अध्याय 3
असिस्टेंट लारा- सर! सर! सर! वो अब वहाँ पर नहीं है
विद्युत- क्या!! ये नहीं हो सकता, जल्दी ढुँढो उसे | वो ज्यादा दूर नहीं गया होगा
असिस्टेंट लारा- यस सर!
[गाङी चालू करने की आवाज]
विद्युत- तुम उसे ट्रैक करने की कोशिश करो तब तक मैं आस-पास ढूँढता हूँ
असिस्टेंट लारा- (गुस्से में) तुमने बिजली का बिल नहीं भरा है क्या खाक ट्रैक करु
[गाङी भगाते हुए]
विद्युत- (चिल्लाते हुए) पङोसी के घर चार्ज कर ला अभी!!! {ये लङकी भी ना कोई काम खुद से नहीं कर सकती है}
लारा- (जल्दी से भागते हुए) अरे यार! अब तो उसी को बकरा बनाना पङेगा!!!
[दरवाजा खटखटाने की आवाज]
[पङोसी रोहन दरवाजा खोलता है]
लारा- हाई! रोहन
रोहन- ओ!!! लारा कैसे आना हुआ क्या आज फिर बाहर खाने का मूड है? लेकिन हां पैमेंट मै ही करुंगा
लारा- नहीं नहीं आज तुम्हारे साथ मुवी देखने का मन था
रोहन- तो चलो थियेटर चलते हैं
लारा- नहीं नहीं मैं लेपटॉप लाई हूँ
रोहन- थिएटर थिएटर थिएटर
लारा- (जोर से) नहीं!!!! (धीरे से) यही देखते हैं ना
रोहन- (डरते हुए) ह...हा
लारा- ओह नो मैं तो इसे चार्ज करना ही भूल गयी
[प्लग इन, हो गया काम]
लारा- अच्छा हुआ मैंने ट्रैकर लगा दिया था
रोहन- क्या
लारा- तुम जाओ और बाजार से ये सारा सामान लेकर आओ(लिस्ट देते हुए)
[टाउन से थोड़ी दूर]
विद्युत- ओ बुढे इस फोटो को ध्यान से देख कर बता इस इंसान को देखा है कहीं?
बुढा आदमी- ये इंसान है? मुझे तो कोई होरर फिलम का भूत लग रहा है और हाँ..... बुढा किसको बोला बे तुने [एज 55]
[गाङी भगाते हुए ]
विद्युत- तू किसी काम का नहीं है बूढ़े!!!
[कुछ समय बाद ढूँढते हुए उसने देखा कि एक आदमी धूल से सना हुआ रो रहा था तो उसने गाड़ी रोकी और पूछने लगा]
विद्युत- क्या हुआ गर्लफ्रेंड छोड़ कर चली गई क्या?
आदमी- कैसी बात कर रहे हो!! मैंने राका सेठ से कर्ज लिया था समय पर लौटा नहीं पाया तो वो लोग मेरे 15 वर्षीय बेटे को जबरदस्ती उठाकर ले गये हाय राम!! अब मैं अपने बच्चे को कैसे छुङवांउगा!
विद्युत- किसी की ऐसे हेल्प करना मेरा स्टाइल नहीं है लेकिन मैं भी एक पिता हूँ मैं समझ सकता हूँ
[विद्युत सेठ राका की हवेली में चला जाता है ]
पहलवान- तो तु आया है इसे बचाने!!!
विद्युत- नहीं नहीं मैं तो बस सेठ से मिलने आया हूँ
सेठ- कौन है? काहे हल्ला मचा रखा है
विद्युत- मैं हूँ पहचाना नहीं
सेठ- विद्युत!!! (चेहरे पर खौफ)
विद्युत- हां सही पकड़े हैं!! मैं यहाँ उस लङके को छुङाने आया हूँ
सेठ- (पसीना पसीना होते हुए) ले जा सब ले जा बस हमको अकेला छोड़ दे |
[विद्युत लङके को लेकर चला जाता है]
पहलवान- ये क्या आपने उसे जाने क्यूँ दिया?
सेठ- तू जानता नहीं है इसके साथ हैवान का साया है जिसकी चाहे किस्मत डुबो सकता है लोग कहते हैं कि कई बार...
सेठानी- चुप करो अब दुबारा नाम मत लेना उसका, जय हनुमान ज्ञान गुन सागर........
[विद्युत लङके को घर छोड़कर वापस गाङी में बैठता है तभी
विद्युत का फोन बजता है]
विद्युत- हाँ लारा बोलो
लारा- सर लोकेशन मिल गई है
[फोन क्लिक]
लारा- इसने मेरा फोन काट दिया!!!
[गाङी की स्पीड बढाते हुए]
विद्युत- नेक्स्ट स्टोप ' द फोरेस्ट ओफ नार्वे '!!!
अध्याय 3
समाप्त