Ishq Hona hi tha - 5 in Hindi Love Stories by Kanha ni Meera books and stories PDF | इश्क़ होना ही था - 5

Featured Books
  • सनातन - 3

    ...मैं दिखने में प्रौढ़ और वेशभूषा से पंडित किस्म का आदमी हूँ...

  • My Passionate Hubby - 5

    ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा॥अब आगे –लेकिन...

  • इंटरनेट वाला लव - 91

    हा हा अब जाओ और थोड़ा अच्छे से वक्त बिता लो क्यू की फिर तो त...

  • अपराध ही अपराध - भाग 6

    अध्याय 6   “ ब्रदर फिर भी 3 लाख रुपए ‘टू मच...

  • आखेट महल - 7

    छ:शंभूसिंह के साथ गौरांबर उस दिन उसके गाँव में क्या आया, उसक...

Categories
Share

इश्क़ होना ही था - 5

**"ओम नमः शिवाय**


** इश्क़ होना ही था part-5 **


अभी तक हमने देखा सब मिल कर नितिन के घर आ जाते है । वहा हल्दी का प्रोग्राम चल ही रहा था और तभी मिताली का फोन आता है और अक्षत , दिया को ढूढ़ने लगता है...


दिया को ये बताने के बाद की हमें मिताली के पास जाना है , ये सुन कर वो अहाना को भी बुलाने के लिए जा रही होती है...


" दिया..."


जल्दी से अक्षत बोलता है और उसकी आवाज सुन कर दिया रुक जाती है...


" अहाना को यहाँ सबके साथ ही रहने दो और वो सबके साथ आ जाएगी...


में अपने भाई को बोल देता हु वो उसे बता देगा... "


अक्षत बोलता है...


" हां... "


दिया कहती है...


अक्षत आगे चलने लगते है और दिया भी उसके पीछे चलने लगती है...


अक्षत थोड़ी देर के लिए रुक जाता है और दिया जब आगे आ जाती है , तो उसके साथ ही चलने लगता है...


दिया पीछे की सीट पर जाकर बैठ जाती है...


" यार, तुम वहाँ पीछे बैठी हो तो मुझे ऐसा लगेगा कि मैं ड्राइवर हूँ...


तूम आगे आकर बैठ जाओ ना... "
अक्षत कहता है...


तो दिया कुछ नहीं कहती और आगे आकर बैठ जाती है...


अक्षत भी जल्दी कार में आकर बैठ जाता है और दिया को बाजु में बैठे देख कर खुश हो जाता है...


" अभी क्या बोलू... ?


कैसे शरुवात करू... ?


क्या उसे में कुछ पुछु... ? "


अक्षत सोच रहा था...


" दिया, तुम सचमुच कम बोलती हो या सिर्फ मेरे सामने ही नहीं बोलती... "
अक्षत कहता हैं...


" अरे, ऐसा कुछ नहीं है , तुम जैसे जैसे मुझे पहचानोगे तो तुम ही बोलोगे की में कितना बोलती हु में ... "


दिया हँसते हुए कहती हैं...


इसी तरफ वो दोनों बात करने लगते है और अक्षत कुछ ना कुछ बाते दिया के सामने करने लगता है...


तफी पालर आ जाता है...


" अरे इतनी जल्दी कैसे पालर आ गया... "


अक्षत मन में सोचता है...


" आप यहाँ ही बैठे , में मिताली को ले कर आती हूँ... "
दिया अक्षत से करती है...


दिया वहाँ से चली जाती है...


" क्या हम इसी तरह पूरी जिनगी साथ रह सकते है...


मेरा तुमसे वादा है की कभी तुम निराश नहीं करुगा... "


अक्षत सोच ही रहा होता है तभी वहा वो दोनों आ जाती है...


मिताली और दिया पीछे आकर बैठ जाती हैं...


" यार, तुम लोग मुझे ड्राइवर बना दिया है, ऐसा लगता है, कोई एक तो आगे बैठो... "
अक्षत दोनों के सामने देख कर बोलता है...


" दिया जाओ ना तुम आगे बैठ जाओ...


में लहंगे में वहा नहीं बैठ सकती ... "


मिताली बोलती है...


तो दिया कुछ नहीं कहती और आगे बैठ जाती है...


तीनों लोग बातचीत करते करते अपने घर पहुँच जाते हैं...


मिताली और दिया रूम में जाती हैं और अक्षत सब तैयारियां देख रहा था...


थोड़ी देर में सब लोग नीतिन के घर से वापस आ जाते है और अहाना भी उनके साथ ही होती है...


अहाना आकर सीधी दिया और मिताली के पास जाती है...


सब हल्दी की रसम के लिए आ जाते है...


मिताली को सब ले कर आते है और हल्दी की रसम चालू हो जाती है...


सबसे पहले नितिन के भाई भाभी आ कर मिताली को हल्दी लगाते है फिर मिताली के मम्मी पापा...


सब एक एक करके मिताली को हल्दी लगा रहे थे अब दिया और अहाना की बारी आती है...


पहले तो वो दोनों मिल कर बहोत सारी हल्दी मिताली को लगते है , फिर अहाना वही हल्दी दिया को भी लगा देती है , तो दिया भी उसे हल्दी लगाने के लिए जाती है, पर उसे पहले ही अहाना वहा से भागने लगती है...


दिया भी उसी के पीछे जाते लगती है और तभी वो किसी से टकरा जाती है...


" sorry... sorry... "


दिया बोलने लगती है...


"अरे कोई बात नहीं..."


वो लड़का बोलता है...


जब दिया ऊपर देखती है , तो उसे पता चलता है की ये और कोई नहीं पर अक्षत है...


" मुझे माफ़ कर देना... "


दिया बोलती है और जल्दी से वहा से चली जाती है...


अक्षत जो उसे जाते हुए देखता रहता है और फिर उसकी नज़र आपने कुरते पर जाती है...


कुरते पर दिया के दोनों हल्दी वाले हाथो की छाप पड़ गई थी, वह देख कर अक्षत मुस्कुराता है और वहा से चला जाता है...


थोड़ी देर बाद हल्दी की रसम पूरी करके मिताली , दिया और अहाना तीनो एक रूम में बढ़ कर कल के संगीत के बारे में बात कर रहे होता है...


तभी वहा अक्षत भी आ जाता है और मिताली उन लोको को समजा रही थी की उसे किस तरह से सब सजावट करनी है...


दूसरे दिन वो तीनो तो जल्दी ही उठ चुके थे और मिताली तभी अक्षत के रूम में जाती है...


अक्षत जो आपने रूम में सुकून से सो रहा था तभी वहा मिताली आती है...


" ये अभी तक सो रहा है... "


मिताली अपने माथे पर हाथ रख कर बोलती है...


" अक्षत ... अक्षत... "


मिताली बोलती है पर अक्षत जो गहरी नींद में सो रहा था...


" जल्दी उठो... "


मिताली बोलती है...


" मुझे अभी थोड़ी देर सोना है... "


अक्षत बोलता है...


" दिया तुमे बुला रही है... "
मिताली बोलती है...


ये सुन कर अक्षत जल्दी से उठ कर बैठ जाता है और ये देख कर मिताली जोर जोर से हसने लगती है...


अक्षत जो मिताली को ही खुर रहा था...


" तुम भूल गए क्या... ?


तुम और दिया को मिल कर आज संगीत की तैयारी करनी हे ,


और फिर डांस की भी तो तैयारी करनी है... "


मिताली बोलती है...


ये सुन कर अक्षत भी खुश हो जाता है और जल्दी से तैयार होने के लिए चला जाता है...


" पता नहीं वो कहा रह गया... ? "


मिताली अपनी गड़ी में देख कर बोलती है...



" क्या अक्षत दिया को आपने दिल की बात बताएगा... ? "


" मिताली क्या इन दोनों को मिला पायेगी...? "


" दिया क्या अक्षत के साथ ज्यादा बात करेगी... ? "



ये जाने के लिए बने रहिये मेरे साथ....

इश्क़ होना ही था....
अगर मेरी कहानी आपको पसंद आये तो मुझे कमेन्ट कर के जरूर बताना...

इश्क़ होना ही था का part-6 आपके सामने 2 October को आ जायेगा...