Pyar me ban gaye Ullu - 2 in Hindi Comedy stories by Sanju Sharma books and stories PDF | प्यार में बन गए उल्लू - 2

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प्यार में बन गए उल्लू - 2

बस वाली प्रेम कहानी

क्या बताउ दोस्तों, अच्छी कट रही थी, मस्त जीवन था, किसी का बंधन न था, एक दिन मिली वो मुझे बस स्टॉप पर और रोज़ाना मिलने लगी उसी स्टॉप पर।

एक छोर पर वो बैठती और दूसरे छोरे से मैं उसे निहारा करता, सिर्फ उसके लिए अपने बाप के बोलने से पहले जागता और तो और उसके लिए सुबह सुबह नहाने का भी मन करता, मेरे तन से खुशबू उस तक पहुंचे, बाजार के सारे डियोड्रेंट घर लाके ट्राई कर चूका था।

अब तो बस का कंडक्टर भी मेरी भावनाओं को समझता है, मेरे नैन मटक्को पर देर से सही पर बीच में नहीं रोकता है, चर्चा उस बस में सरे आम होती है कि एक बाबू है जो अपने बेबी को उसके घर तक अपनी निगाहों से ही पहुंचा आता है।

अब तो मुझे उसके बाजु की सीट मिल जाती है, बिना डिस्टर्ब किये ही मेरी टिकट बन जाती है।

कई बार मैंने महसूस किया है उनलोगो की नज़रों में, मेरी लव स्टोरी में उन्हें अपना बाबू शोना नज़र आता है

लोगों ने काई बार मुझे मन ही मन मुस्कुराते हुए देखा है, उसकी प्यारी सी मुस्कान पर उसने भी मुझे उसे घूरते हुए देखा है।

क्या बताऊ दोस्तों उसके इश्क का आलम इस कदर छाया हुआ है कि दिन हो या रात बस आती है एक ही बात की में घोड़ी बैठ, ले आया हूं उसके घर बारात।

एक दिन की बात है, बस में एक अंकल ने दी मुझे सीट, बाजू में बैठी थी मेरी प्रिय सी
आज तो हिम्मत करके बात कर, वो खड़े अंकल इशारों इशारों में मुझसे कहने लगे पर जब मुड़ा तो बयान नहीं कर सकता था उसकी हंसी,
अचानक से ड्राइवर ने ब्रेक लगाई और टूट गई उसकी बत्तीसी।

ना देखा गया उसके चेहरे से गिरता हुआ आंसू, ले पाहुंचा उसे डॉक्टर के पास, बोले बुला लो इनका परिवार, हिम्मत बनी रहेगी जो रहेंगे इनके आस पास

इतने दिनों से उसके परिवार के हर सदस्य का नंबर निकाल रखा था, ऊपर वाले से बार-बार पूछ रहा था कि आज ही ये दुख मेरी बेबी पर आना था...

पूरे छे घंटे चला ऑपरेशन और जब उसका परिवार उससे मिलने पहुंचा तो ये क्या सभी के चेहरे पर छा गई टेंशन
उसकी मुस्कुराहट जा चुकी थी, जिस क्यूटनेस की डेफिनेशन उसकी स्माइल थी।

आज उसके चेहरे पर हल्का सा विराम था, बहुत कोसा मैंने ख़ुदको, कहीं मेरे ही घूरने का तो ना यह दुष्परिणाम था।

मैंने खुदको इसकी सजा दी तय कर लिया, रहूंगा उससे दूर, कर दूंगा खुदको इतना मजबूर कि उसकी यादें मेरे ज़हन में हर पल जीता रहूंगा, उसकी मुस्कुराहट फिर से उसके चेहरे पर लौट आये इसके लिए दिन रात दुआ भी करूंगा

दो माहीने बाद, ऊपर वाले ने सुन ली मेरी पुकार, मिली वो आज फिर वही बस स्टॉप पर, दांतों की सर्जरी हो चुकी थी, उसकी मुस्कान फिर से लौट चुकी थी।
बस में उसके बाजू वाली सीट रिजर्व हो चुकी थी और सभी की निगाहें मुझपर टिक चुकी थी...मेरे बोलने से पहले, सामने से आवाज आई, हैलो, मेरा नाम ऐश्वर्या है और उस दिन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद भैया ।

ये सुन, मेरे चाहने वालों से ज्यादा मेरे होश उड़ गए, दिल के अरमान आईने की तरह टूट कर चकनाचूर हो गए, चलती गाड़ी से कूदने का मन कर रहा था पर सच्च बताऊ दोस्तों, वो मुझे भैया कह देगी इसका ज़रा सा भी अंदाज़ा नहीं था।