अपने मोहल्ले में हंस सबसे ज्यादा खूबसूरत और पढ़ा लिखा बुद्धिमान युवक था, लेकिन वह अपने शरीर के प्रति बहुत लापरवाह था, वह महीनो तक बाल नहीं कटवाता था सेब बनवाना उसे बहुत कठिन काम लगता था।
एक बार उसे एक पागल कुत्ते ने काट लिया था, तो उसने एंटी रेबीज के इंजेक्शन अपने जीवन के लिए लगवाना बहुत कठिन काम समझा था।
उसे नए और अलग किस्म के कपड़े पहनने का भी बिल्कुल शौक नहीं था पांच वर्ष पहले उसने जो कोट पैंट सिलवाया था, तो वह उसी सूट को पहन कर शादी पार्टियों में पांच वर्षों से शामिल हो रहा था फिर भी वह मोहल्ले के सारे लड़कों में सुंदर दिखाई देता था क्योंकि उसकी हाइट 5 फुट 10 इंच की थी बड़ी-बड़ी काली आंखें और सफेद मोती जैसे दांत चंदन जैसे बदन कहने ने का अर्थ है कि वह सर के बालों से लेकर पैर के नाखून तक बहुत खूबसूरत था।
जब हंस बुरी संगत में पड़कर सिगरेट शराब पीना शुरू कर देता है, तो उसके पिता उसे अपने कपड़ों के शोरूम को संभालने की जिम्मेदारी दे देते हैं। हंस में हजारों कमियां थी लेकिन वह अपने मां-बाप का बहुत सम्मान करता था।
जब उसके सब दोस्तों की शादी होने लगती है, तो हंस के मां-बाप छोटी बहन उसके लिए भी दूसरे शहर में शादी के लिए लड़की देखने जाते हैं और हंस से कहते हैं कि "जब हमें घर परिवार लड़की पसंद आ जाएगी तो तुम्हें भी लड़की दिखा देंगे दो-तीन दिन तक तूम घर और दुकान संभालना।"
हंस अपनी शादी से ज्यादा इस बात के लिए खुश था कि कुछ दिन परिवार वालों की पाबंदी उस पर नहीं रहेगी और वह खुलकर मौज मस्ती करेंगे।
जिस दिन सुबह उसके परिवार वाले हंस की शादी के लिए लड़की देखने जाते हैं तो उसी रात हंस अपने घर में अपने अय्यास आवारा चार दोस्तों को बुलाकर शराब पीने की पार्टी रखता है और पड़ोसियों को पता ना चले कि वह अपने घर में शराब की पार्टी कर रहा है, इसलिए वह अपने घर के दरवाजे पर बाहर से ताला लगाकर खिड़की से घर के अंदर घुसकर अंदर से सारे खिड़की और दरवाजो की भी कुंडी लगा देता है।
पांचो दोस्त इतनी ज्यादा शराब पी लेते हैं कि उनसे एक कदम भी चलना मुश्किल होने लगता है, ज्यादा नशा होने की वजह से हंस के चारों दोस्तों में से दो दोस्त आपस में एक छोटी सी बात को लेकर झगड़ा करने लगते हैं और एक दूसरे पर भरी हुई शराब की बोतल से हमला कर देते हैं।
शराब की बोतलें एक दूसरे टकराकर फूट जाती है और उनमें से शराब पूरे कमरे में फैली जाती है।
हंस जैसे ही दोनों दोस्तों का झगड़ा खत्म करने के लिए अपनी आदी जाली सिगरेट कमरे में नशे की हालत में फेंकता है, तो सिगरेट की चिंगारी से सारे कमरे में शराब की वजह से आग लग जाती है।
उसके चारों दोस्त नशे की हालत में बड़ी मुश्किल से घर के दरवाजे तक पहुंचाते हैं, लेकिन घर का दरवाजा उनसे खुलता नहीं है क्योंकि हंस ने अंदर बाहर से घर के सब खिड़की दरवाजे बंद कर दिए थे।
और हंस के चारों दोस्त आग की भयानक लपटो में फंस जाते हैं तो वह जलने की जलन की वजह से चीखने लगते हैं।
हंस पहले ही भाग कर बाथरूम में छुप गया था, उनको बचाने में मजबूर हंस उनकी आग से जलने कि पीड़ा कि दर्दनाक आवाज बाथरूम से सुनकर बाथरूम का थोड़ा सा दरवाजा खोलकर देखता है तो उन चारों दोस्तों के शरीर से उड़ती आग की लपटों को देखकर हंस को दहशतकर कर हॉट होने लगती है।
और धीरे-धीरे आग बाथरूम में भी फैलने लगती है, तो हंस समझ जाता है कि अब मृत्यु निश्चित है उसी समय उसकी नजर बाथरूम में लगे शीशे पर जाती है, तो वह अपने शरीर को जलकर राख होने से पहले आखिरी बार शीशे के सामने खड़ा होकर देखता है, तो उसे अपने चेहरे बाल हाथ पैर और हाथ पैर की उंगलियां नाखूनों से एक अनोखे प्रेम का एहसास होता है, उस इस बात का अफसोस होता है कि मैंने आज तक अपने शरीर का अच्छी तरह ख्याल क्यों नहीं रखा और ना ही कभी अपने शरीर से प्यार ही किया।
और जब बाथरूम में आग पूरी तरह फैल जाती है, तो वह सोचता है कि एक दिन शरीर का तो अंत होना ही था।
और जब आग लपेटे पूरे बाथरुम को घेर लेती है, तो मौत को सामने देखकर उसे पहली बार महापुरुषों जैसे अनोखा एहसास होता है कि मैंने शरीर के साथ आज तक अपनी आत्मा की भी सुंदरता के लिए कोई काम नहीं किया है, मैंने आज तक अपनी मौज मस्ती और स्वार्थ को पूरा करने के लिए ही अपना जीवन जिया।
अगर समय रहते यह दोनों अनोखे एहसास उसे हो जाते तो उसका जीवन महान बन सकता था, लेकिन वह भी अपने चारों दोस्तों जैसे आग से जलकर राख हो जाता है।