The Author Harshu Follow Current Read Hold Me Close - 22 By Harshu Hindi Love Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books सनातन - 1 (1)हम लोग एक व्हाट्सएप समूह के मार्फत आभासी मित्र थे। वह लगभ... सही या गलत... कहते हैं इंसान वही जिसमें इंसानियत जिंदा हो.... लेकिन कभी कभ... ख़्वाबों की दुनिया में खो जाऊं "मेरी उदाशी तुमे केसे नजर आयेगी ,तुम्हे देखकर तो हम मुस्कुरा... सपनों की राह पर वो लड़की साधारण सी है, लेकिन उसके सपने साधारण नहीं हैं। उसकी... दरिंदा - भाग - 11 अल्पा को इस तरह अचानक अपने घर पर देखकर विनोद हैरान था उसे सम... 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"मैने मैनेज तो कर लिया । बहुत हाइपर हो गई थी । उसके लिए ये सब नया है । फिर भी उसे अभी आधी सच्चाई पता है । अब बस आज पार्टी मैं कोई गड़बड़ ना हो । i am sure आज वो आदमी कुछ तो करेगा । कुछ तो प्लान होगा उसका" अर्जुन ने अपने सिर पर हाथ लगाते हुए कहा। "तुझे लग रहा है अंडरवर्ल्ड मैं से कोई है? ",तुषार ने पूछा। अर्जुन : हां ९९% । इतना ट्राई कर रहे है हम की कुछ पता चले लेकिन नही! उस आदमी के बारे मैं कुछ पता नही चल रहा। मैं जितना ट्राई करता हूं इस सबसे बाहर आने का उतना ज्यादा इस मैं डूबता जाता हूं । आगे जो कुछ होने वाला है ना वो बहुत dangerous होगा । मुझे बस रेवा की फिक्र है । मैं नही चाहता की मेरी वजह से उसे कोई प्रोब्लम फेस करनी पड़े । तुषार : सिर दर्द कर रहा है ? "हां ये सब सोचकर ही !!", अर्जुन ने जवाब दिया। "सब संभाल लेंगे हम । इतने सालों से सब कुछ मैनेज किया है ना वैसे इस बार भी करेंगे । वैसे एक बात कहूं ? आज तुझे पहली बार किसी लड़की को लेकर स्ट्रेस मैं देखा है। तुझे उसकी इतनी फिक्र है !! कोई भी बता देगा अर्जुन की you are in love ... प्यार हुआ है तुम्हे ", तुषार ने अर्जुन को चिढ़ाते हुए कहा । अर्जुन : "ऐसा कुछ नही है यार.. तुम कुछ भी सोचते हो । तुम इस केयर को प्यार का नाम क्यूं दे रहे हो? अर्जुन सिंघानिया को प्यार हो ही नही सकता। और तुम्हे पता है हमारे बीच हसबैंड वाइफ का रिलेशन नही है""हा लेकिन कोई रिलेशन ही नही है, ऐसा भी तो नही है ना । तेरा बचपन का दोस्त हूं यार तेरी नस नस जानता हूं मैं । और मैं ये १००% दावे के साथ कहता हूं कि तुम्हे उससे प्यार है । देख कैसे गाल लाल हो रहे है तेरे रेवा का नाम सुनकर। सिंघानिया जी तो शर्मा रहे है ",तुषार ने फिर से अर्जुन का मजाक उड़ाते हुए कहा। "हुआ मेरा मजाक उड़ाकर? तो अब मीटिंग के बारे मैं डिस्कस करते है। काम भी इंपोर्टेंट है ना ", अर्जुन ने कहा । तो वही घर पर रेवा अभी भी सुबह जो कुछ भी हुआ उसके बारे में सोच रही थी। उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। "ये सब कितना कॉम्प्लिकेटेड है मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा। मेरे दिमाग ने काम करना ही बंद कर दिया है । क्या मेरा डिसीजन सही है अर्जुन को लेकर ? मैंने उनके साथ कॉन्ट्रैक्ट मैरेज करके कोई गलती कर दी क्या ? पता नहीं आगे क्या होगा? खैर अब इस सबके बारे में सोचकर कोई फायदा नही है । जो हुआ है में उसे बदल नही सकती । मुझे रियलिटी एक्सेप्ट करनी होगी । i am sure की इस सबके पीछे कोई वजह होगी और वो वजह अर्जुन मुझे टाइम आने पर बता देंगे ",ये सब सोचते सोचते रेवा की कब आंख लग गई उसे ही पता नही चला । कुछ देर बाद जब रेवा की आंख खुली तब उसने अपने सामने खड़े अर्जुन को देखा जो की मिरर में देखकर रेडी हो रहा था । जब रेवा ने अर्जुन को देखा तो बस देखती ही रहे गई । रेवा अर्जुन के ऊपर से अपनी नजरे हटा ही नही पा रही थी । रेवा बिना पलक झपकाए अर्जुन को निहारे जा रही थी । ये पहली बार था जब रेवा ने अर्जुन को इतने गौर से देखा था। "ये रोज से कही ज्यादा हॉट दिख रहे है!",रेवा ने अपने मन मैं ही कहा । "अगर मुझे निहारकर हो गया हो तो तुम रेडी हो सकती हो अब! हमे लेट हो रहा है ", अर्जुन ने बिना रेवा की ओर देखे कहा । अर्जुन के ऐसे बोलने से रेवा अपने होश मैं वापस आती है । "मैं...में आपको नही देख....", ईससे पहले की रेवा कुछ बोलती अर्जुन ने अपने कदम रेवा के ओर बढ़ाए । जैसे ही रेवा ने अर्जुन को अपनी ओर आता हुआ देखा उसकी दिल की धड़कने अचानक से तेज हो गई । रेवा बोलना तो बहुत कुछ चाहती थी लेकिन बोल नही पा रही थी। इससे पहले कि रेवा बेड पर से निचे उतर पाती अर्जुन ने उसे घेर लिया था । रेवा : "वो..में...में बोल रही थी की...! " "बोलो क्या बोल रही थी तुम ?? "अर्जुन ने रेवा के थोड़े नजदीक जाते हुए पूछा । "देखिए आप मेरे ऐसे करीब मत आइए ...", रेवा ने अपनी नजरे झुकाते हुए कहा। ओके और क्या ?? अर्जुन ने पूछा । "वो..मुझे रेडी होना है ,पार्टी के लिए जाना है ना ", रेवा ने कहा। अर्जुन : "ओके..और क्या ?" रेवा : और...आप बाहर जाइए मुझे चेंज करना है अर्जुन: Ok और क्या ? रेवा : क्या चाहिए आपको ? कुछ कहना है ? "मैं तो मेरा वॉच ले रहा था",अर्जुन ने साइड टेबल पर रखे वॉच की ओर देखते हुए कहाअर्जुन : और कुछ कहना है तुम्हे ? और कुछ भी नही...रेवा ने धीमी आवाज मैं कहा । "पक्का ? तुम्हे मुझसे कुछ कहेना नही है ? ",अर्जुन ने सॉफ्ट टोन मैं पूछा । आज इतने दिनो मैं पहली बार अर्जुन रेवा से इतने सॉफ्ट टोन मैं बात कर रहा था । उसकी आवाज ही काफी थी रेवा की दिल की धड़कने बढ़ाने के लिए । अर्जुन की इस बात पर रेवा ने बस अपना सिर हा मैं हिला दिया । इस सबके बीच रेवा ने एक बार भी अपनी गर्दन ऊपर करके अर्जुन को नही देखा था । रेवा के गाल लाल हो गए थे । जब अर्जुन ने देखा तो उसके ओंठो पर एक हल्की सी मुस्कान आ गई । अर्जुन ने साइड टेबल पर रखा अपना वॉलेट और वॉच उठाया और रेवा से दूर हो गया। ‹ Previous ChapterHold Me Close - 21 › Next Chapter Hold Me Close - 23 Download Our App