sorrow of a lifetime in Hindi Motivational Stories by Rakesh Rakesh books and stories PDF | जिंदगी भर का गम

Featured Books
Categories
Share

जिंदगी भर का गम

गुलाब मां बाप छोटी बहन बीवी बच्चों की जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभा रहा था लेकिन फिर भी उसका पूरा परिवार उससे दिन रात झगड़ा करता था, क्योंकि गुलाब को शराब सिगरेट गुटका चबाने पीने की बुरी लत थी और वह पढ़ा लिखा समझदार होने की साथ-साथ इन नशे की बुरी लत से अनजान भी नहीं था।

इसके बावजूद भी इन नशीली चीजों से अपना बचाव करने का विचार अपने मन में पूरे दिन में एक बार भी नहीं लाता था, उसे यह भी पता था कि अगर मुझे कुछ हो गया तो मेरा परिवार दर-दर की ठोकर खाएगा क्योंकि परिवार में कमाने वाला वह अकेला ही व्यक्ति था।

शराब तो वह सप्ताह में दो-तीन दिन ही पीता था, लेकिन उसे हर दस मिनट के बाद गुटखा सिगरेट चाहिए ही होती थी।

अगर परिवार का कोई भी सदस्य उसका गुटका या सिगरेट कहीं छुपा देता था, तो वह परिवार के सदस्यों से झगड़ा करना शुरू कर देता था।

एक बार गुलाब अपने परिवार के साथ अपनी चचेरी बहन की शादी में अपने गांव जाता है और उस कुश्ती के अखाड़े में जाता है जहां 18 वर्ष की आयु में उसने पांच गांव के पहलवानों को हराकर कुश्ती का दंगल जीता था, लेकिन दस वर्ष में हद से ज्यादा शराब सिगरेट पीने और गुटका चबाने की वजह से वह उस अखाड़े में पांच मिनट भी व्यायाम नहीं कर पता है।

उस दिन गुलाब को एहसास होता है कि उसका शरीर अंदर से पूरी तरह खोखला हो गया है इसलिए उसे उस दिन के बाद से चिंता होने लगती है कि मेरे मरने के बाद मेरे परिवार का क्या होगा और इसलिए वह उस दिन सारे नशे छोड़ने कि अपने मन में शपथ लेता है लेकिन दो महीने शराब सिगरेट गुटखा छोड़ने के बाद वह फिर इन सबको दोबारा पीना चबाना शुरू कर देता है।

और एक दिन जब डॉक्टर गुलाब को बार-बार बुखार खांसी आने की वजह से उसकी जांच करके उसके पिता को बताता है कि "गुलाब को कैंसर हो गया है और गुलाब की बीमारी लास्ट स्टेज पर है।" पूरे परिवार की उदासी देखकर गुलाब समझ जाता है कि मुझे कोई बड़ी बीमारी हो गई है, इसलिए वह डॉक्टर पर दबाव डालकर अपनी कैंसर की बीमारी का पता लगा लेता है।

गुलाब को अपनी मौत का तो डर था ही साथ साथ उसे सबसे ज्यादा यह चिंता थी, कि मेरे बाद मेरे परिवार का क्या होगा क्योंकि घर में कमाने वाला वह अकेला ही था।

गुलाब को रात दिन अपनी गैर जिम्मेदारी लापरवाही पर बहुत गुस्सा आता था कि जब मैंने समय रहते यह सारी बुरी आदतें छोड़ दी थी, तो दोबारा क्यों शुरू की।

एक महीने बाद रात के 3:00 बजे गुलाब को बहुत घबराहट बेचैनी महसूस होती है और उसका दाम घुटने लगता है तो इसलिए वह अपनी पत्नी से अपने मां-बाप छोटी बहन अपने बच्चों को नींद से जगाने के लिए कहता है और पूरे परिवार को अपने पास इकट्ठा देखकर गुलाब की आंखों से आंसू टपकने लगते हैं और जब खांसते-खांसते उसके मुंह से खून निकलने लगता है तो वह मरने से पहले अपने परिवार से कहता है कि "मैं परिवार को जिंदगी भर का गम देकर इस दुनिया से विदा हो रहा हूं।"

और यह बात कहने के बाद गुलाब की कुछ ही पल है मौत हो जाती है।