एक हफ्ते बाद , , ,
स्वाति और सना की बात हुई थी उसके बाद से ही सना गायब थी और किसी को नहीं पता था कि वो कहा है तभी स्वाति ने शाशा को मिलने के लिए बुलाया था , ताकि वो उससे सना के बारे में पूछ सके , यार शाशा बोलो ना कहा है सना क्युकी वो एक हफ्ते से गायब है और मैंने मायाना में भी उसे ढूंढ लिया पर अब भी वहां सब निद्रा ध्यान में है तो अखिर अचानक कहा चली गई वो , उसने मुझे यह तो कहा था कि उसे ओबेरॉय मेंशन जाना है किसी भी तरह क्युकी उसका अब वहां जाना बहुत जरूरी है , लेकिन वो तो वहां भी नहीं है वेद को मैंने भेजा था वहां प्रोजेक्ट के बहाने से पर उसे कुछ पता नहीं चला , तो अखिर कौन ले गया उसे.....स्वाति ने सब कुछ एक सांस में ही पूछ लिया क्युकी उसे सना की टेंशन जो हो रही थी ,
स्वाति पर मुझे नहीं पता की महारानी कहां है मैं तो खुद उन्हें ढूंढ रहा हूं शाशा ने परेशान होते हुए कहा , ,
ठीक है पर जब भी तुम्हें कुछ पता चले तो मुझे इन्फॉर्म करना क्योंकि वैसे भी आज उसकी शक्ति भी वापस आने वाली है और मैं भी ओबरॉय मेंशन जा रही हूं वेद के साथ आज अखिल ओबरॉय की शादी है और खुरानास को इनविटेशन मिला है शादी का तो मैं भी वेदांश के साथ जा रही हूं स्वाति ने कुछ सोचते हुए कहा , , ,
अखिल के रूम में , , ,
आयुष अखिल को तैयार कर रहा था और वही अखिल परेशान बैठा था , क्या हुआ भाई सुहागरात को लेकर परेशान हो रहा है कोई ना जाने से पहले मुझसे टिप्स ले लेना आयुष ने उसे चिढ़ाते हुए कहा , , ,
तुझे पता है ना कि मुझे शादी नहीं करनी पर मां और रिया मेरी बात सुनती कहां है पता नहीं अचानक से उन्हें वह विशेष लड़की कहां और कब मिल गई जो उन्होंने कल ही मुझे बताया और आज ही शादी रख ली अखिल ने परेशान होते हैं कहा , , ,
तू परेशान ना हो तेरी मां ने पहले सब चेक किया होगा तभी वह तेरी शादी करवा रही है क्योंकि तेरी भविष्यवाणी पूरी होने की तारीख करीब है और तू चाह कर भी उन्हें मना नहीं कर सकता क्योंकि हम सब तुझे खोना नहीं चाहते पर यह खैर मना की तेरी शादी सना से नहीं हो रही वरना सोच क्या होता आज , आयुष ने उसका मजाक बनाते हुए कहा…..
नाम मत ले उसका अच्छा खासा दिन खराब हो जाएगा और वैसे भी आज सारा को होश आने वाला है और वह जरूर यहां आने के लिए अपना दिमाग लगा रही होगी पर भाई ने कवच लगा दिया है उसके लिए ताकि वह अंदर ही ना आ सके अखिल ने इरिटेट होते हुए कहा , , ,
ऐसा क्या हुआ था उस दिन जो तुम लोगों ने इतना कुछ किया है आयुष ने पूछा….
क्या हुआ है अगर बता देता ना तुझे तब तो तू खुद जाकर अपने हाथों से उस सना का गला दबा देता अभी जो इतनी तारीफ के फूल झड़ रहे हैं ना तब बस गाली ही निकलती तेरे मुंह से उसके लिए अखिल ने अपने मन में कहा……
वह सब छोड़ना वैसे भी कुछ खास नहीं था सोच ले वह लड़की बड़ी ही खतरनाक है बस यही बात थी और कुछ नहीं अखिल ने उससे झूठ बोला…….
उसकी बात सुनकर आयुष हैरान था तभी उसने चिल्लाते हुए कहा……क्या तुम दोनों भाइयो पर वह अकेली इंसान भारी पड़ गई क्या बात है तब तो मैं इंप्रेस हो गया उससे अब तो मुझे लगने लगा है कि तेरे लिए वही बेस्ट थी दोनों रोज लड़ते और मैं यह देखता रहता की दोनों में से ज्यादा ताकतवर कौन है , आखिरकार बात बराबरी की जो होती आयुष ने खुशी से कहा , ,
अच्छा अब तो मुझे डाउट है कि तू मेरा दोस्त है कि उसका जब देखो उसकी तारीफ करता रहता है ऐसे तो फिर मैं नहीं बात कर रहा तुझसे अखिल ने नाराज होते हुए कहा……
अच्छा मेरे प्यारे बच्चे मत रूठो मैं आपसे कुछ नहीं कहूंगा सना से रिलेटेड अब तो शांत हो जा आयुष ने कहा….. उसके बाद सुनकर अखिल ने कड़क आवाज में कहा , तुम मुझसे ऐसे बात करेगा तू भूल गया कि मैं कौन हूं आखिल ओबरॉय और तु मुझसे इतना फ्रैंक होकर बात कर रहा है…. उसकी बात सुनकर आयुष हंसने लगा और उसके साथ साथ अखिल भी…..
अखिल और आयुष की बात चल ही रही थी कि वहा रिया आ गई और उन दोनों को नीचे ले गई जहां पूरा घर पूरी तरह से फूलों से सजा हुआ था और सभी मेहमान आ चुके थे और उनके साथ वेद और स्वाति भी खड़े थे जो इस शादी को लेकर थोड़ा सोच में लग रहे थे और तभी अखिल भी जाकर मंडप में बैठ गया पंडित जी ने बाकी की रस्में शुरू की…..
वहा सभी लोग मौजूद थे बस आर्यन को छोड़कर वह तो स्टडी रूम में बैठा था क्योंकि आज सारा को जो होश आने वाला था पर तभी उसकी मां नैना वहां गई और उन्होंने आर्यन के सर पर हाथ रखते हुए कहा , , , कहां खोए हुए हो आर्यन बेटा , सारा के बारे में सोच रहे हो मैं जानती हूं कि उस बच्ची के साथ गलत हो रहा है पर हम अपने वैंपायर वंश के लिए एक कुर्बानी दे सकते हैं जिससे लाखों का भला हो रहा है और जिसके के बाद उन्हें एक सच्चा और अच्छा राजा मिले…… तो चल वैसे भी आज तेरे भाई की शादी है और तू जानता है की आज मैं कितनी खुश हूं मेरे दोनों ही बेटों की जिंदगी अब सुरक्षित है और इससे अच्छी बात मेरे लिए क्या ही हो सकती है , तू भी अपने श्राप से आजाद हो जाएगा कुछ नहीं में और तेरा भाई भी उस भविष्यवाणी से उस लड़की की वजह से बच जाएगा…….नैना के यह बोलते ही उसकी आंखों में नमी आ गई और उसने अपने आंखों के आंसू पूछते हुए आर्यन को वहां से नीचे ले गई….
नीचे अब दुल्हन भी मंडप में आ चुकी थी और दोनों की ही रस्में चालू थी और तभी पंडित ने दोनों को फेरे के लिए खड़ा किया और जल्द ही फेरे भी पूरे हो गए , लेकिन फेरे होते ही बाहर चारों तरफ तूफान सा मौसम हो गया और बिजली जोरो की कड़कने लगी और देखते ही देखते चारों तरफ अमावस सा अंधेरा हो गया , जिससे नैना और रिया तो खुश लग रहे थे क्योंकि उन्हें यह यह जो लग रहा था की अखिल और उस विशेष लड़की की शादी की वजह से यह सारे परिवर्तन हो रहे हैं……
पर जंगल में कोई था जो इससे बहुत ही ज्यादा परेशान था जिसने डर से अपने चारों तरफ कवच लगा लिया था…..यह क्या हो रहा है नहीं मैं जो सोच रहा हूं वह नहीं होना चाहिए वरना वक़्त फिर से खुद को दोहराएगा एक की खुशी के लिए दूसरा बलि देगा , उस इंसान के चेहरे पर पसीने की बूंद थी जो उसके डर की गवाही दे रही थी….
और इधर धीरे-धीरे बाकी की रस्में हुई अखिल ने उस लड़की को मंगलसूत्र पहनाया और सिंदूर लगाया और जिसके बाद शादी संपन्न हो गई , , , शादी होते ही कुछ समय के लिए सभी लोग अपनी अपनी जगह पर रुक जाए जैसे किसी ने समय को भी रोक दिया हो….. जिससे स्वाति यह तो समझ गई थी की सना आ गई है , पर वह यह अब तक नहीं जानती थी कि वह कहां है क्योंकि वहां स्वाति को छोड़ सब लोग रुके हुए थे….