Chamkila Baadal - 12 in Hindi Fiction Stories by Ibne Safi books and stories PDF | चमकीला बादल - 12

Featured Books
  • आखेट महल - 19

    उन्नीस   यह सूचना मिलते ही सारे शहर में हर्ष की लहर दौड़...

  • अपराध ही अपराध - भाग 22

    अध्याय 22   “क्या बोल रहे हैं?” “जिसक...

  • अनोखा विवाह - 10

    सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंट...

  • मंजिले - भाग 13

     -------------- एक कहानी " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ...

  • I Hate Love - 6

    फ्लैशबैक अंतअपनी सोच से बाहर आती हुई जानवी,,, अपने चेहरे पर...

Categories
Share

चमकीला बादल - 12

(12)

पोरशिया सिंगिल्टन मेज पर झुकी हुई एक नक्शे को बड़ी तन्मयता से देख रही थी। अचानक किसी ने बाहर से आवाज दी।

"मैं अंदर आ सकता हूं?"

"आ जाओ।" उसने नक्शे पर नजरे हटाते हुए कहा।

एक गौर वर्ण आदमी अंदर दाखिल हुआ और पोरशिया ने उससे पूछा।

"क्या बात है?"

"देर से कोई रह रहकर काल कर रहा है।" उसने उत्तर दिया।

"तुम फिर?"

"अपना कोड नंबर नहीं बता रहा है। फिर हम उसे कैसे उत्तर दें?"

"जब कोड नंबर नहीं बता रहा है तो फिर तुमने यह कैसे समझ लिया कि वह काल तुम्हारे लिए है?" पोरशिया ने तेज़ आवाज़ में प्रश्न किया।

"जिस प्रकार संस्था के बड़ों को संबोधित किया जाता है उसी प्रकार वह भी संबोधित कर यहा है मैडम।"

"हूं _" पोरशिया ने कहा फिर कुछ सोचने लगी उसके बाद बोली। "अच्छी बात है। चलो देखती हूं कि कौन है।"

वह उस आदमी के साथ उस झोपड़े में पहुंची जिसे ओप्रेशन रूम बना रखा था। यहां एक आदमी ट्रांसमीटर का हैड फोन चढ़ाएं बैठा नजर आया। पोरशिया के साथ वाले ने उससे संकेत में पूछा फिर संकेत ही में उत्तर पकर पोरशिया से कहा।

"काल हो रही है मैडम।"

पोरशिया ने दूसरा हेडफोन अपने कानों पर फिक्स करते हुए दूसरे आदमी को संकेत किया कि वह अपना हेडफोन उतार दे। वह आदमी हेडफोन उतार कर अदब से एक और खड़ा हो गया।

"हेलो कौन है?" पोरशिया आवाज दबा कर बोली।

"तुम कौन हो?" दूसरी ओर से आवाज आई।

"तुम्हें इससे क्या? किसको और क्या संदेश पहुंचाना चाहते हो? तुम्हारा संदेश पहुंचा दिया जाएगा।"

"बग वन के लिए संदेश है।" आवाज आई।

"तुम्हारी शनाख्त?" पोरशिया भन्ना कर बोली।

"जोंक कह देना काफी होगा।"

"कहो क्या कहना है?"

"एक शर्त पर समझौता कर सकता हूं। वरना खेल बिगाड़ दूंगा।"

"कौन सा खेल बिगाड़ दोगे?" इस बार पोरशिया ने आवाज बदलने की कोशिश नहीं की थी और स्वर भी पहले से भिन्न था।

"ओह तो तुम खुद हो।" दूसरी ओर से आवाज आई।

"बकवास बंद करो और अस्ल विषय की और आओ।"

"अस्ल विषय यह है कि मैं सचमुच तुम्हारा खेल बिगाड़ दूंगा वरना मेरा भी एक कम करो। तुम मुझे अच्छी तरह जानती हो।"

"काम के नवैयत बताओ।" पोरशिया ने पूछा।

"मैं कुछ अस्त्र-शस्त्र इस ओर से पड़ोसी देश में पहुंचाना चाहता हूं। जिस ओर तुम अपना काम कर रही हो।"

"वहां का ग्रुह युद्ध हमारे मिशन से अनुकूलता नहीं रखता।"

"मुझे इससे कोई सरोकार नहीं कि क्या तुम्हारे मिशन के अनुकूल है और क्या प्रतिकूल है बस मेरा काम होना चाहिए।" आवाज आई।

"सुनो संगही। खड़े घाट निर्णय नहीं किया जा सकता। एक घंटे बाद फिर कॉल करना। कोड नंबर झेड एल फाइव नोट करो।"

"मैं कोड नंबर नोट करके क्या करूंगा?" आवाज आई।

"ताकि संबंध स्थापित करने में कठिनाई न हो।" पोरशिया ने कहा।

"सुना है कि बहुत देर से कॉल करते रहे हो।"

"बहुत मेहरबान हो रही हो।" दूसरी ओर से आवाज आई।

"मुझे इस बात का सदैव दुःख रहेगा कि तुमसे अकारण झगड़ा हो गया।" पोरशिया ने कहा और निकट खड़े हुए ऑपरेटर को किसी प्रकार का संकेत किया। ऑपरेटर तेजी से एक मशीन के निकट जा खड़ा हुआ।

"दुःख तो मुझे भी है।" दूसरी ओर से आवाज आई।

"किंतु अब क्या हो सकता है?" ऑपरेटर ने दूसरी मशीन का एक तार ट्रांसमीटर में लगा दिया।

"क्यों नहीं हो सकता?" पोरशिया ने कहा।

"संस्था मुझे निरस्त कर चुकी है।"

"मगर मुझसे विरोध करने का साहस कोई नहीं कर सकेगा।"

"यह तो ठीक है मगर अब मैं अलग ही रहना चाहता हूं।" आवाज आई।

"यह दूसरी बात है।" पोरशिया ने कहा। फिर पूछा। "लेकिन क्या यह भी आवश्यक है कि तुम शत्रुता बनाए रखो?"

"मैं एक घंटे बाद कॉल करूंगा।" दूसरी ओर से आवाज आई। फिर सन्नाटा छा गया। पोरशिया ने कानों पर से हेडफोन उतार कर मेज़ पर रख दिया और उस ऑपरेटर की ओर देखने लगी जो दूसरी मशीन पर झुका हुआ कुछ नोट कर रहा था। ऑपरेटर ने दूसरे ही क्षण पैड उसके सामने रख दिया। उसने उस ऑपरेटर के लिए हुए नोट पर नजर डाली और वह पन्ना पैड से अलग करती हुई उठ गई फिर ऑपरेटर से कहा।

"एक घंटे बाद वह झेड एल फाइव के हवाले से कॉल करेगा। मुझे सूचित करना।"

"जी अच्छा।" ऑपरेटर ने कहा।

वह झोपड़े से बाहर निकल आई। ऐसा लग रहा था जैसे बहुत जल्दी में हो। एक दूसरे झोपड़े के सामने रुककर उसने दरवाजे की जंजीर हिलाई। द्वार फौरन ही खुला। एक गठीले और शक्ति से परिपूर्ण शरीर वाला गौर वर्ण सामने खड़ा नजर आया। पोरशिया को देखकर वह नत मस्तक हुआ और फिर सीधा होकर पीछे हट गया। वह झोपड़े में दाखिल हुई और गोरे आदमी ने कहा।

"मैडम कुछ चिंतित नजर आ रही है?"

"तुम ठीक समझे।"

"चिंता का कारण मैडम?"

"कोई स्थानीय एजेंट मारा गया है और उसकी क्लिप डिवाइस संगही के हाथ लग गई है।" पोरशिया ने कहा।

"मुझे आश्चर्य है मैडम।"

"उससे झगड़ने के बाद मैंने सारा सिस्टम अंतरित कर दिया था। फिर भी_" वह वाक्य पूरा किए बिना ही मौन हो गई।

"आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है मैडम।" गोरे आदमी ने कहा। "अगर वह हरामी यहां मौजूद है तो उससे निपट लिया जाएगा।" पोरशिया ने ऑपरेटर के पैड से अलग किए गए पन्ने पर नजर डालते हुए कहा।

"इंडिकेटर के अनुसार 30 डिग्री दक्षिण पूर्व_ फासिला 120 किलोमीटर_"

"इसका अर्थ यह हुआ कि वह मवानजा में कहीं है।" गोरे आदमी ने कहा।

"तुम सारे स्थानीय एजेंट को बारी-बारी चेक करो। पोरशिया ने कहा। "इस प्रणाली से यह ज्ञात हो जाएगा कि किसकी क्लिप डिवाइस उसके हाथ लगी है।"

"जो आज्ञा मैडम। मगर वह चाहता क्या है?"

"दंगानीका झील के उस पार अस्त्र-शस्त्र स्थापित करना चाहता है।"

"ओह!"

"साथ ही यह धमकी भी दी है कि यदि हमने अपने बनाए हुए मार्गो से उसकी यह कठिनाई दूर न की तो वह हमारे मिशन को हानि पहुंचाएगा। उसके शब्दों में इस प्रकार की वह हमारा खेल बिगाड़ देगा।"

"बड़ी जटिल समस्या है।" गोरे आदमी ने कहा। फिर कुछ सोचता हुआ बोला।

"मेरा विचार है कि आप मैडम वारसा को इस मामले से सूचित कर दीजिए।"

"वह तो मैं कर ही दूंगी।" पोरशिया ने कहा। "किंतु फिलहाल उसे उलझाए रखने की आवश्यकता है। इस स्टेज पर वह हमें हानि पहुंचा सकता है।"

"अच्छी बात है। मैं एक-एक करके सारे एजेंटो को कोल करता हूं ।"

"कमल कांत के बारे में क्या रिपोर्ट है?" पोरशिया ने पूछा। मसोमा के अतिरिक्त और किसी ने भी उससे मिलने की कोशिश नहीं की। गोरे आदमी ने कहा।

"ताजा रिपोर्ट?" पोरशिया ने पूछा।

"आज सवेरे की रिपोर्ट है कि वह दोनों मवानजा में है।"

"कौन दोनों?" पोरशिया चौंक पड़ी।

"मसोमा और कमल।"

"ओह मूर्ख_" पोरशिया दांत पीसकर बोली।

"क्या हुआ मैडम?" गोरा आदमी आश्चर्य में पड़ गया था।

"मुझे विश्वास है की मसोमा ही मारा गया है। उसी की क्लिप डिवाइस संगही के पास है।"

"यह आप कैसे कह सकती है?"

"राजेश के साथियों को संगही भी पहचानता है।" पोरशिया ने कहा। "कमल ही के कारण मसोमा की ओर संगही आकृष्ट हुआ होगा।"

"तब तो आप ही का विचार सच मालूम हो रहा है।" गोरे आदमी ने कहा फिर पूछा। "तो अब इस सिलसिले में मुझे क्या करना होगा?"

"अपने आदमियों से कहो कि कमल कांत पर कड़ी दृष्टि रखें।" पोरशिया ने कहा।

"जी अच्छा।"

"फौजी कैंप की क्या खबर है?" पोरशिया ने पूछा।

"अंतिम सूचना चार दिन पहले आई थी।"

"वह सूचना यही थी ना कि कर्नल डोना बोनार्ड विलजेरूप से संबंध स्थापित करना चाहता है?" पोरशिया ने पूछा।

"जी हां मैडम। यही सूचना थी।"

"खैर उन लोगों को तो देख लिया जाएगा। मगर ठहरो।" पोरशिया कह कर कुछ सोचने लगी फिर बोली।

"तुमने तो यही बताया था ना कि कर्नल बोनार्ड अपने तीन साथियों सहित कीगोमा की ओर जाने वाले हैं?"

"जी हां।"

"और कदाचित यह भी बताया था कि उन तीन साथियों में से दो तो कर्नल डोना बोनार्ड के ही आदमी है और तीसरा बगासी है?"

"जी हां मैडम। मैंने यही बताया था।"

"और यह सूचना बगासी ने दी थी"

"जी हां।" गोरे आदमी ने कहा।

"अब प्रश्न यह पैदा होता है कि आखिर उतने आदमियों में से कर्नल डोना बोनार्ड ने कैप्टन बगासी ही का चयन क्यों किया?"

"हो सकता है मैडम कि कैप्टन बगासी ने जानबूझकर अपने हो यह विश्वास दिला कर प्रस्तुत किया हो कि वह कीगोमा के इलाके को अच्छी तरह जानता है और इसी आधार पर कर्नल डोना बोनार्ड ने उसका चयन किया हो।"

"तुम्हारा यह तर्क मुझे संतुष्ट नहीं कर सका।" पोरशिया ने कहा।

"मैं उसे कॉल करके पूछ लूंगा।" गोरे आदमी ने कहा।

"जल्द से जल्द यह काम होना चाहिए।" पोरशिया ने कहा। "बल्कि ऐसा करो कि स्थानीय एजेंटो को कॉल करने का काम कैप्टन बगासी से ही आरंभ करो।"

"जो आज्ञा मैडम।" इसी समय बाहर से किसी ने आवाज दी और गोरे आदमी ने ऊंची आवाज में कहा।

"आ जाओ।" दरवाजा खोलकर एक ऑपरेटर दाखिल हुआ और गोरे आदमी को कागज का एक टुकड़ा थमा कर वापस चला गया।

"ओह_" वह टुकड़े पर नजर डाल कर बोला। "यह तो कैप्टन बगासी ही का संदेश है।"

"क्या कहता है?" पोरशिया ने पूछा।

"कह रहा है कि हम मवानजा में है। यहां कर्नल डोना बोनार्ड का तीसरा साथी विचित्र दशा में मिला है। वह ऐसे कमरे में बंद था जिसमें एक स्थानीय आदमी की लाश भी मौजूद थी। कर्नल का यह तीसरा साथी एशियाई मालूम होता है। उसका नाम कमलकांत है।"

"बड़ी अच्छी खबर है।" पोरशिया ने हर्षित होकर कहा। फिर तत्काल ही बुरा सा मुंह बनाकर बोली।

"यह बगासी प्रथम श्रेणी का गधा मालूम होता है।"

"वह क्यों मैडम?" गोरे आदमी ने पूछा।

"उसने यह नहीं बताया कि मवानजा में कहां निवास है?"

"चिंता न कीजिए मैडम। हम उसे तलाश कर लेंगे।" गोरे आदमी ने कहा।

'तलाश करने में समय लगेगा और मेरे पास समय नहीं है।" गोरे आदमी ने कुछ नहीं कहा।बस पोरशिया का मुंह ताकता रहा। पोरशिया फिर बोली।

"यह कर्नल बोनार्ड राजेश के अतिरिक्त और कोई नहीं हो सकता।"

"नहीं_" गोरा आदमी उछल पड़ा।

"हां_ इस पर मैं लाखों की शर्त लगाने को तैयार हूं।"

"तब तो हमें जल्दी करनी चाहिए।" गोरे आदमी ने कहा।

"खेतों पर दवा छिड़कने वाला हेलीकॉप्टर ऑर्डर में है या नहीं?"

"अभी मालूम करता हूं मैडम।"

"जल्दी करो मैं अपने ठिकाने पर मिलूंगी।"

"संगही वाली कॉल का क्या होगा मैडम? जो एक घंटे बाद होने वाली है।"

"उसकी चिंता छोड़ो।" पोरशिया ने कहा। "राजेश उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।"

"जैसी आपकी इच्छा।" पोरशिया ने फिर कुछ नहीं कहा। तेज़ी से बाहर निकल गई। उसके पीछे गोरा आदमी भी बाहर निकला था और एक और दौड़ लगा दी थी।

=================