आ गया। वहाँ हमारी दोबारा मुलाकात हुई। साल भर पहले उसके चाचा ने उसे अपनी मदद के लिए बुला लिया था। उसके चाचा की भवानीगंज के पास ही युसुफ ट्रैवेल्स के नाम से ऐजेंसी थी। मैंने विशाल को उसके बारे में बताया था। विशाल ने पुष्कर को इस्माइल का नंबर देकर टैक्सी बुलाने को कहा था।"
साइमन ने कहा,
"इस्माइल तुम लोगों के साथ मिला हुआ था। तब तो उसने पैसे भी लिए होंगे।"
कौशल की जगह पवन ने जवाब दिया,
"पुष्कर और दिशा के अचानक जाने का प्लान बन गया था।‌ हमारे पास एक ही मौका था कि रास्ते में पुष्कर को दबोच कर उसकी हत्या कर दी जाए। उसमें भी अचानक मुझे वाइरल फीवर हो गया था। मैं और कौशल सोच रहे थे कि क्या किया जाए ? हम लोगों को लगा था कि अब शायद काम नहीं हो पाएगा। हम दोनों बातें कर रहे थे तभी इस्माइल ने कौशल को फोन किया। उससे बात करने के बाद कौशल के दिमाग में उसे शामिल करने की बात आई। उसने मुझे बताया। मैंने कहा कि इस्माइल से बात करके देखे।"
कौशल ने बात आगे बढ़ाई.....
कौशल जानता था कि इस्माइल पैसों के लिए मान जाएगा। उसने उसे फोन किया और पूरी बात समझाई। सब सुनकर इस्माइल ने कहा कि इस काम में खतरा है। पुष्कर के साथ उसकी पत्नी होगी। यदि वह जीवित रही तो सब सच बता देगी। अगर उसे कुछ हो जाए तो बात उस पर आएगी। टैक्सी वही चला रहा था। कौशल ने उसे पचास हज़ार देने की बात कही। उसने कहा कि काम में खतरा अधिक है। अगर कोई ठोस प्लान हो तो वह सोच सकता है।
वक्त कम था। कौशल ने सोचना शुरू किया कि क्या किया जा सकता है।‌ बहुत सोचने के बाद उसके मन में एक प्लान आया। प्लान के मुताबिक शाहखुर्द‌ के तीन किलोमीटर आगे हाइवे पर एक जगह रास्ता दो हिस्सों में बंट जाता था।‌ वहाँ कोई बोर्ड नहीं था। एक रास्ता गाज़ियाबाद की तरफ जाता था और दूसरा एक गांव की तरफ। यह रास्ता बहुत सुनसान रहता था। इस्माइल जानबूझकर टैक्सी उस रास्ते पर ले जाए। कौशल भी टैक्सी का पीछा करते हुए उस रास्ते पर मुड़ जाएगा। उस रास्ते पर कुछ आगे जाकर इस्माइल यह कहकर कि टैक्सी में कोई समस्या है टैक्सी किनारे खड़ी कर देगा। वह मदद लाने के बहाने दूर चला जाएगा। टैक्सी में दिशा और पुष्कर अकेले रहेंगे। कौशल अपनी बाइक कुछ दूर खड़ी करके टैक्सी तक जाएगा।‌ उसके चेहरे पर मास्क होगा। वह गन प्वाइंट पर पुष्कर और दिशा को लूटने का नाटक करेगा। पुष्कर को मार देगा। इससे दिशा घबरा जाएगी। वह मौका देखकर वहाँ से भाग लेगा। उसने अपना प्लान इस्माइल को बताया। इस्माइल ने सवाल उठाए।‌ पहला कि अगर वह गलत मोड़ लेगा तो पुष्कर और दिशा उसे टोकेंगे क्यों नहीं ? दूसरा जब कौशल गन प्वाइंट पर उन्हें लूटने का नाटक करेगा तो पुष्कर और दिशा कुछ भी नहीं करेंगे ?
कौशल ने दोनों सवालों का जवाब दिया। उसने कहा कि यह हाइवे सिर्फ पाँच साल पुराना है। पुष्कर जो कई सालों से बाहर था उसे इस हाइवे की जानकारी नहीं होगी। दिशा तो पहली बार भवानीगंज आई थी। उसे भी कुछ पता नहीं होगा। दोनों उस पर यकीन करेंगे। यदि कोई सवाल उठे भी तो वह कह दे कि इस तरह से शार्टकट है। दोनों जल्दी गाज़ियाबाद पहुँच जाएंगे।‌ दूसरे सवाल के जवाब में कौशल ने समझाया कि विशाल ने उसे बताया था कि पुष्कर पढ़ा लिखा है लेकिन बहुत जल्दी घबरा जाता है। इसलिए गन देखकर वह कुछ करने की स्थिति में नहीं होगा। वह अधिक मौका भी नहीं देगा। गोली चला देगा। दिशा भी कुछ नहीं कर पाएगी। उसने इस्माइल से कहा कुछ जोखिम तो लेना ही पड़ेगा। उस समय कुछ गड़बड़ हुई तो स्थिति के अनुसार सोच लेंगे। कुछ सोचकर इस्माइल ने तीसरा सवाल किया कि अगर सबकुछ प्लान के मुताबिक भी हो गया तो भी पुलिस उससे पूछेगी कि गाज़ियाबाद जाने की जगह वह इस रास्ते पर क्यों मुड़ा था ? पहला शक उस पर ही आएगा। इसलिए वह कुछ और सोचे। कौशल को उसका तीसरा सवाल सही लगा। इस्माइल ने उससे कहा कि वह गाज़ियाबाद की तरफ ही मुड़ेगा। रास्ते में एक जगह टैक्सी रोककर पेशाब करने जाने की बात कहेगा। कौशल के पास वही मौका होगा। अगर वह अपना काम कर सके तो अच्छा है।‌
साइमन ने कुछ सोचकर कहा,
"यह सारा कांड तुम लोग शाहखुर्द के आगे करने वाले थे। तो फिर लकी ढाबे पर रुकना अचानक हुआ या यह प्लान का हिस्सा था।"
कौशल ने जवाब दिया,
"सर प्लान का हिस्सा नहीं था। यह बाद में तय‌ हुआ।"
"क्यों और कैसे ?"
कौशल ने आगे बताया....
पवन के पास एक मोटरसाइकिल थी। जिसे उसे भवानीगंज आने के बाद सेकेंडहैंड खरीदा था। कौशल वह मोटरसाइकिल लेकर उस जगह खड़ा था जहाँ से टैक्सी हाइवे पर आने वाली थी। प्लान के हिसाब से टैक्सी हाइवे पर आगे बढ़ती तो वह उसके पीछे लग जाता।‌ उस जगह पर खड़ा वह इंतज़ार कर रहा था तब उसने दो लोगों को बातें करते हुए सुना। उसे पता चला कि जिस जगह हाइवे दो जगहों पर बटता है उससे कुछ पहले सड़क मरम्मत होने के कारण थोड़ा डाइवर्ज़न हो गया है। इसलिए लकी ढाबे से कुछ आगे बढ़ते ही ट्रैफिक को दूसरी सड़क‌ पर मोड़ दिया जाएगा जो कुछ किलोमीटर आगे जाकर हाइवे पर फिर से मिल जाएगी।‌ कौशल को लगा कि इस विषय में इस्माइल को बता दे। ऐसा ना हो कि जिस जगह इस्माइल ने टैक्सी को रोकने को कहा था हाइवे पर चढ़ते हुए वह उससे आगे निकल जाए। उसने इस्माइल को मैसेज किया कि प्लान में एक छोटा सा बदलाव है।‌ जिस जगह से टैक्सी को गाज़ियाबाद के लिए बढ़ना था अब वहाँ से नहीं मुड़ना है। एक दूसरी सड़क से उन्हें हाइवे पर जाना होगा। पर इस्माइल ने मैसेज देखा नहीं।‌ कौशल को लगा कि शायद अभी पुष्कर और दिशा को लेने जा रहा हो। वह विशाल को फोन करके बता दे। शायद वह इस्माइल को बातों बातों में यह मैसेज दे दे।‌ पर विशाल ने बताया कि टैक्सी बस अभी अभी निकली है। तब तक इस्माइल ने मैसेज देख लिया। उसने जवाब भेजा कि रास्ते पर पड़ने वाले लकी ढाबे पर मिलो।
साइमन ने उसे रोककर कहा,
"तुम्हें तो पता चल गया था कि अब वह नहीं हो सकता है जो प्लान किया था। फिर भी तुम आगे क्यों गए ? विशाल को भी सब पता था। उसने भी मना नहीं किया था।"
"सर‌ मैंने विशाल से कहा था कि प्लान में थोड़ा बदलाव है। जिसके बारे में मैं इस्माइल से बात करना चाहता हूँ। उसने बताया कि टैक्सी चली गई। उसने बदलाव के बारे में पूछा तो मैंने कह दिया कि उससे बहुत फर्क नहीं पड़ेगा। उसका काम हो जाएगा।‌ मुझे लगा था कि इस्माइल ने ढाबे पर मिलने को कहा है। इस्माइल से बात करके शायद कोई नई बात सूझ जाए इसलिए आगे बढ़ गया।"
कौशल ने आगे बताया कि टैक्सी हाइवे पर बढ़ने लगी। वह उसके पीछे चलने लगा। वह रास्ते में सोच रहा था कि काम को अंजाम देने का कोई नया तरीका मिल जाए तो अच्छा है।‌ वह जब इतना आगे तक आया है तो बिना काम किए लौटना अच्छा नहीं होगा। इस्माइल के पास ज़रूर कोई रास्ता रहा होगा तभी उसने उसे ढाबे पर मिलने के लिए कहा है। मन में एक उम्मीद लिए वह टैक्सी के पीछे जा रहा था। सोच रहा था कि काम होने पर विशाल से पैसे मिलेंगे। उसमें से इस्माइल को देने के बाद भी वह अपना काम शुरू करने के लायक हो सकेगा। एकबार काम शुरू हो गया तो उसे पीछे मुड़कर देखने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
टैक्सी ढाबे पर जाकर रुकी। उसने कुछ दूर अपनी मोटरसाइकिल ऐसी जगह रोक दी जहाँ से वह टैक्सी को देख सकता था।