Last Sach Webseries Review in Hindi Film Reviews by Mahendra Sharma books and stories PDF | आखरी सच वेबसिरीज रिव्यू

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आखरी सच वेबसिरीज रिव्यू

सच वेब सिरीज़ देखने की इच्छा इसलिए जागी थी क्योंकि यह सत्य घटना पर आधारित वेब सिरीज़ है, दिल्ली में 30 जून 2018 के दिन बुराड़ी इलाके में एक ही परिवार के 11 सदस्यों ने एक साथ आत्महत्या की थी। इस घटना ने पूरी दिल्ली ही नहीं पर पूरे देश को अचंभित कर दिया था। कौन और किस वजह से ये हुआ और किसने ये सब करने में मुख्य भूमिका निभाई वह जानने के उत्सुकता इस वेबसिरिज देखने के लिए प्रेरित कर गई।

इस घटना में मरने वाले न केवल पुरुष पर घर की महिलाएं और बच्चे भी थे। आखिर क्यों एक साथ एक साधारण सा परिवार अचानक मौत के मुंह में चला जाता है ?

इस वेब सिरीज़ को सनसनीखेज़ तरीके से बनाया गया है । निर्माताओं ने बताया है की कुछ काल्पनिक दृश्य और पात्र भी जोड़े गए हैं। इसे और दिलचस्प बनाने के लिए एपिसोडस को 4 सप्ताह में एक एक करके प्रसारित किया गया। पहले 2 एपिसोड तो देख लिए फिर 4 एपिसोड के लिए प्रति सप्ताह एक, ऐसे धीरे धीरे धड़कन को तेज करके फिर शांत करना पड़ा। और पूरा सप्ताह इस सोच में लगाना पड़ा की आखिर उस रात क्या हुआ होगा?

कहानी शुरू होती है सुबह सवेरे के दृश्य से , दूध वाला आकर घर का दरवाजा खटखटाता है। जब किसी ने घर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो पास वाले दुकानदार से पूछा गया की क्या उन्हें कुछ पता है, उन्हें भी पता नहीं की आखिर इतना ज़ोर से दरवाज़ा खटखटाया तब भी घर से एक आवाज़ नहीं आई। तब दूधवाला घर के अंदर जाता है, अंदर का दृश्य बहुत ही डरावना था। इतना डरावना की पत्थर दिल वाला भी पिगल जाए। एक ही परिवार के ११ सदस्य, बच्चे , बूढ़े, जवान स्त्री पुरुष सभी फासी के फंदे से लटके पड़े हैं। उन सभी की मौत हो चुकी थी।

तमन्ना भाटिया इस सीरीज में पुलिस ऑफिसर का किरदार निभा रही हैं। रानी मुखर्जी के बाद बहुत सारी हीरोइन आजकल पुलिस ऑफिसर के रोल करने में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए जुटी हुई हैं। हमने रवीना टंडन को पुलिस ऑफिसर के रोल में देखा और फिर विद्या बालन को भी फॉरेस्ट पुलिस ऑफिसर के रोल में देखा। तमन्ना भाटिया ने भी इस सीरीज में अपनी नई पहचान बनाने की बहुत अच्छी कोशिश की है।

अभिषेक बैनर्जी इस वेब सीरीज में बहुत ही उम्दा अदाकारी दिखा रहे हैं। ये आजकल वेब सीरीज में सहायक कलाकार के रूप में अच्छी छाप छोड़ चुके हैं। मिर्जापुर सीरीज में भी मुन्ना भैया के दोस्त बनकर उन्होंने बहुत ही प्रभावित किया। स्त्री फिल्म में भी अभिषेक का किरदार बहुत ही सुंदर रहा। अभिषेक हिंदी फिल्मों से काफी समय से जुड़े हुए हैं और कास्टिंग डायरेक्टर का काम कर चुके हैं। इस सीरीज में अभिषेक एक फैमिली के सदस्य हैं जिन्हें अपने स्वर्गवासी पिता सपनों में दिखते हैं।

मृत माता-पिता को सपनों में देखना बहुत आम बात है पर इस वेब सीरीज में जो दिखाया गया है वह डरावना और अचंभित कर देने वाला है। अभिषेक को अपने पिता रात को सपनों में दिखते थे और सुबह उनके अंदर उनके पिता आ जाते और अभिषेक उन्हीं की आवाज में अपने परिवार वालों के साथ संवाद करते थे। उनके पिताजी घर के सभी सदस्यों को एक विशेष प्रकार की पूजा अर्चना करने का संदेश देते थे और साथ ही भविष्य में होने वाली घटनाओं से भी अवगत कराते थे।

अभिषेक को मन में यह बात बैठ गई थी कि उसके पिता उसकी वजह से मारे गए। कई साल पहले दोनों बाप बेटे जब जंगल में अपने घोड़े के साथ घूमने गए थे तब अभिषेक की एक ठोकर से घोड़े ने उसके पिता को गिरा दिया और उसके पिता का एक पत्थर की नोक का सिर में लगने से देहांत हुआ। अब बेटे को यह बात दिमाग में बैठ गई की उसके पिताजी उसकी वजह से ही मारे हैं और उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। इस अशांति की वजह से अभिषेक कभी किसी बाबा की शरण में जाते थे तो कभी साइकैटरिस्ट से मिलते।

पुलिस यह मानने को तैयार नहीं थी कि यह एक परिवार के 11 लोग आत्महत्या कर कर मरे हैं। इसलिए पुलिस ने अपनी एड़ी चोटी का जोर लगाया और हर एक व्यक्ति को मिले जो इस केस को और नजदीकी से देखने में मदद कर सकता है। अभिषेक के एक गुरु जो बाबा थे उन पर भी शक का दायरा घेरा गया पर उनकी स्पष्टता ने केस को और उलझा दिया। अन्य कई किरदार जैसे इस परिवार के होने वाले दामाद और इस परिवार के नजदीकी दोस्त और दुश्मन सभी को शक के दायरे में लाया गया।

तो क्या यह सामूहिक हत्याकांड था या फिर सामूहिक आत्महत्या?

यह जानने के लिए वेब सिरीज़ हॉट स्टार पर उपलब्ध है। अच्छी है। सह परिवार देखी जा सकती है। कोई अश्लीलता भी नहीं ।

– महेंद्र शर्मा 26.09.2023