My Soul Lady - 39 in Hindi Love Stories by Iffat fatma books and stories PDF | My Soul Lady - 39

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My Soul Lady - 39

हॉस्पिटल में ,

वेदांश गुमसुम सा ऑपरेशन थिएटर के सामने बैठा हुआ था उसके दिमाग में कहीं ना कहीं यह चल रहा था की स्वाति को कुछ हो ना जाए वह वेदांश जिसके चेहरे पर हमेशा खुशी रहती थी आज उसके चेहरे पर बस मायूसी थी , , ,


यही तो प्यार है अगर एक साथी मुसीबत में है तो उसे खो देना का डर इंसान को पूरी तरह से तोड़ देता है , ना चाहते हुए भी आप पूरी दुनिया को भूल जाते हो और बस उसके बारे में सोचते हो , ,




वेदांश अपने सोच में ही गुम था , कि सना पीछे से उसे कंधे पर हाथ रख दिया और इससे कहती है , वेदांश इतना उदास होने की जरूरत नहीं है मुझे यकीन है कि वह ठीक हो जाएगी बस तुम अपने ऊपर थोड़ा कंट्रोल करो , सना की बातें सुनकर वेदांश के आंखों से आंसू बह जाते हैं और वो सना को टाइटली हग कर लेता है.... जहां एक तरफ वेदांश की आंखों से आंसू बह रहे थे वहीं दूसरी तरफ सना का भी वही हाल था आज दोनों हे दोस्तों की सिचुएशन एक सी थी..... वेदांश को जहां डर था स्वाति को खोने का वही एहसास आज सना को भी हो रहा था..... क्योंकि उसे कहीं ना कहीं डर था कि उसने आज अपने प्यार को भी खो दिया है जिसे वह इतने सालों से ढूंढ रही थी......




तभी ऑपरेशन थिएटर से एक फीमेल डॉक्टर बाहर आई जिसे देखकर वेदांश तुरंत ही भागकर उसके पास गया और उसने परेशान होते हुए डॉक्टर से कहा , " श्रुति कैसी है डॉक्टर ? क्या वह ठीक है ? हां मिस्टर खन्ना वो बिल्कुल ठीक है , और हमारे लिए यही तो आश्चर्य की बात है क्योंकि इससे बड़ा चमत्कार आज से पहले हमने देखा ही नहीं क्योंकि वह इतनी बुरी तरह से घायल थी कि हमें डर था क्या हम उसे बचा पाएंगे लेकिन आश्चर्य की बात है वह बिल्कुल ठीक है..... और उन्हें थोड़ी ही देर में होश आ जाएगा तब आप जाकर उनसे मिल सकते हैं इतना कहकर वह डॉक्टर वहां से चली जाती है.....




और तभी सना वेदांश के पास जाकर खुशी से कहती है , देखो वेदांत मैंने कहा था ना कि वह बिल्कुल ठीक हो जाएगी तो अब उसकी होश में आते ही तुम उससे मिल लेना और अपने दिल की बात उससे कह देना..... मैं घर जाती हूं क्योंकि इन सब चीजों की वजह से मैंने सारा दी पर ध्यान नहीं दिया है मैं उन्हें देखकर थोड़ी देर में तुमसे फिर मिलती हूं..... इतना कहकर सना वहां से चली जाती है.....




विला में ,




आर्यन सारा को पूरे घर में ढूंढ कर पागल हो गया था.... लेकिन उसे वह कहीं नहीं मिली और इसलिए आर्यन सारा को ढूंढने के लिए अपनी कार लेकर घर से बाहर निकल गया...




पर यहां कमरे में , सारा अभी उसी हालत में बेड पर बेहोश पड़ी हुई थी..... बस उसी कोई देख नहीं पा रहा था और तभी देखते ही देखते धुंध दानव , उस कमरे में आया और उसने हंसते हुए अपने साथी से कहा , यार मैंने जितना सोचा था यह आर्यन तू उससे भी ज्यादा बड़ा बेवकूफ निकला , उसकी बीवी उसके नजरों के सामने थी लेकिन फिर भी उसे नहीं देखी....हहहाआ.... चलो अब हम इसे यहां से लेकर चलते हैं हमारे बॉस के पास क्योंकि जो भी है यह आर्यन ओबरॉय की कमजोरी है जो हमारी ताकत बन सकती है...... इतना कहकर वो दानव सारा को अपने साथ लेकर गायब हो जाता है.....




और वही आर्यन अपनी कार को फुल स्पीड में सड़क पर दौड़ा रहा था और सारा को ढूंढने की कोशिश कर रहा था तभी उसी दौरान उसे कुछ याद आया और वह वापस से विला में लौट आया.... वह जैसे ही अपने कमरे में दाखिल हुआ.... उसकी आंखें लाल कलर में ग्लो करने लगी.... जैसा की उसके साथ हर बार होता था जब भी वह यह सेंस करता था कि सारा किसी मुसीबत में है...... आर्यन को यह बात याद आते ही वह गुस्से में अपना हाथ दिवार में मार देता है और गुस्से मैं खुद से कहता है..... नो आर्यन तू यह कैसे भूल सकता है.... तूने उसे प्रोटेक्ट करने के लिए यहां कैद किया था और अब देख तेरे नाक के नीचे से कोई उसे तुझ से छीन के ले गया और तू कुछ नहीं कर पाया ' दी ग्रेट आर्यन ओबरॉय ' आज हार गया , , , ।







वहीं दूसरी तरफ सना वेदांश की कार लेकर अपने घर जा रही थी क्योंकि अपनी प्रॉब्लम की वजह से वह सारा पर ध्यान नहीं दे पाई थी और उसे रह-रहकर नेत्रा की कही हुई बात याद आ रही थी... " कि काश मैं तुझे बता पाती कि अभी तेरी बहन सारा के साथ क्या-क्या हो रहा है "...... यह सब सोचते हुए सना ने खुद से कहती है , दि हां अब मुझे डर लग रहा है आप कहां हो , आई होप कि घर में ही हो....







कुछ देर बाद जब सना घर पहुंच कर कार से उतरने लगती है तभी उसकी नजर उस फाइल पर पड़ती है जो हो अखिल के घर से लाई थी और उसे देखते ही सना उस फाइल को जल्दी से उठा कर घर के अंदर आ जाती है और सारा को पूरे घर में ढूंढने लगती है लेकिन सारा उसे कहीं नहीं मिलती जिससे परेशान होकर , सना उस फाइल को खोलकर देखती है जिसके बाद हैरानी से उसकी आंखें फटी की फटी रह जाती है और उसकी आंखों में गुस्सा झलकने लगता है ।










और वह जैसे ही गुस्से में वहां से जाने लगती है एक काला नकाब पहने एक इंसान उस घर में दाखिल होता है जिसे देखकर सना परेशान होते हुए कहती है , तुम यहां वह भी इस वक्त क्या मायाना में , सब ठीक है ना.... तभी सामने से वह शक्स सना से कहता है , महारानी हमारी दुनिया में तो सब ठीक है लेकिन मैं आपकी बहन सारा की खबर लाया हूं उसे वह धुंध दानव अपने साथ लेकर गए हैं मार्शल के पास.....










सना उसकी बात सुनकर पूरी तरह से हैरान रह जाती है , " मार्शल " वह यहां क्या करने आया है , पहले धुंध दानव , अब मार्शल..... यह सब के सब एक साथ यहां क्या कर रहे हैं......शाशा मुझे लगता है यह बहुत बड़े खतरे की निशानी है इन सब का एक साथ इस दुनिया में आना.... इसका मतलब इस बार फिर कुछ दांव पर है और यह काम में तुम्हें देती हूं साए की तरह पीछा करो उनका यह पता करो की इनके यहां आने का मकसद क्या है ? सना की बात सुनकर , शाशा अपना सर उसके सामने झुकाता है और बड़े ही प्यार से कहते हैं ठीक है महारानी मैं आज ही अपने काम पर लग जाता हूं इतना कहकर वह वहां से जाने लगता है तभी सना उसे रोकते हुए गुस्से में कहते हैं , " शाशा मुझे लेकिन उससे पहले यह बताओ कि वह लोग सारा को कहां लेकर गए.....