कभी चाहा नहीं किसी को ।
तेरे सिवा तेरे जाने के बाद ।। १ ।।
कभी मांगा नहीं खुदा से किसी को ।
एक तेरे सिवा तेरे जाने के बाद ।। २ ।।
कभी याद भी नहीं किया किसी को ।
तेरे सिवा , तेरे जाने के बाद ।। ३ । ।
इंतजार आज भी है तेरा ।
कभी राह नहीं देखी इतनी किसी की ।
एक तेरे सिवा , तेरे जाने के बाद ।। ४ । ।
उलजा हु ख्यालों मे तेरे ।
इतना जिक्र नहीं किया कभी किसी का ।
एक तेरे सिवा , तेरे जाने के बाद ।। ५ । ।
याद तेरी हररोज सताती है ।
इतना नहीं बहेका हु किसी की यादों मे कभी ।
एक तेरे सिवा , तेरे जाने के बाद ।।६ । ।
हाल मेरे भी बेहाल है ।
क्या करू कोई नहीं पूछता मेरे खयालात ।
अब तेरे सिवा , तेरे जाने के बाद ।।७ । ।
भटक चुका हु अल्फ़ाज़ों के बवंडर मे ।
अब ये दिल किसी की नहीं सुनता ।
एक तेरे सिवा ओर तेरे जाने के बाद ।।८ । ।
नहीं देखता है ये अनंत अब किसी गैर की ओर ।
जो था अपना वो चला गया कब का ।। ९ ।।
अब नहीं मानता किसी को अपना ।
एक तेरे सिवा , तेरे जाने के बाद ।। १० ।।
ये आंखे नहीं ढूंढती किसी ओर को ।
एक तेरे सिवा , तेरे जाने के बाद ।। ११ ।।
लिखू जो गजल तो हर अल्फ़ाज़ जिक्र तेरा छेड़े ।
नहीं लिख पाता किसी ओर को अब ।
एक तेरे सिवा , तेरे जाने के बाद ।। १२ ।।
रोज गुजरता हु तेरी गलियों से ।
कभी नहीं आया कोई इस दिल मे ।
एक तेरे सिवा , तेरे जाने के बाद ।। १३ ।।
एक आश अब भी मन मे है ।
की तू मिलेगी किसी दिन उसी गलियों मे ।
मैंने सरनामा नहीं बदला ।
तेरे जाने के बाद ।। १४ ।।
एक उलजन सी मन मे ।
क्या तू भी मुजे इतना याद करती होगी ।
तेरे जाने के बाद ।। १५ ।।
हर शख्स तुज जैसा लगता है ।
तेरे जाने के बाद ।। १६ ।।
नहीं आते सपने किसी ओर के अब ।
तेरे सिवा , तेरे जाने के बाद ।। १७ ।।
अब भी जुड़े है किस्से हमारे ।
इस्क की गुमनाम गलियों मे ।
ए दिल इस्क नहीं लड़ाता अब किसी ओर से ।
एक तेरे सिवा , तेरे जाने के बाद ।। १८ ।।
अजीब दास्तान है हमारी ।
तुम हमारी ना हुई ।
किसी ओर की होने के बाद ।
ओर हम किसी के ना हुए ।
एक तेरे सिवा , तेरे जाने के बाद ।। १९ ।।
सिकवा कितने बया करू ।
जब दर्द ही हमदर्द बन गया ।
तेरे जाने के बाद ।। २० ।।
अनंत ने हमसफ़र नहीं माना किसी को ।
एक तेरे सिवा , तेरे जाने के बाद ।। २१ ।।