Pyar ek anokha rishta - 19 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग १९

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प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग १९

तीन बजे तक सब हंसी मज़ाक चलता रहा और फिर तीनों ही जाकर सो गए।
दूसरे दिन सुबह हो गई पर कोई भी नहीं उठा था ना ही राजीव और ना उसके दोस्त।
फिर करीब दस बजे सब सो कर उठ गए और फिर राज गुस्सा करने लगा अरे मां उठाया क्यों नहीं?
जागिग भी नहीं हुआ।
हिना ये सुन कर हंसने लगी और तभी राज ने कहा अरे वाह बहुत हंसी आ रही है!
हिना ने कहा अरे नहीं मैं तो एक चुटकुला पर हंसी थी।।
राज ने मन में सोचा कि काश मैं हमेशा यु ही तुम्हें हंसा पाता।
फिर दोस्त को लेकर राज नाश्ता करने लगा और फिर हिना ने कहा पापा जी मैं निकलती हुं।
आभा ने कहा हां, ठीक से जाना।
हिना ने कहा हां,।

राज ने कहा और सर पर चढ़ाओ उसे।।
आभा ने कहा तुझे चिढ़ क्यों होती है। तेरे हिस्सा का प्यार तो इसे नहीं दे रही हुं।
तेरी वाली को दुंगी सुन ले!
राज ने मां आप भी सुबह सुबह शुरू हो गई।
मिनल मासी परसों आ रही है ना?
आभा ने कहा हां,याद से एयरपोर्ट चले जाना।।
कुछ देर बाद राज भी अपने दोस्तों के साथ निकल गया।
फिर सभी घुम कर रात को वापस आएं।
राज जब अपने कमरे में गया तो उसे अपने टेबल पर वो पैकेट दिखा।
राज ने देखा और फिर सोचा ये क्या हैं?
मां कुछ रखी है क्या? पैकेट खोलते ही वो समझ गया कि कौन लाया होगा।।
राज ने चिल्लाना शुरू किया मालती जी इधर आइए।।
मालती दौड़ते हुए आईं और फिर बोली हां,
राज ने कहा अरे जब मैं नहीं था तो कौन आया था इस रूम में?
मालती ने घबराकर कहा अरे मैडम आई थी बस पैकेट सोफे पर रख कर चली गई थी।
राज ने कहा हां,पर क्यों?
मालती ने कहा अरे उनको तनख्वाह मिला था तो सबके लिए लाई थी।।
राज ने कहा ओह ठीक है आप जाओ पर किसी से कहना मत कि।।।
मालती ने कहा नहीं नहीं।।
मालती चली गई।
राज ने वो मफलर लेकर आइने के पास गया और उसको गले में डाल कर देखने लगा और फिर बोला आखिर चाहती क्या है तुम?
सब कुछ तो छिन लिया है मेरा अब जो एक सुकून बचा है वो भी।।।
गुस्से में आकर राज ने आईना तोड़ दिया और फिर मफलर को अलमारी में रख दिया।
और एक मैसेज दिया थैंक यू हिना!
फिर हिना का मैसेज आया मोस्ट वेलकम!
जैसे हिना मेरे ही मैसेज का इन्तजार कर रही थी।
काश सब कुछ ठीक हो जाता।।
अब अगर कुछ कर सकता है तो वो ऊपर जो बैठा है। मैं तो उसके बगैर मर जाऊंगा।।
फिर राजीव नीचे लंच करने पहुंच गया।

फिर सब खाना खाने के बाद मुवी देखने चले गए।

शाम को जब हिना घर पहुंची तो देखा कि बहुत शान्ति थी घर में।।
मालती ने कहा मैडम आप फैश होकर आओ खाना लगाती हूं।

फिर हिना फैश होकर आ गई और बोली अरे सब कहां है?
मालती ने कहा सब मुवी देखने गए और मांजी बाबू जी आराम कर रहे हैं।
हिना ने कहा अच्छा तो खरूस अब मुवी भी देखने गए।
फिर हिना खाना खाने के बाद अपने कमरे में चली गयी और फिर अमर के फोटो के पास जाकर कहा अरे आप तो चले गए और मुझे जिसके सहारे छोड़ गए वो तो मुवी देख रहा है अकेले अकेले।।
फिर हिना ईयर फोन लगा कर लेट गई।

शाम के चाय नाश्ता के बाद सब बैठ कर टीवी देखने लगे हिना इधर उधर देखने लगी पर हद हो गई डिनर का टाइम हो गया है पर अभी तक वो नहीं आया।।
आभा ने कहा मालती खाना लगा दो।
तभी लैंड लाइन पर फोन की घंटी बजा तो मालती ने उठाया और फिर हां, हां कह कर रखते हुए कहा अरे मांजी छोटे सहाब का फोन था बोले कि आने में देर हो जायेगी खाना भी खा कर आएंगे।
आभा ने कहा ओह माई गॉड।
फिर खाना खाने बैठे।
हिना ने कहा मुझे चार आलू के परांठे दो।।
आभा ने कहा अरे वाह क्या बात है।।
पर आभा को क्या पता कि वो शरारत कर रही है।
फिर आभा के मोबाइल पर फोन आया।
आभा ने घबराकर कहा अरे बाबा क्या हुआ?
राज ने कहा अरे मां मेरे लिए आलू के परांठे चार रखना।
आभा ने कहा चार परांठे।
फिर क्या था फोन काट दिया।।
रमेश ने कहा देखा मैं न कहता था।।
आभा ने कहा अरे एक तो डिनर पर है नहीं और फिर बोला चार परांठे!
हिना ने बड़ी बड़ी आंखों से देखा और बोली हां,बस उसको ही खिला दो।।
रमेश ने कहा अरे बाबा नहीं उसके लिए नहीं रखना है एक तरफ बाहर घुम रहा है ऊपर से परांठे।।
हिना ने इशारा किया मालती ने चार परांठे उसके प्लेट में निकाल दिया।
हिना खाने लगी।
आभा भी खाते खाते सोचने लगी अरे ये कैसे हो सकता है इधर हिना ने चार परांठे कहा और तभी राज ने भी चार परांठे रखने को कहा!!कैसी उलझन है।।
फिर सब खाना खाने के बाद सोने भी चले गए।
हिना बड़बड़ाने लगी बड़ा आया चार परांठे खाने वाला!!अब आएगा मजा!!

फिर एक बजे डोर बेल बजा और फिर मालती ने दरवाजा खोला।
राज और उसके दोस्त आ गए थे।
हिना अपने कमरे की खिड़की से देख रही थी मुझे तो खरूस का मुंह देखना है।।
राज ने कहा अरे मालती जी सब सो गए?.
मालती ने कहा हां सब सो गए।।
राज ने कहा ओके मेरे चार परांठे ऊपर लेकर आओ।
मालती घबराई हुई बोली अरे वो तो बजा नहीं!
राज ने गुस्से में आकर कहा अरे पर क्यों!
मालती ने कहा वो हिना मैडम ने पहले ही चार खा लिए।।
राज कि आंखें देखने लायक भी और फिर बोला ओह!
मां ने फिर अपनी बहु को खिला दिया।।कल बताता हूं।।
पैर पटकते हुए ऊपर सीढियां चढ़ गया।
हिना अपने कमरे में हंसने के साथ
कई तरह के मुंह बनाने लगी।

फिर हिना भी सो गई।
दूसरे दिन सुबह जागिग के बाद ही राज अपने दोस्तों को छोड़ने चला गया।
फिर वापस आ कर मां से लड़ाई शुरू कर दिया।।
राज ने कहा जान कर तुमने ही उसको खिला दिया।।
आभा ने कहा हां, क्या करती उसे भी चार परांठे खाने थे और तुम्हें भी चार ही खाने थे।
पर माजरा क्या है समझ नहीं आया।।

राज ये सुनकर ही चुप हो गया और बोला कि ठीक है ठीक है मुझे अभी चाहिए।
आभा ने कहा हां उसके लिए ही तो हिना ने सुबह सुबह गर्म गर्म परांठे कर खिलाया और तेरे लिए भी रखा है।
राज ने कहा अच्छा पर कहा है हिना?
आभा ने कहा अरे वो तो निकल गई।
तुम जल्दी से नहा कर आ जाओ फिर तुमको एयरपोर्ट भी जाना है।
राज ने कहा हां ठीक है।
राज नहाने के बाद आईने में खुद को देखते हुए कहा क्या बात है हिना ने मेरे लिए आलू के परांठे बनाएं। ये कैसे हुआ?
फिर राजीव तैयार हो कर नीचे नाश्ता करने बैठ गया।
मालती ने चार परांठे प्लेट में निकाल दिया।
राज ने कहा अरे चार परांठे??
मालती ने कहा हां मैडम ने ही कहा था।।
राज ने कहा हां,मैडम की चमची।।।।

मालती ने कहा हां, हिसाब बराबर हो गया।
राज गुस्से से इधर उधर देखने लगा और फिर खाने लगा।

नाश्ता करने के बाद राज ने डाईंग रुम में जाकर बोला कि मैं फिर निकल रहा हुं एक घंटा लग जाएगा।
आभा ने कहा हां ठीक है।
फिर राजीव गाड़ी लेकर निकल गया।

एक घंटे बाद एयरपोर्ट पहुंच गए।।।

कुछ देर बाद ही मिनल मासी और परिणिति एयरपोर्ट से बाहर निकल आए।
राजीव ने देखते ही हाथ हिलाया।
मिनल और परिणिति हंसते हुए बोली अरे वाह समय से पहले !
राज ने कहा हां और क्या वरना आज मां खाना नहीं देती।
परिणिति ने कहा देखा बुआ ये बिल्कुल नहीं बदला।
राज ने कहा हां,पर तू इतनी मोटी कैसे हो गई?

परिणिति ने कहा हां,नजर लगा लो।
राजा!
राज ने कहा अच्छा पारो!
हे हे हे!
फिर तीनों गाड़ी में बैठ गए।
कुछ देर बाद ही घर पहुंच गए।

पहुंचते ही मिनल और आभा एक दूसरे के गले लग गई।
परिणिति ने सबके पैर छू कर कहा कैसे हो आप लोग?
राज ने कहा हां,देखो कितनी मोटी हो गई है पारो?
परिणिति ने कहा हां ठीक है राजा।।
फिर सब हंसी मज़ाक हुआ और फिर सब दोपहर का लंच करने बैठ गए।

परिणिति ने कहा शायरी करते हो कि छोड़ दिया।
राज ने कहा हां करता हूं कभी कभी।
पर मुड होता है तब।।

आभा ने अब तुम लोग आराम कर लो।
मिनल ने कहा अरे हिना।।
कहा है?
आभा ने कहा हां,वो आ जाएगी शाम तक।।
परिणिति ने कहा हां,अमर भाई की शादी में नहीं ही आ पाई।

फिर राज भी निकल गया अपने काम पर।।

हिना अदालत में केश लड़ती हुई नजर आईं।
मैडम केश थोड़ा सा पेचिदा है।

हिना ने कहा हां ठीक है मुझे तो ये सब पसंद है।।
पर इसमें थोड़ा सा रिस्क है।।
हिना ने कहा कि मुझे पता है मैं ऐडी हुं।

फिर लंच ब्रेक हुआ तो हिना ने घर में फोन किया।
आभा ने बताया कि सब आ गए हैं बस तुम्हारा इंतज़ार हो रहा है।

हिना ने हंसते हुए कहा हां ठीक है मैं बस जल्दी आती हुं।
फोन रखने के बाद जल्दी से हिना ने लंच खाने लगी।

फिर शाम को हिना घर पहुंची तो देखा सब बैठ कर बातें कर रहे थे राज भी वही पर था।
हिना ने नोटिस किया कि राज और एक लड़की आपस में बातें कर रहे थे।
हिना ने सबसे पहले मिनल के पैर छू कर कहा कैसे हो मासी?
मिनल ने कहा हां, ठीक हुं तुम कैसी हो?
हिना ने कहा हां ठीक हुं।
आप लोग बातें कीजिए मैं आती हूं।
हिना जाने लगी तो मिनल ने कहा अरे बेटा ये है परिणिति मेरी देवर की बेटी दिल्ली में रहती हैं।
परिणिति ने उठ कर सीधे हिना के गले लग गई और बोली ओह आप तो बहुत खुबसूरत हो हिना भाभी!
हिना भी हंसते हुए बोली अरे नहीं ऐसा कुछ नहीं है।
मैं अभी आती हूं।
हिना सीढियां चढ़ते हुए राज और परिणिति को देख रही थी और फिर बोली हंस हंस कर बातें हो रही है।।

फिर ऊपर पहुंच कर कमरे जाकर लेट गई आज फिर मैं बहुत थक गई।
कुछ देर बाद ही मालती अन्दर पहुंच कर बोली मैडम ये लीजिए चाय और पकौड़े।
हिना आंख मलते हुए उठ गई और बोली अरे मैं तो आ रही थी।
पर अच्छा हुआ जो आप लेकर आ गई मैं थक गई हूं।
मालती ने कहा हां बड़ी मैडम ने कहा कि मैं ऊपर ही आपको दे दूं।
हिना ने पकौड़े खाते हुए कहा अरे वाह बहुत ही अच्छा बना है रोज से अलग है!
मालती ने हंसते हुए कहा अरे बाबा छोटे सहाब और परी दी ने मिलकर बनाया।
हिना एक दम से चौंक गई और बोली अच्छा ये बात है!
एक बताओ क्या छोटे सहाब और परी एक दूसरे को जानते है?
मालती ने कहा हां, मैडम बचपन के दोस्त हैं।
हिना ने कहा हां ठीक है।
मालती के जाने के बाद हिना एक गहरी सांस लेकर बोली भगवान क्या चाहता है?
फिर हिना सो गई।
काफी देर तक हिना सोती रही और जब उठी तो देखा कि काफी देर हो गई है।
ओह माई गॉड आठ बज गए।।
फिर बाथरूम में जाकर फ्रेश हो कर नीचे पहुंच गई।
रमेश ने कहा अरे हिना बेटा आओ।
कैसा रहा?
हिना ने कहा हां ठीक ही था पापाजी।
मिनल ने कहा आओ हिना मेरे पास बैठो।
हिना मुस्कुरा कर मिनल के पास बैठ गई और फिर इधर उधर देखने लगी।
मिनल ने कहा आज बहुत थक गई थी तुम।
हिना ने कहा हां, मासी वो थोड़ा।
अरे परिणीति कहां है?
आभा ने कहा हां वो राज और परिणिति माॉल गए।
हिना ने कहा ओह अच्छा।
मिनल ने कहा बोर हो रहे थे।
हिना ने पूछा अभी गए?
मिनल ने कहा अरे नहीं छ बजे गए हैं।
हिना कुछ नहीं बोली।
आभा ने कहा हिना कुछ परेशान दिख रही हो?
हिना ने कहा अरे मम्मी जी वो काम का प्रेशर है बस।
फिर सब बातें करने लगे।।

हिना बार बार घड़ी देख रही थी।
मिनल ने कहा हिना घर में सब कैसे हैं?
हिना ने कहा हां ठीक है।
मिनल ने कहा क्या सोचा है बेटा।
हिना ने कहा किस बारे में?
मिनल ने कहा अरे अपनी जिंदगी के बारे में।

हिना ने कहा अरे मासी मैं ठीक हूं बिल्कुल।।
मिनल ने कहा नहीं नहीं फूल सी बच्ची है तू।
मिनल ने हिना को गले से लगा लिया और फिर हिना भी रोने लगी।
मिनल ने हिना का पीठ सहला दिया और तभी दोनों अन्दर पहुंच कर ऐसा देखा तो परिणिति ने कहा अरे वाह इमोशनल पार्ट।।
मैं मिस कर गई।।
राज ने कहा अरे बाबा तू तो पागल है।
राज ने पैकेट सोफे पर रखा और फिर बोला मालती ये सब ले जाइए।
आभा ने कहा हां ठीक है पर क्या लेकर आया इतना कुछ।।
राज ने हंसते हुए कहा अरे बाबा रे ये नहीं बदली बिल्कुल भी।।
पता है मासी मेरे तो सारे बैंक बैलेंस गया।।
इससे कोई शादी नहीं करेगा।
हिना ये सब सुन कर मन में बोली राज कितने बदल गए तो तुम मैंने तुम्हें क्या सोचा।।
हिना की आंखें भर आईं थीं पर वो उसको छुपाने की कोशिश कर रही थी।

मिनल ने कहा अरे बाबा परी क्या शोपिंग किया?
परी ने कहा हां दिखाती हूं चाची।

फिर परी ने एक एक पैकेट दिखाया।
राज ने कहा पारो के साथ अब मैं नहीं जाने वाला। ये कहते हुए राज ऊपर चला गया।
हिना सब कुछ बर्दाश्त कर रही थी उसे बहुत गुस्सा आ रहा था पर वो बोली अरे मुझे भूख लगी है।
मालती ने कहा हां,मैं अभी खाना लगा देती हुं।
ये बात तो सिर्फ उस सड़ू को पता है कि हिना को जब गुस्सा आता है तो बहुत भुख लगती है और फिर हिना खाना भी शुरू कर दी और बोली मुझे बहुत भूख लगी है तो मैं।।
रमेश ने कहा हां, बेटा तुम खा लो हम भी बैठ जाते हैं।
फिर सब खाना खाने बैठे।
सब हिना को देख रहे थे क्योंकि आज से पहले ऐसा कभी हुआ नहीं कि हिना पहले खाना खा ले।
छः रोटी हिना ने खा लिया तो तभी राज भी आ गया और वो देखा कि सब के प्लेट में खाना परोस दिया है पर हिना का प्लेट खाली पर उसका मुंह चल रहा है।
राज ने कहा अरे वाह क्या बात है?
हिना ने पानी पीने के बाद बोली ओके गुड नाईट।
कह कर चली गई।
राज ने कहा अरे ये क्या था!
परी ने कहा आज भाभी को क्या हुआ?
आभा ने कहा अरे उसे कुछ ज्यादा भुख लगी थी।
राज खाना खाने बैठ गया और फिर मन में सोचा ओह तो ये बात है!

फिर सब खाना खाने लगे।
उसके बाद सब सोफे पर बैठ गए और आइस्क्रीम का इन्तजार हो रहा था।
मालती ने सबको बाउल पकड़ाते हुए कहा कि मैं मैंम को देकर आती हुं।
मालती ऊपर हिना के रुम में पहुंच गई और बोली ये आपके लिए आइसक्रीम।।
हिना ने कहा ओह थैंक यू!
हिना ने जल्दी से बाउल ले लिया और फिर बोली अरे क्या बात है चाकलेट ब्राउनी।माई फेवरेट।
कितने टाईम बाद खा रही हुं।

कौन लाया होगा?
मुझे क्या करना है फिर पुरा आइसक्रीम खाने के बाद सो गई।


क्रमशः