Some special trip of rainy season in Hindi Adventure Stories by Arya Tiwari books and stories PDF | ये बारिश की बुंदे

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ये बारिश की बुंदे

आज का दिन बहुत ही हसीन था, ऐसा लग रहा था कि मैं एक सपने  में जी रहा हुं मेरे सपने मुझे वही दिखा रहे है जो मै देखना चाहता हूुंं, कभी-कभी सपने और हकीकत को समझ पाना मुश्किल होता है, क्‍योंकि जैसा आप सोचते हो ठीक वैसा ही होता रहता है। मैं आज सभी को मेरे आज के सफर के बारे में बताना चाहुंगा शायद आप उस पल में खुद को महसुस कर पाए जिसे मैंं जी कर आया हुं कहा जाता है कि अगर आप किसी भी चीज को पाने में लगे हुए है तो कभी न कभी तो आपको वो मिल ही जाएगी शायद मेरे साथ भी ऐसा हुआ है, पर मुझे इस बात की भी टेंशन हो रही है कि क्‍या यह सपना यही तक था क्‍योंकि आपको भी पता इंसान सोचता तो कुछ भी है पर सब कुछ उसको मिल जाए यह तो हो ही नहीं सकता, चलिए फिर चलते है अपने आज के सफर में जो मेरे लिए तो यादगार रहा उम्‍मीद करता हूं कि आप भी मेरे साथ उस पल को जीऐंगे।

तो आज से दो दिन पहले हमारा इंस्‍पेक्‍शन शुरू हुआ जो कि हमारा काम है पर हम इसको नौकरी नहीं कहते पता नहीं क्‍यों मुझे आज तक समझ नहीं आया कि नौकरी और इंटर्नशिप में अंतर क्‍या है क्‍योकि हमें तो काम तो दोनों जगह करना होता है सेलरी का अंतर होता है यह मै मानता हुं पर काम, क्‍या ही बताए काम के बारे में ऐसा लगता है ऐसे ऐसे काम क्‍यूं ही बनाए है जो क‍ि किसी काम के नहीं है सिर्फ पैसे की बर्बादी है और कुछ नहीं, तो मैं और मेरी सीनियर इंस्‍पेक्‍शन पर गए वहां हमने कार्य किया और हमने एक देव स्‍थान के दर्शन भी किए जो कि एक शांति से भरा हुआ स्‍थान था इतने लोग होने के बाबजुद भी ऐसा लग रहा था कि मैं अकेला उनसे मिल रहा हुं मेरी बात उन तक पहुंच रही है और वो ऐसा बोल रहे है कि, तु बैठ मै सब बता कर जाना पर काम के कारण मुझे जाना पडा पर एक दिन फिर जाउंगा और अपने दिल का हाल सुना के आंउगा शायद मेरी बात उन तक पहुंच जाए। वैसे तो मैं आजकल नास्तिक की जिंदगी जी रहा हूं पर उस देवस्‍थान पर कुछ अपना सा एहसास हुआं, मैं भी क्‍या बता रहा था क्‍या बताने लग गया बुरा नहीं मानना, मारना मत प्‍यार से समझा देना मुझे मालुम है कि यह कहानी उस तक भी जाएगी जिसका जिक्र हो रहा है तो मै उनसे भी यह कहना चाहुंगा कि-

मै वो नही जो आप समझ रहें,

बस मेरे दिल का हाल मैं बताना चाहूंगा।

     फूलों की खुशबू को बताना नही पडता यह जताना चाहूंगा।

मेरे दिल में वो नहीं जो आप समझ रहे होे।

मैं बस अपने अल्‍फाज सबको बताना चाहूगां।।

फिर हम देवस्‍थान से निकल कर एक और इंस्‍पेक्‍शन किया वहां केे कर्मचारी थोडे आलसी थे तो उनको हमने समय दिया फिर हमारे पास कुछ काम नहीं था तो हम युहीं मारने लग गए, पहले तो हमने फालतु की पंचायत मारी मैं नहीं चाहता की कोई मेरी लाइफ में आए क्‍योंकि जो आता है वो मेरे जीवन में बहुत गहरा जख्‍़म कर जाता है तो मैं थोडा दुरी बना कर चल रहा था मैं नहीं चाहता मैं उस दौर में वापस हो जाउ जो कि मेरे जीवन की बर्बादी का कारण बने, फिर भी दोस्‍त तो बना ही सकता हूं जो कि शायद गम न दे, सही सलाह दे मुझे ऐसा लगता है कि वो सलाहकार बन जाए तो कुछ नहीं तो शहर का विकास तो हो ही जाएगा, तो मेरा देश भ्रमण करने सपना वैसे ही है और बारिश और मेरे बीच गहरा संबंध है जो कि मेरे दर्द पर मरहम लगाते रहता है, इस बारिश के मौसम में घुमना किस को नहीं पसंद क्‍योंकि ये बुंदे आपको उस पल का एहसाल कराती है जो कि कभी न कभी अच्‍छी यादों का मंजर रहा हो मेरे जीवन मे ऐसे अच्‍छे बुरे कई किस्‍से हैै जो कि मैं मेरी आधी कहानी का हिस्‍सा है जो कि मैं एक दिन जरूर बताउंगा आपको, तो मैडम और मेरे में ज्‍यादा अंतर न होने के कारण मुझे ऐसा लगता है कि हमारा व्‍यवहार लगभग एक जैसा ही है। तो इस विषय पर ज्‍यादा पंचायत न मारते हुए अपन आगे चलते है क्‍योंकि कलम नही रूकेगी अगर चल गई तो, हमने इस बारिश के मौसम में एक पलान बनाया कि हम शहर के समीप एक गणेश मंदिर है जो कि बहुप्रसिद्ध है वहां चलेगेंं हम और मैडम के दोस्‍त शायद अब मेरे भी है। तो शनिवार के दिन का चयन किया जो कि सही साबित हुआ, सभी को एक पाइंट देदिया गया कि 11 बजे तक वहां पर आना ही है, वैसे तो यह पलान था कि सब समय पर पहुंच जाए पर मेरे लिए बारिश मेरी दोस्‍त है पर बाकियों के लिए नहीं, तो सब आने में देरी होने के कारण मैं मैैैडम को उनके घर से उनको लेकर बताई गई जगह पर पहुंच गए। 

सबकी जिंदगी एक जैसी नहीं होता है इस बात का एहसास होने के कारण मैने यह जाना कि गलती हर इंसान से होती है कुछ उसको समय के साथ भूल जाते है और कई उस चीज को अपनी जिंदगी का हिस्‍सा बना लेते है मैडम जी ने भी उसको अपना हिस्‍सा बना लिया है जो कि उनके सेहत के लिए बाद में हानिकारक हो सकती है पर हम दोनों ठेहरे पुराने जमाने के लोग जो कि हंसना नहीं आता है पर दोस्‍तीं में चार चांद लगानें के एक ऐसा इंसान है जो कि इस सफर को चार चांद लगाने में उसका बहुुत बडा हाथ है, उसकी जितनी तारीफ करूं उतनी कम है क्‍योंकि वो है ही ऐसा उसका नाम रखते है किंग जो कि उसपे ज्‍यादा अच्‍छा लगता है क्‍योंकि किंग भी बिना कुछ करें ही सब कर देता है वो वैसा ही है, तो कि अपने रथ पर सबार होकर बारिश में युद्ध के तैयार हुआ और आक्रमण की मंशा से बताए गए पांईट पर सबसे देरी से पहुंचा क्‍योंकि किंग का समय वो खुद की डिसाइड करता है अब मैं आपकों बता दु कि आज के रथों पर बारिश से बचने का कोई भी सामाान नहीं होता है और यह हमारा किंग वैसे ही अभी अभी किंग बना है तो समझ सकते है कि कैसा होगा पर किंग के सारे गुण बचपन से ही भरे पडे है, और इस किंग के शासन काल में कई ऐसे किस्‍से और भी लाउंगा जो कि बहुत ही अच्‍छे होगेे।

 

अभी भी एक शख्‍़स के बारे में बताना है, जिसका नाम किंग ने चुटकी रखा है अब इस बात की जानकारी मेरे पास नहीं है कि किंग ने नाम चुटकी क्‍यूं रखा है, पर नाम में क्‍या रखा है और किंग की बातों को न मानना यह भी तो गुनाह हैं तो मैं चुटकी ही नाम रखूंगा, चुटकी का रथ आज मेरे पास रहने वाला हैं क्‍योंकि मेरी धन्‍नो की तबीयत ठीक नहीं है तो मैने अपनी धन्‍नों को एक सुरक्षित स्‍थान पर रखा और चुटकी के रथ पर सबार होगए, पर बारिश ने किंग को गुस्‍सा दिला दिया था क्‍योंकि किंग और बारिश दोनों साथ में निकले थे इस सफर पर, तो किंग ने आदेश दिया कि पहले चाय पर चर्चा करेंगे की आगे क्‍या करना है, तो किंग के आदेश को मानते हुए हम सब एक चाय की दुकान पर जाकर चाय पर चर्चा शुरू हुई, और सफर में बदलाब करने सुझााव आने लगे जो कि बारिश के कारण हुआ था पर बारिश एक ऐसी दोस्‍त है मेरे लिए जो कभी भी मेरी दुश्‍मन नहीं बनीं पर किंग की दुश्‍मन है, बहुत विचार करने के पश्‍चात् यह निर्णय लिया गया कि सफर वहीं होगा जो पहले से ही पलान है, तो सफर के लिए सब तैयार हुए इस सारी घटना को एक और इंसान है जो देख रहा है, वो है मैडम का छाता, उसकी कहानी भी बिन बुलाए मेहमान की तरह है जिसकी खिदमत करना हर किसी के बस की बात नहीं है और किंग को मैडम का छाता पसंद नहीं आया और किंग ने छाता मुझे दे दिया और किंग और चुटकी एक रथ में और मैडम और मैं चुटकी के रथ पर सवार होकर सफर के लिए चल दिये।

 

सफर हमारे बताए गए पाइंट से लगभग 40 किमी. की दुरी पर है और यह सफर खेत और जंगल के बीच से होकर जाने वाला है वैसे तो इस रास्‍ते का सुझाव मैनें दिया है पर मेरी बातें हमेशा सही नहीं होती इस बात का पता आपकों बाद में लगेगा जब मैं किंग और मेडम को गुस्‍सा दिलाउंगा।

पहले तो सफर चुपचाप शांति भरा था कोई हलचल नहीं मानो ऐसा लग रहा हो कि सब बस ऐसे ही चुपचाप जाकर वापस लौट आना है, पर किंग और बारिश  दोनों ही आमने सामने थे और किंग को बारिश ने बुरी तरह गिला कर दिया, हां एक और जिस बता दुं कि किंग का रथ चुटकी के रथ से कई अधिक ताकतवर है, फिर भी किंग और बारिश में इस बार बारिश ने किंग को गिला कर दिया, गिले होने के कारण किंग को गाडी रोकनी पड़ी और फिर हम चाय क‍ि एक दुकान पर बैठ गए, और बारिश के रूकने का इंतजार करने लगें।

चाय की दुकान पर मैने एक स्‍पेशल चाय का आर्डर दिया जो कि हमें, किंग को बारिश से लडने में मदद करेगा, वहीं फिर किंग ने बारिश से लडने का सुरक्षा कवच पहना और चाय का इंतजार किया, पर मैडम ने चाय का अपमान किया और उन्‍होनें दुसरा विकल्‍प लिया चाय इतनी अच्‍छी थी की बारिश से लडने की शक्ति हमारे अंदर आ गई थी, हम तीनों चाय का आनंद लिया और मैडम के डर को साइड में रखते हुए चाय का आनंद लेने लगे और जिंदगी कितनी हसीन है इस बात का अनुभव करने लगे, किंग की एक और बात है किंग बताता नहीं है सीधा आदेश देता है, और किंग को इस विषय पर ज्‍यादा मजा नहीं आ रहा था तो उन्‍होनें आगे बढ़ने का आदेश दिया, किंग कि बात मानना हर प्रजा का धर्म होता है तो किंग के आदेशानुसार हम फिर सफर के लिए तैयार हुए।

सफर का मजा तब होता है जब बारिश की रिमझिम बुंदे आपसे कहे की हम भी तेरे इस सफर का हिस्‍सा है, बारिश ही ऐसी चीज है जो घाव को भरती है और मरहम भी तुरंत लगा देती है, मेरे लिए बारिश का रिश्‍ता मेरे साथ बहुत पुराना है, उसके साथ में बडा ही अपनापन सा लगता है, और पेडों से गिरती हुई बुंदे और वो ठंडी हवा का क्‍या कहना ऐसा लगता है कि रथ को भी साथ ले जाएगी, खेत से गुजरते हुए रास्‍ते आपनी पहचान बताते हुए सफर में और सुगंध भर रहे थे किंग को छोड कर सब अपने दुखों का साइड में रखकर इस सफर के लिए तैयार हुए थे और सफर में दर्द की दवा ढु़ंढ रहे थे। किंग और बारिश की लडाई ने किंग का साथ अब तक नहीं छोडा था और किंग अपने रथ के साथ आगे बढ़ते जा रहा था।

फिर एक जगह रास्‍ते ने हमारा रास्‍ता रोक दिया रोड की मरम्‍मत चल रही थी और हमें इस बात की खबर नहीं थी, फिर मैने चुटकी की गाडी पर भरोसा करके रास्‍ते से निकलने का सोचा शायद जिसके कारण चुटकी मेरे से नाराज हुई होगी पर इस बार मेरे अनुभव ने साथ दिया और आगे बढने लगे, किंग का रथ इन समस्‍या का सामना करने में सक्षम है और वह आसानी से आगे बढ़ चला, और हम अपने मंजिल के लगभग करीब आ चुके थे पर यहां पर रास्‍ता उम्‍मीद से ज्‍यादा खराब निकले पर सफर का मजा तो तभी है जब उसमें बबाल हो, तो हम उस उबड खाबड रास्‍ते से चलते हुए मंदिर पर पहुंचे और मंदिर के दर्शन किया और प्रसाद लिया।

किंग और मेरी भी दोस्‍ती भी इस समय अच्‍छी बनती जा रही है क्‍योंकि किंग से दोस्‍ती कौन नहीं करना चाहेगा फिर मै सुबह से भुखा होने के कारण मेरी भुख मुझे कुछ खाने का बोल रही थी पर सीनीयर के सामने यह बात बोलने पर भी में हिचकिचा रहा था, इस बार मेरे नेचर में आपको बदलाव मिलेगा अब मैं जिंदगी के साथ कदम मिलाते हुए नजर आउंगा आने वाली मेरी अगली कहानी मेरे जज्‍बात पर मैं इस पर बताउ्ंगा कि क्‍या बदलाब  किये है मैंने, तो कचोरी खाने का फैसला किया जो कि वहां क‍ि बहुचर्चित है पर मैं नालायक इंसान कहा किसी की सुनता हुं किंग को अपने पीछे आने का बोलकर मंदिर से चल दिए।

हम चुटके रथ पर सवार होकर भरी आबादी वाले फैमस कचौरी के रास्‍ते पर चल पड़े, पर मेरी किस्‍मत इतनी खराब है आपको तो पता ही है हम दुकान से बहुत दूर निकल गए जो कि मेरे लिए अब बहुत बुरा होने वाला था क्‍योंकि मैं अपने आप पर भरोसा करके किंग को पीछे घुमा रहा था और किंग मेरे पीछे मुझ पर भरोसा करके चलते जा रहे थे और किंग और मेडम का गुस्‍सा भी मेरे पीछे चलते जा रहे थे इस बात का एहसास भी हो रहा था क्‍योंकि कचोरी का लालच अब सबके अंदर आ चुका था पर मेरे कारण वो पुरा नहीं हो पा रहा था। फिर मैडम ने सलाह दी की हम किसी से पुंछ लेते है तो मैने पुछा तो यह पता चला कि हम कचोरी की दुकान बहुत पीछे छोडकर आ चुके हैं, मेरी हालात आपको बता पाना मुश्किल है क्‍योंकि एक बारी में आप सिर्फ एक से युद्ध कर सकते है, और मैनें दो युद्ध को ललकारा था पहला था किंग, दुसरा मैडम।

यह सुनते ही मैनें बिना कुछ सोचे समझे ही गाडी वापस लौटाई और वापिस उसी रास्‍ते पर चल दिया और मेरे पीछे दो आक्रमण कारी है एक जो मेरे पीछे बैठा हुआ है एक जो पहले से ही युद्ध करते हुए आ रहा है, जैसे तैसे मैनें उस कचोरी वाले की दुकान पर गाडी लगाई तब जाके मेरे सांस में सांस आई पर इस बात का डर भी था की कहीं युद्ध मेरे विरूद्ध शुरू न हो जाए, पर अपने आप को आश्‍वासन देते हुए कचोरी का आनंद लेने लगे पर किंग ने जैसे कचौरी खाई किंग का माथा खराब हुआ और वो बोला कि ऐसी कचोरी की वजह से हम इतना परेशान हुए, किंग की बात सुनकर ऐसा लगा की पहला युद्ध की शुरूआत हो गई है पर चुटकी ने इस युद्ध पर काबू कर लिया बात और मैने एक और कचौरी का आर्डर दिया और बात को संभालने की कोशिश की और जैसा सोचा वैसा हुआ मामला शांत होगया। अब युद्ध मैडम के साथ होने के डर से मैं चुपचाप जल्‍दी खत्‍म किया कचौरी और युद्ध के लिए तैयार हो गया मालूम था कि युद्ध एकतरफा है और जीत तो मैडम की ही होनी है फिर मैं तैयार हो गया हारने को, पर अभी युद्ध होने में देरी है क्‍योंकि मैडम का दिमाग यहां नहीं था पता नहीं पर वो यहां होकर भी यहां नहीं थी, पर मुझे युद्ध पर दिमाग लगाना है तो मैनें चुपचाप ये सब देखता रहा, इधर किंग बारिश से लडने की नई योजना बनाने में व्‍यस्‍त हो गए मैडम ने मिठाई का आर्डर किया पर उसने भी युद्ध को और बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोरी किंग को मिठाई भी पसंद नहीं आई पर किंग तो बारिश से लडना चाहते थे तो हम किंग कें आदेशानुसार वहां से मिठाई का आन्‍नद लेकर वहां निकले।

वहां से रास्‍ते मुझे याद थे तो फिर आगे और किंग और मैठम मेरे पीछे इस बार अगर मैं कोई गलती करता हुं तो समझों की युद्ध का स्‍तर विश्‍व युद्ध से कम नही होने वाला है इस बात का एहसास था मुझे पर फिर भी मैंने होसला किया और आगे चला और इस बार मेरी किस्‍मत ने युद्ध होने से बचा लिया पर मैडम के साथ युद्ध करना तो तय था पर एक मौका मेरे पास आया मुझे ऐसा लगा कि युद्ध रोकने का यहीं एक तरीका है कि मैडम का गुस्‍सा शांत किया जाए और यह मौका मैनें लिया मैडम का फोन हैंग हो गया था और मैडम के कॉल नहीं आ रहे थे तो मैने अपनी निंजा टेक्‍निक से उस को पुन: चालु करके देदिया जिससे मैडम से युद्ध भी सहमति से शांत हो गया, पर किंग का युद्ध अभी भी चल रहा है बारिश के साथ।

बारिश ने एक बार किंग को परास्‍त कर दिया था, और किंग रथ को रोकना उचित समझा और हम फिर एक चाय की दुकान पर रूक गए और किंग और हमने चाय का पीने बैठ गए और वहां मुझे इस बात की पुष्टि भी हो गई की युद्ध अब शांत हो चुका है और सफर मेरा यादगार हो चुका है इससे ज्‍यादा की उम्‍मीद भी नहीं करना चाहता था कि पता फिर कौनसा युद्ध सामने आजाए। फिर किंग ने एक बार फिर से युद्ध करने की सोची और आगे बढे और कुछ ही दुरी पर हमने खाना खाने के लिए रूके वहां हमने भर पेट खाना खाया और वहां से हम अपने शुरूआत की थी वहीं पर पहुंचने के लिए वापस निकल गए, पर अब युद्ध किंग और बारिश के बीच और तेज हो गया और चारों तरफ से बादलों ने घेर लिया किंग और बारिश का युद्ध चरम पर था और मेरे लिए यह पल सबसे हसीन था जो कि बडे शांति से जी रहा था मुझे पेड पौधे हवा ने ऐसा पकड के रखा था कि में निकलना ही नही चाह रहा था पर सफर बस अब खत्‍म पर है पर इस पल से निकलना नहीं चाहता पर सफर खत्‍म हो चुका था और चुटकी मैडम बहुत खुश थे यह देखकर किंग भी खुश था और हम अब अपने अपने घर के लिए निकलने वाले थे और हमने सबको अलविदा कहा और मैं अपनी धन्‍नों का उठाकर फिर से बारिश का आनंद लेते हुए जंगलो की तरफ निकल गया, किंग और बारिश के युद्ध कौन जीता इस बात की खबर अभी मुझे भी नहीं पर जल्‍द ही किंग से पुंछ कर बताउगा, पर किंग भी इस सफर से बहुत कुछ सीखा होगा इस बात का यकीन है मुझे और शायद आप भी। यह सफर मेरे लिए एक अच्‍छी यादें छोडकर गया उम्‍मीद करता हुं की आपको भी यह सफर अच्‍छा लगा होगा।