Gandhi Returns in English Short Stories by ABHAY SINGH books and stories PDF | गांधी रिटर्न्स

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गांधी रिटर्न्स

गांधी किंग से मिलकर पैलेस से बाहर निकले।
आज बड़े मूड में थे।
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किंग से मिलने, बात करने, कपड़े पहनने, ग्रीट करने.. हर चीज का लिखित प्रोटोकॉल है।

आप केवल ब्लैक, ब्लू या ग्रे सूट पहनेंगे। बदन पूरा ढंका हो। काले चमड़े के जूते होंगे। देखते ही झुकेंगे, किंग से हाथ न मिलाएंगे। जब हाथ बढाये, तो झुककर हाथ पर किस करना है।

राजा के सामने टांग पर टांग रखकर नही बैठना, सीधे और घुटनों पर हाथ रखके बैठना है। बात -बात में आपको, योर मैजेस्टि- योर मैजेस्टि कहते रहना है।

अपने बापू तो आज फ्रण्ट फुट में खेलने के मूड में थे।

पहले तो ड्रेस प्रोटोकॉल तोड़ा। धोती शॉल में नंगी टाँगों पर सैंडल खटखटाते बकिंगम पैलेस पहुँच गए। ( चर्चिल की अधनंगा फकीर वाली टिप्पणी, राजा की शान में इसी धृष्टता की वजह से आई).

झुकना वुकना क्या था। राजा ने हाथ बढ़ाया, तो बापू भी हाथ मिलाये, और अपने दूसरे हाथ से राजा का हाथ ढंक लिया।

जिन्होंने कभी एलेन पीज की लिखी मशहूर किताब "बॉडी लैंग्वेज" पढ़ी हो, इसका मतलब समझ लेंगे। राजा के मामले में तो यह उसकी अथॉरिटी, सुपिरियटी को चैलेंज था।

इस दमदार हैंडशेक ने, आगे की बातचीत में दोनों पक्षों का लेवल बराबरी पर सेट कर दिया था।
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राजा उन्हें अपनी स्टडी में ले गए। बैठे, राजा के लिए चाय आयी। और बापू साहब के लिए आया बकरी का दूध।

जरा सोचिये, 1932 के इंग्लैंड में बकरी का दूध पाने में कितने इंतजाम लगे होंगे। खैर ..

रानी भी वहां मौजूद थी। इन सबकी पहली मुलाकात नही थी ये। 1901 में राजकुमार और राजकुमारी, साउथ अफ्रीका में डरबन के दौरे पर गए थे।

वहाँ गांधी एक प्रतिनिधिमंडल लेकर मिले थे। टपर टपर बोलकर बड़ा लम्बा भाषण दिया था, वो भी प्रोटोकॉल के खिलाफ ही था।

अब राजकुमार , राजा हो चुका था।और गांधी, हिंदुस्तान के हृदय सम्राट। इनके बीच अकेले में बातें हुईं।
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बाहर आये, तो प्रेस का मजमा था। राजा के प्रति दास्य भाव रखने वाले इंग्लिश प्रेस के सामने, आजादमना गांधी ने जवाब देने शुरू किए।

- क्या राजा ने भारत की आजादी के लिए कोई एंकरेंजमेंट दिया??
- ओनली गॉड गिव्स एंकरेजमेंट्स, नॉट किंग्स। 😋

- राजा और आपके बीच क्या बात हुई??
- वी टॉकड अबाउट वेदर 😋 ...

फिर हंसके बोले- वेल। यह ठीक नही होगा कि मैं प्रेस को बताऊँ कि मेरे और किंग के बीच क्या बात हुई।
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पर एक बात जो गांधी ने बाद में लिखी है।

राजा ने एक वक्त पर गांधी से कहा-मि गांधी, मैं अपने साम्राज्य पर कोई आघात बर्दाश्त नही करूँगा...

गांधी का जवाब आया- योर मैजेस्टि। मैं आपका गेस्ट हूँ, और इस समय को आपसे किसी राजनीतिक बहस के उपयुक्त नही समझता।

( इसका मतलब- राजाजी.. सुनो भाई। आघात वघात तो होगा ही। और आप मुझे रोक सकते नही हो, फिर बहस से क्या फायदा)
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प्रेस में सवाल चल रहे थे। गांधी की नंगी टांगे, किंग का ड्रेस प्रोटोकॉल तोड़ना, एक तरह से पूरे ब्रिटेन का "नेशनल अपमान" था। राज की ताकत को हिकारत का संदेश, एक पॉवरफुल मैसेज..

सो आहत प्रेस का पूछना लाजिमी था

- मि गांधी, डु यू थिंक योर ड्रेस वाज इनफ ??
- द किंग वोर इनफ फ़ॉर बोथ ऑफ अस 😋

हंसी के फव्वारे छूट गए। एक गम्भीर, ऑफेंसिव सवाल गांधी ने अमीरी गरीबी की पिच पर ले जाकर उड़ा दिया।

वो आज बड़े मूड में थे, फ्रंट फुट पर खेल रहे थे, तो आखरी बाल पर छक्का अभी बाकी था!!

- मि. गांधी, व्हाट यू थिंक ऑफ वेस्टर्न सिविलाइजेशन
- ओह। दैट...

..वुड बी ए गुड आइडिया!!