आज 21 वी शताब्दी चल रही है , और शताब्दी के साथ साथ लोग भी बदल गए हैं । यहां तक कि अपने समाज के बारे में भूल रहें हैं । पूरी दुनिया में कही सारी जाति हैं, धर्मों हैं , मंदिर है लोग सब के बारे मैं कुछ ना कुछ जानते होगे की चलो ! इस दुनिया में जो समाज उनके बारे में भी ज्यादा नही पर थोड़ा थोड़ा जानते ही होगे और आज तो जमना बदल रहा है , तो साथ साथ नई पीढ़ी की सोच भी बदल रही है अपने काम के लिऐ, समाज के लिऐ पर क्या होगा जब आप अपने समाज के बारे थोड़ा थोड़ा ही जानते होगे या फिर आप समाज के बीच रहकर भी कुछ ज्यादा नहीं जानते होगे तो आगे की पीढ़ी को क्या बोलेंगे ????
आदिवासी समाज वो समाज हैं जो पहले से ही सदियों से उसकी संस्कृति से ही प्रसिद्ध हैं , उसकी संस्कृति, उसकी शान आज भी अगल है , यहां तक कि आदिवासी समाज के लोग की भावना आज भी अगल ही है , वे सिर्फ इंसान के साथ ही नहीं , पर जल, जंगल, जमीन और जंगल में रहने वाले पशु , पक्षियों के साथ साथ उनकी रक्षा करने वाले लोग हैं , वे आज अपनी संस्कृति को बचना चाहते हैं , क्योंकि आदिवासी समाज के पूर्वजों ने उसे नई दिशा और सबसे अगल पहचाना दी है ।
आज आदिवासी समाज में कही सारे लोग है जो अपनी संस्कृति, पहचान को बचना चाहते हैं , ताकि नई पीढ़ी को पता चले की आदिवासी समाज की जीवन शैली क्या है , उनकी भाषा, उनके पोशाक, उनके खान पान , उनके रीति रिवाज के बारे मैं यहां तक हमारे देव देवियों के बारे में और साथ साथ जो समाज को बचना ने के लिऐ वीर शहीद हो गए उनके बारे में भी जानना जरूरी है ।
आज आदिवासी समाज आगे बढ़ रहा है पर आदिवासी समाज पे अत्याचार भी बोहोत हो रहे हैं । आदिवासी समाज पे जो अत्याचार हो रहे हैं उसे पे आदिवासी समाज के लोगों को एक साथ होके लड़ना होगा ता की आदिवासी समाज की संस्कृति को बचा सके ये जब होगा की पूरा आदिवासी समाज में एकता होगी और साथ साथ जो समाज को बचने के लिऐ लड़ रहे हैं , उनका साथ पूरे समाज के लोग देगे तब होगा। तभी हम अपनी संस्कृति को बचा सकते हैं।
नई पीढ़ी जो समाज के बारे थोड़ा थोड़ा जानती है , हा मैं भी मानती हूं की मुझे थोड़ा थोड़ा ही पाता है पर आज आदिवासी समाज के बारे आप जितना जानते हो उतना सबको बताई ताकी सबको पता चले कि हमें अपने समाज को बचना है , आज तो सामाजिक मीडिया के कारण हम अपने समाज के बारे में उसका उपयोग करके अपने समाज की संस्कृति को बचना सकते हैं , ताकि आदिवासी समाज की आने वाली नई पीढ़ी को हम बता सके और अपनी संस्कृति को बचा सकते हैं , इसे लिऐ आदिवासी समाज को सिर्फ समाज की रक्षा नही करनी है साथ ही साथ आदिवासी समाज को जल, जमीन, और जंगल की भी रक्षा करनी पड़ेगी ।