(5)
"उससे भी तुम्हारे बॉस को कोई खतरा नहीं है। मसोमा उसे मित्र के समान रखेगा क्योंकि वह यही समझ रहा है कि तुम्हारे बॉस के माध्यम ही से मुझ तक पहुंच सकता है।"
"बात समझ में आ गई।" जेम्सन ने सिर हिला कर कहा। फिर पूछा "तो अब आपका क्या प्रोग्राम है?"
"एक लंबी यात्रा का प्रारंभ_"
"ओह! तो आप रिफ्टवैली के जंगलों तक पहुंचना चाहते हैं।"
"हां " कर्नल ने कहा और जेम्सन उसे फटी फटी आंखों से देखने लगा।
"क्या कहना चाहते हो?" कर्नल ने पूछा।
"मैं यह कहना चाहता हूं कि रिफ्टवैली के जंगल अत्यंत खतरनाक है।"
"मैंने भी भूगोल की पुस्तक में यही पढ़ा था।" कर्नल ने कहा।
"मगर वहां जाकर आप करेंगे क्या?"
"यह वहीं पहुंच कर सोचूंगा।"
"मेरे लिए क्या आज्ञा है?"
"तुम्हारा वियोग अब पल भर के लिए भी सहन नहीं कर सकता।"
"क_क_ क्या मतलब?" जेम्सन हकला पड़ा। "मतलब यह है कि तुम्हारा बॉस यहां ऐश करेगा और तुम मेरे साथ धक्के खाते फिरोगे।" कर्नल ने कहा।
"मेरा अपराध योर मैजेस्टि?"
"बस इतना कि तुम बहुत अच्छे लग रहे हो। मैं तुम्हें पसंद करने लगा हूं।" कर्नल ने अत्यंत गंभीरता के साथ कहा।
"और जिसे मैं पसंद करता हूं उसके लिए मेरी यही अभिलाषा होती है कि उसकी अर्थी भी मेरी ही अर्थी के साथ उठे।"
"मुझे जंगलों का कोई अनुभव नहीं है।"
"मुझे काफी अनुभव है। इसलिए चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।"
"मैडम झोली कहां है?" जेम्सन ने पूछा।
"यहीं है।"
"यात्रा में वह भी तो साथ रहेंगी ना?"
"नहीं। वह यहीं रहेगी।"
"यह क्यों?"
"तुम्हारे बॉस पर नजर रखने के लिए।"
"तो फिर क्यों ना में मैडम पर नजर रखने की ड्यूटी पर लगा दिया जाऊं?"
"इसकी आवश्यकता नहीं है।" कर्नल ने कहा।
"क्यों आखिर उन्हें भी तो खतरा हो सकता है?"
"नहीं। उसके लिए कोई खतरा नहीं है।"
"तो मुझे आपके साथ चलना ही होगा? जेम्सन ने पूछा।
"हां "
"आखिर मुझ में कौन से सुर्खाब के पर लगे हुए हैं?"
"बकवास बंद करो।" कर्नल ने कठोर स्वर में कहा।
"जो आज्ञा।" कुछ देर तक खामोशी छाई रही उसके बाद कर्नल ने पूछा।
"उस इमारत में अनुमानतः कितने गूंगे रहते होंगे?"
"25-30"
कर्नल सिर हिला कर रह गया। जेम्सन थोड़ी देर मौन रह कर बोला।
"क्या वह गूंगे ही धारीदार आदमियों में परिवर्तित कर दिए जाएंगे?"
"मेरी धारणा यही है। तो क्या उन लोगों का प्रयोजन मालूम करने ही के लिए आपने मुझे वहां पहुंचाया था?" जेम्सन ने पूछा।
'हा। मुझे मालूम हुआ था कि मवाकाजी के एजेंट गूंगो को तलाश करके वहां पहुंचाते हैं। इतना मालूम होने पर इस जिज्ञासा का उत्पन्न होना स्वाभाविक था कि आखिर गूंगे क्यों? बस तुम्हें वहां भिजवाया और अब तुम्हारे मुख से ब्लड ग्रुप मालूम करने वाली बात सुनकर पूरा विश्वास हो गया कि यहां धारीदार आदमी बनाने के लिए गूंगे ही प्रयोग किया जा रहे हैं।"
"वह लड़की कयामत थी।" जेम्सन ठंडी सांस लेकर बोला।
"अगर वहीं वापस जाना चाहो तो मुझे कोई आपत्ति ना होगी। मगर इतना मसाला एकत्र करना मेरे वश से बाहर होगा कि तुम्हें नीचे से ऊपर तक काला करके रख दूं।"
"तो क्या अब मुझे इसी हुलिये में रहना है?"
"मैं ऐसा ही सोच रहा हूं। फौजी वर्दी में अच्छे खासे लगोगे।"
"तो क्या यह सचमुच सैनिकों का ही कैंप है?" जेम्सन ने पूछा।
"यहां की मिलिट्री इंटेलीजेंस की एक टुकड़ी है।"
"यह टुकड़ी भी यात्रा में सम्मिलित रहेगी?"
"हां। मैं उनकी सहायता के लिए आया हूं।"
"किंतु अपना अपराध अब भी मुझे नहीं मालूम हो सका।"
"जाओ।" कर्नल ने आंखें निकाल कर कहा।
"क_क_कहां जाऊं?" जेम्सन हकला पड़ा
"तुम्हें उस खेमें तक पहुंचा दिया जाएगा जहां तुम्हें निवास करना है। मगर एक बात सदैव याद रखना।"
"वह क्या योर मैजेस्टि?"
"दूसरों के सामने कर्नल ही कह कर मुझे संबोधित करना। योर मैजेस्टि नहीं। और यह कभी नहीं भूलना कि मैं कर्नल डोना बोनार्ड हूं।"
"तो क्या यह लोग भी आपके व्यक्तित्व से भिज्ञ नहीं है?"
कर्नल डोना बोनार्ड इस महाद्वीप में प्रसिद्ध व्यक्तित्व है।"
"मेरे कहने का अर्थ यह था कि क्या यह लोग आपको मिस्टर राजेश की हैसियत से नहीं जानते?"
"मिस्टर राजेश किस चिड़िया का नाम है?"
"सचमुच मैंने पहले कभी आपको ऐसे मूड में नहीं देखा।"
"एशिया और अफ्रीका पर डोना बोनार्ड ही का राज है। राजेशों को कौन पूछता है? राजेशों का तो केवल यह प्रयोजन रह गया है कि वह डोना बोनार्ड के षड्यंत्र का शिकार होते रहे और उनका कार्य साधन बनते रहे।"
"आप बहुत क्रोध में मालूम होते हैं योर मैजेस्टि?"
"इसलिए मैं डोना बोनार्ड ही की हैसियत से इन्हें चाक चौबंद रख सकूंगा वरना उनकी आत्महीनता की अनुभूति मुझे भी ले डूबेगी।"
"मैं समझा नहीं?" जेम्सन ने कहा।
"यह फौजी मेरे अंडर में है। मुझे कर्नल डोना बोनार्ड समझकर सहर्ष मेरी आज्ञाओं और आदेशों का पालन करते हैं। किंतु जब उनको यह मालूम हो जाएगा कि मैं कर्नल डोना बोनार्ड नहीं वरन एक हिंदुस्तानी आदमी हूं तो उनके दिलों में मेरे प्रति घृणा उत्पन्न हो जाएगी। यह सोचकर आत्महीनता की अनुभूति में ग्रस्त हो जाएंगे की एक हिंदुस्तानी आदमी को इनका ऑफिसर बनाया गया है। प्रकट है कि इस अनुभूति के कारण यह सही तौर पर मेरी आज्ञाओं का पालन नहीं करेंगे। परिणाम यही होगा कि खुद भी डूबेंगे और मुझे भी डुबो देंगे।"
"आप ठीक कह रहे हैं।" जेम्सन ने सिर हिलाते हुए कहा। राजेश ने फिर कुछ ना कह कर किसी को आवाज दी।
फौरन ही एक अफ्रीकी फौजी ने अंदर दाखिल होकर उसे सेल्यूट किया। राजेश ने जेम्सन की ओर संकेत करके उससे कहा।
"इसे मुगुंडा के खेमें में पहुंचा दो।"
जेम्सन अभी बहुत सारी बातें करना चाहता था मगर उसे सैनिक की उपस्थिति में राजेश के सर ना हो सका। चुपचाप उठकर उस सैनिक के पीछे चल पड़ा था। सोच रहा था कि आखिर यह मगोन्डा कौन हो सकता है? मेकफ मगोन्डा तो नहीं! फिर जब सैनिक के संकेत पर एक खेमें में दाखिल हुआ तो चकित रह गया। क्योंकि उस खेमें में मेकफ ही था
मेकफ ने उसे देखते ही दांत निकाल दिए थे। वह भी फौजी वर्दी में ही था।
"बहुत खुश नजर आ रहे हो?" जेम्सन ने बुरा सा मुंह बनाकर कहा।
"वर्षों की अभिलाषा पूरी हुई मिस्टर_" मेकफ ने कहा। "अपने देश के वातावरण में सांस ले रहा हूं।"
"पहले क्यों नहीं आए? किसी ने बांध तो नहीं रखा था?" जेम्सन ने कहा।
"बांध रखा था मिस्टर_"
"किसने बांध रखा था? जेम्सन ने आश्चर्य से पूछा।
"बॉस के प्रेम ने। मेरी मौत ही मुझे उनसे अलग कर सकती है।"
"मगर मेरा दिल यहां नहीं लग रहा है। जेम्सन ने कहा।
"तुम यहां काम करने आए हो मिस्टर_ दिल लगाने के लिए नहीं।" मेकफ ने कहा। "मेरी बात और है।"
"मुझे इस इलाके के बारे में बताओ।" जेम्सन ने कहा।
"किस इलाके के बारे में?"
"जिधर हमें यात्रा करनी है।"
"मैं जानता ही नहीं की किधर यात्रा करनी है, फिर बताऊं क्या?"
"इस कैंप में मिस्टर राजेश की क्या हैसियत है?"
"मेरा बॉस हर जगह सम्राट नजर आता है।" मेकफ ने गर्व से कहा।
"मतलब यह है कि कमांडर के मुकाबले में उनकी क्या हैसियत है?"
"बॉस के अतिरिक्त और कोई कमान्डर नहीं है।"मेकफ ने कहा। "दूसरे केवल परामर्श दे सकते हैं। ऑर्डर बोस का ही चलता है।"
"तुम लोग जब से यहां आए हो क्या-क्या करते रहे हो?" जेम्सन ने पूछा।
"जंगलों को छोड़कर पूरा तंजानिया छान मारा है।"
"और अब क्या प्रोग्राम है?"
"अब कदाचित किसी जंगल में घुसने का प्रोग्राम है।"
"कहीं रक्तपात की नौबत नहीं आई?" जेम्सन ने पूछा।
"अभी तक तो ऐसा नहीं हुआ मगर मैं रक्त सूंघ रहा हूं।" मेकफ ने कहा। "लाशों पर मंडराने वाले गिद्धों के लिए शुभ संवाद_"
"वह तो वैसे भी होगा।" जेम्सन ने कहा। "अफ्रीका बड़ी शक्तियों का अखाड़ा बनने वाला है। अतिरिक्त शस्त्रों के विक्रय से जो धन प्राप्त होगा वह मानवता के कल्याण पर व्यय किया जाएगा।"
"तुमने यह व्यंग्य बड़ी शक्तियों पर किया है या अफ्रीका पर?" मेकफ आंखें निकाल कर बोला।
"मैंने किसी पर व्यंग नहीं किया है बल्कि तथ्य प्रकाशन किया है। अर्थात सच्ची बात कही है। दोनों बड़ी शक्तियां अपने फाजिल अस्त्र-शस्त्र इसी प्रकार ठिकाने लगाती है।"
"बस_ समाप्त करो।" मेकफ हाथ उठा कर बोला। मैं इस संबंध में कुछ नहीं सुनना चाहता। जेम्सन बुरा सा मुंह बनाकर दूसरी ओर देखने लगा।
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मसोमा और कमल कान्त तलाश करते-करते परेशान हो गए थे मगर जेम्सन उनके हाथ नहीं लग सका था। और अब उन दोनों ने यह तय किया था कि मवानजा में उस औरत को तलाश किया जाए जो फोन पर उनसे बातें किया करती है। मसोमा ने पहले तो इसे व्यर्थ समझा था किंतु फिर ना जाने क्या सोच कर मवानजा चलने पर तैयार हो गया था।
ट्रेन द्वारा और अरविशा पहुंचे थे और वहां से एक लैंड रोवर किराये पर प्राप्त करके मवानजा की ओर रवाना हो गए थे। कमल ने मसोमा को न जाने क्या सोचकर यह नहीं बताया था कि जिस औरत की खोज में वह जा रहे हैं उस औरत से वह पहले ही मिल चुका है।"
"किंतु हम उसे तलाश कहां करेंगे?" मसोमा ने कहा।
"क्यों? तुमने तो कहा था कि तुम फोन पर उससे संबंध स्थापित करते हो। फोन नंबर द्वारा पता लगाया जा सकता है।"
"मैंने कभी यह न कहा होगा कि मैं संबंध स्थापित करता हूं।"
"तुमने कहा था, शायद भूल रहे हो।" कमल ने कहा।
"जब मैंने खुद कभी उससे फोन पर संबंध स्थापित भी नहीं किया तो यह बात कैसे कह सकता हूं?"
"फिर?"
"वह खुद ही मुझसे संबंध स्थापित करती रही है। जब भी मैंने उससे उसका फोन नंबर पूछा तब उसने यही कहा कि इसकी आवश्यकता नहीं। वह खुद ही उससे फोन पर संबंध स्थापित करती रहेगी।"
"तब तो कठिनाई होगी।" कमल ने कहा। मसोमा मौन रहा। कमल कुछ क्षणों तक सोचता रहा फिर उसने पूछा।
"क्या उन दिशाओं में कोई ऐसा स्थान भी है जहां चढ़ाई पर रेगिस्तान हो और ढलान में एक छोटी सी हरी-भरी घाटी हो?"
"पता नहीं। ऐसे कितने स्थान होंगे।" मसोमा ने लापरवाही से कहा। कमल ने फिर कुछ नहीं पूछा। स्वयं उसे अपना यह प्रश्न मूर्खतापूर्ण प्रतीत हुआ। मसोमा ही लैंड रोवर ड्राइव कर रहा था। उसने थोड़ी देर बाद कहा।
"वैसे मैं तुम्हें यह बता दूं कि मैं उसे औरत को खोज निकालने के लिए नहीं चल रहा हूं।"
"क्या मतलब?"
"बस थोड़ा सा मनोरंजन चाहता था।" मसोमा ने हंस कर कहा। "मवानजा में भ्रमणकारियों की भीड़ होगी। बड़े सुंदर-सुंदर चेहरे दिखाई देते हैं।"
"तब तो मुझसे बड़ी गलती हुई।" कमल ने कहा।
"कैसी गलती?"
"निवास स्थान से रवाना होने से पहले ही मुझे तुमसे यह पूछ लेना चाहिए था कि तुम्हारे पास उस औरत का फोन नंबर है या नहीं?"
"इससे क्या होता?"मसोमा ने पूछा।
"मैं आता ही नहीं।"
मसोमा एकदम से हंस पड़ा फिर बोला। "इसकी चिंता न करो। तुम्हारी तफरीह भी मेरे जिम्मे _। तुम बहुत अच्छे मित्र साबित हुए।" "नहीं_ मैं लज्जित हूं मिस्टर मसोमा _।"
"ओह! भूल भी जाओ। मैं यारों का यार हूं।" दोपहर के भोजन के लिए वह एक छोटी सी बस्ती में रुके। बड़ा रमणीय स्थान था। चारों ओर रंग-बिरंगे फूलों वाले पौधे लहरा रहे थे। और वातावरण में विचित्र सी सुगंध रची बसी हुई थी। एक साफ सुथरे मोटेल में लंच के लिए प्रविष्ट हुए। खाने का कमरा यात्रियों से भरा हुआ था। कोई मेज खाली नहीं थी। इसलिए वह काउंटर ही के निकट रुक गए।
"इधर तो यही होगा।" मसोमा ने कहा। "खड़े-खड़े खाओ।"
"कोई अंतर नहीं पड़ता।" कमल ने कहा और फिर एकदम से चौंक पड़ा।
सदर द्वार के निकट एक लंबे कद का दुबला पतला आदमी नजर आया था। चिपटी सी नाक के नीचे घनी मोछे कुछ विचित्र सी लग रही थी। इतनी घनी थी कि उनमें नीचे और ऊपर के दोनों होठ छिप कर रह गए थे। उसके साथ एक काली औरत भी थी। अत्यंत स्वस्थ तथा चंचल नेत्रों वाली। आयु अधिक से अधिक पच्चीस वर्ष रही होगी। वह दोनों भी उनके निकट ही आ खड़े हुए। कमल को ऐसा महसूस हो रहा था जैसे उस लंबे आदमी को पहले भी कहीं देख चुका हो। पहले ही नजर में परिचित सा लगा था। इसीलिए तो वह उसे देखते ही चौंका था। मगर लंबा आदमी उसकी और ध्यान दिए बिना अपनी साथी औरत से बातें किए जा रहा था। दोनों अंग्रेजी ही में बातें कर रहे थे। लंबे आदमी का लहजा अत्यंत प्यार भरा था। औरत उसके मुकाबले में कुछ अधिक दिलचस्पी नहीं ले रही थी।