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उससे बात करकर ऐसा लगा था ...किसी की आवाज इतनी भी खूबसूरत हो सकती है..?बिना देखे ..कोई तुम्हारे मन में अपन अस्तित्व की छाप रख सकता है।व्यक्ति के दिखाई देने से ज्यादा उसका होना अधिक आवश्यक रहता है।
बनावटी।दिखावे का नकाब कभी भी उतार दिया जाता है,परिस्थिति के अनुकूल न होने पर,मगर मन के भीतर से अगर कोई साफ और नेक दिल इंसान हो...वह उसक स्वभाव के ही गुणों में शामिल होता है।
वह पल जीवन के सबसे हसीन पलों में शामिल थे।वक्त जैसे ठहर सा गया था।घड़ी की सुइयां थम सी गई थी।
उसे यह पता भी हो सकता है ....और शायद ना भी ।मगर यह पल कभी न बीते ,इसकी चाह मैने हमेशा रखी है ।
........... उसने पहले ही कहा था.....तुम
मुझसे कोई लगाव मत रखना .आखिरकार तकलीफ तुम्हे ही होगी।
सच बिलकुल सच ही कहा था उसने ।उसने कोई वादा नही किया था।
या कोई रिश्ता नहीं था मगर फिर भी कोई अपना सा लगने लगा था
,मिला था । अनजाना रिश्ता होते हुए भी मन अंत हीन यादों के सफर में खोया हुआ रहता है।
.............. किसी को कुछ देने से या किसी से कुछ पाना ही सबकुछ नही हो सकता।किसी चीज की अहमियत सिर्फ वही समझ सकता है,जो उसे पाने के लिए तरसा हो।
जीवन का सफर बड़ा खूबसूरत लगने लगा था। इसके विपरित अवस्था में होते हुए भी,कोई अपना सा मिला था।किसीने सच ही कहा है की,आपके जीवन में जब कोई आता है,चाहे आप स्त्री हो या पुरुष तब आपके अंदर के जो सर्वोत्तम भाव होते है वह अपने आप प्रकट होने लगते है।क्योंकि "कल्पना" के जगत में आप अपने विचारो को व्यक्त करने लगते है।
आपके जीवन में कौन रह सकता है,यह केवल आपकी हैसियत ही तय करती है।वास्तविकता और हकीकत में हरदम अंतराल रहेगा ।यह जानते हुए भी ,ख्यालों में उसका ही अधिराज्य है।जो कभी खतम नही होता।चाहे उसके साथ बात ना हो,मगर सुकून के पल सोचकर ही मन प्रफुल्लित हो उठता है।
इंसानी जीवन में वासना के परे भी एक दुनिया अस्तित्व में है।अगर आप किसी को सच्चे हृदय से आपने आप में स्थानबद्ध कर देते हो जीवन सही मायने में खिलने लगता है।किसी से अगर चाहत है तो सिर्फ चाहना ही .....पाने की कोशिश उसे मत करना ।अकसर कोई चीज पाने के बाद उसका महत्व कम हो जाता है।लेकिन ,चाहत हमेशा बरकरार रहती है।
वासना के बगैर आप किसी के प्रेम हो ,उसका अनुभव एक बार अवश्य करना चाहिए।वह एक ऐसी शक्ति है जो आपके विचारो को गति प्रदान करती है। गर वो आपके साथ है।मगर जब वो आपसे दूर जाने लगती है ...तो समझो आप को अंदर से पूरी तरह झकझोर कर रखा देगा।
....मन की चाहत में तुम हमेशा ही अपना अस्तित्व बनाए रहोगी। ता उम्र । क्योंकि तुमने एक ऐसे व्यक्ति पर विश्वास किया था जिसका अभी तक इस भावनाओ को व्यक्त करने का कभी अवसर ही नही मिला था।
.....जीवन के एक पैलु का दर्शन हुआ है, जिसमे सही मायने में खुद पर विश्वास हुआ है।इंसान अनेक भावनाओ का संग्रह है। हमारा आसपास का माहौल ही उसे आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
तुम्हारे बातों का मन में इस तरह से संग्रह हुआ है की,
तुम्हारे
द्वारा कहा जाने वाला हर एक शब्द अच्छे से याद है।
तुम एक हसीन "सपना" हो ....जो शायद भोर का हो ।
क्योंकि भोर के समय के सपने अक्सर सच होते है।ऐसा मैने सुना है।
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