मैंने समझा है औरों को उनके बिना बोले
कोई मुझे भी समझे तो कुछ बात बने ।
मैंने जाने दिया है लोगों को उनकी खुशी ले लिए
कोई मेरी खुशी के लिए भी ठहरे तो कुछ बात बने ।
रखी है औरों की खुशी अपनी खुशी से पहले
कोई खुद से पहले मुझे रखे तो कुछ बात बने ।
मैं भी इंसान हूँ मुझे भी दर्द होता है
कोई हो जो मेरा भी दिल रखे तो कुछ बात बने ।
मुझे खुद को छोड़ के सबकी फिक्र है
कोई मेरी भी करे तो कुछ बात बने ।
मैं डरती हूँ अपनों को खोने से
कोई मेरे रोने से डरे तो कुछ बात बने ।
मेरी जुबान कुछ ओर दिल कुछ कहता है
कोई उन फर्जी अल्फाज को अनसुना कर मेरे दिल को पढ़े तो कुछ बात बने ।
मैं उलझा देती हूँ लोगों को अपनी झूठी मुस्कराहट से
कोई देखे मेरी नम आँखों को तो कुछ बात बने ।
हाँ मैं भी रोती हूँ फ़ूट फ़ूट कर अकेले में
कोई बिन बोले गले लगाए तो कुछ बात बने ।
मैं समय ना होते हुए भी समय निकाल लेती हूँ अपनों के लिए
पर कोई बहाने से मेरे साथ भी वक्त बिताए तो कुछ बात बने ।
मैंने यारी निभायी है सबके साथ
कोई वैसी यारी मुझसे निभाए तो कुछ बात बने ।
माना मैं अकेली रहती हूँ
पर कोई हो जो ज़बरदस्ती साथ बिठाए अपने तो कुछ बात बने ।
खुद को आज तक समझ नहीं पायी
जैसी हूँ वैसी क्यों हूँ कोई मुझे ही समझाये तो कुछ बात बने ।
मैं रो पड़ती हूँ आसानी से दूसरों के लिए
कोई मेरे लिए रोये तो कुछ बात बने ।
मरना तो निश्चित है जीवन में
कोई मेरे मरने के ख्याल से घबराए तो कुछ बात बने ।
अपनों से मिलना खुशी देता है मुझे
कोई मुझसे मुलाकात की बात पे मुस्काये तो कुछ बात बने ।
चुप रहना आदत है मेरी
कोई ज़बरदस्ती बातें उगलवाए तो कुछ बात बने ।
मेरी रूह को सुकून मिले ये इंसानों के बस की बात कहाँ
ऐ मेरे मालिक
अब तू खुद ही उतर कर आए मेरे लिए तो कुछ बात बने । । ।
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