the lion walks alone in English Short Stories by ABHAY SINGH books and stories PDF | शेर अकेला चलता है

Featured Books
Categories
Share

शेर अकेला चलता है

शेर अकेला चलता है....

ये धारणा आपने बना रखी है तो इस "नो पालिटिक्स- ऑनली वाइल्डलाइफ" पोस्ट को यही छोेड़ दें। क्योकि जानकारी और धारणा के बीच "छन्नाक" का रिश्ता होता है ।
शेर या सिंह,उर्फ पैन्थेरा लियो, बिल्ली का सौतेला भाई है। याने सवा सौ किलो का बिल्ला। 10 मिलीयन बरस पहले बिल्ली, शेर ,बाघ, जगुआर, चीता और तेन्दुए ने, एक पूर्वज से अलग-अलग दिशा मे बढना शुरू किया।

तब से शेर की तमाम छवियां गढ़ी गयी। शेर डाइमार्फिक है, याने नर-मादा मे अंतर है । मादा सिंपल, नर मैजेस्टिक होता है ।

उसकी लम्बी डाढी-केश- मूंछ और मोटी पूँछ (जिसपे आपका ध्यान नही जाता) होती है।बालों ने शेर को एक रोबीली और मर्दानी छवि दी है।
शेर अकेला चलता है?

नही। शेर तो झुंड मे रहता है। झुंड को घमंड (Pride) कहते है।प्राइड में दो-तीन नर और कई मादाऐं, बच्चे होते हैं।

सरासर प्रोपगण्डा है कि शेर 18-18 घण्टे शिकार मे लगा रहता है। वो परम आलसी होता है । हफ्ते-4 दिन मे एक बार शिकार पर जाता है। बाकी वक्त किसी पेड़ के नीचे सुस्ताते हुए, विकास के सपने देखता है,फालतू गुर्रम-गुर्री करता है।

प्रोपगैण्डा है कि शेर सामने से वार करता है । वो झुंड मे, घात लगाकर, छोटे और कमजोर पर हमला करता है। हमला पीछे से, गरदन पर होता है। फेवरिट टेक्निक स्पाइनल कॉर्ड तोड़ देने की है।

सुन्दरबन के आदिवासी जंगल में, पीछे से होने वाले हमले से बचने के लिए,सिर के पीछे मुखौटा लगाते है। ताकि शेर कन्फयूज हो जाए कि अरे भई, इस बन्दे का आगा किधर, पाछा किधर?

कमबुद्धि शेर कनफ्यूज हो भी जाता है।
छाती तक बेतरतीब दाढी मूंछ बढाकर, शेर छाप बनने वाले सड़क छाप,ये जानकर उदास होंगे, कि प्राइड मे शेर की घंटा नहीं चलती ।

यहां शेरनी का राज, नीति चलती है। शिकार के समय शेरनियां, शेर को घेरे के केन्द्र मे डालकर सुरक्षित रखती हैं, मोर्चा खुद संभालती है ।

इसलिए चाहे जंगल की सरकार हो,प्रेस कान्फ्रेंस हो या ट्विटर हैंडल, सबने दहाड़ती शेरनियों को, दुबके शेर की रक्षा करते खूब देखा है।

मैने तो कई नर को, मादा की डीपी लगाकर शेर की रक्षा करते देखा है। शेर अगर कहीं फंस जाए, और नारा लगे कि- शेर की रक्सा कौन करेगा ??

नेपथ्य से जनाना आवाज सुनाई देगी -
"मई करेगी- मई करेगी"
◆◆
शेर को टेरेटरी मार्क करने मे बेहद आनंद आता है। टेरेटरी 50 से 400 पचास वर्ग किमी तक हो सकती है ।

इसे बढाने को वे दूसरे शेरों से लड़ते हैं। वे ढोल ताशे के साथ, लाल लाल आंख दिखाने जाते हैं। अक्सर ज्यादा लाल आंख देखकर, टेरेटरी छोड़ आते हैं ।

अपनी टेरेटरी के अंदर वे घूमघूम, सूसू करते है।सूसू की दुर्गन्घ बताती है-इलाका किसका है?मैथड यूनिक तो है, पर दिक्कत ये कि सूसू की गंध जल्दी फेड हो जाती है ।

ऐसे मे फिर से घूमघूम कर पुनः सूसू करना पड़ता है। डे ड्रीमिंग के साथ सूसू-प्रदक्षिणा को आप उपयोगी कार्य मान लें, तो 18 घंटे के काम वाली गप्प, सत्य साबित होती है।
◆◆
गांधी के घर गुजरात में स्वच्छंद शेर मिलते थे।आजकल शेर सर्कस मे मिलते है। पिंजरे मे बैठकर,अनोखे करतब दिखाते हैं। गुर्राते है, फुदकते है। रिंगमास्टर, कुदा- फंदाकर उंचे स्टूल पर बैठाता है ।

दर्शक करतब देखकर ताली बजाते है, चीखते और रोमांचित होते है। इस दौरान परदे के पीछे शांति से बैठा सर्कस का मालिक, नोट गिनता रहता है ।

हालीवुड स्टूडियो MGM का लोगो भी दहाडता हुआ शेर है। वह सर्कस का ही शेर था, जो लाइट- साउंड- कैमरा पाकर आपके मनोरंजन हेतु दहाड़ रहा था ।
●●
अकेले चलने की बात शेर के बुढापे मे सत्य होती है। जवां उम्र मे वे टेरेटरी और शेरनियों के लिए लड़ते थे। फ्यूचर काम्पटीशन से बचने के लिए अपने ही झुंड के बच्चों को मार डालते थे।

जाहिर है, बचे खुचे शेर,बड़े होते ही बुड्ढे को मार्गदर्शक मण्डल मे खदेड़ देते हैं।

पंचतंत्र में एक बूढ़ा शेर कहता है - ओ राहगीर।मेरे पास आ। मेरा भरोसा कर, मैने मारकाट छोड़ दी, फकीर हो गया हूं। आ, ये पंद्रह लाख का स्वर्णकंगन तुझे दे दूंगा ।

झांसे और लालच मे फंसा राहगीर गया और- खच्च- खच्चाक- सररप.. यम यम ।
◆◆
तोे लालच बुरी बला है । शेर होने का फितूर भी बुरी बला है । गढ़ी हुई हाइप और छवि के विपरीत लायन मे स्टेमिना उसके बराबर के कई जानवरों से कम है।

अक्सर छोटे जानवर मिलकर, इन्हें भगा देते हैं । डिस्कवरी चैनल पे बहुतेरे वीडियो मिलेंगे।

इस जानवर से,आपका सामना हो, तो डरें नहीं । न ये सामने से हमला करेगा, न टिक पाएगा। बस प्रोपगंडा, नाम का डर ज्यादा है ।

और आप भारत के सन्तान। उस भरत के वंशज, जो शेरों का मुंह फाडकर उनके दांत गिनता था। आप भी गिनेंगे एक दिन ..

दांत, इतमीनान से घर लाकर ।शेर को यह पता है। बस इसलिए शेर..

चौराहे पर बुलाने से नही आते।
❤️