My Soul Lady - 36 in Hindi Love Stories by Iffat fatma books and stories PDF | My Soul Lady - 36

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My Soul Lady - 36

अपनी डैड की बात सुनकर कुछ समय के लिए आर्यन शौक था कि आखिर उसके डैड को यह बात कैसे पता चली कि उसकी शक्तियां सारा के पास रहने की वजह से वापस आइए
तभी आर्यन के डैड उसे कहते हैं क्योंकि मुझे पता है कि उस घर में वैंपायर की शक्तियां कैसे वापस आती है और क्यों आती है यह सुनकर आर्यन कंफ्यूज होते हुए अपने डैड से पूछता है मतलब डैड बस मेरी शक्तियां इस घर वापस नहीं आई है मतलब कोई और भी था जिसकी शक्तियां मेरे जैसा इस विला में काम कर रही थी तो प्लीज डैड बताइए मुझे कि वह कौन था ?




तभी आर्यन के डैड परेशान होते हुए गुस्से में कहते हैं , , सॉरी बेटा पर मैं तुम्हें यह बात नहीं बता सकता लेकिन मैं तुम्हें एक बात जरूर कहूंगा कि मैंने तुम्हें उस लड़की से शादी करने के लिए कहा था तो अब मेरी बात मानो और उस लड़की को छोड़ दो यही तुम्हारे लिए अच्छा होगा , , ,




तभी आर्यन कहता है नहीं डैड अब मैं ऐसा नहीं कर सकता अब मैं उस लड़की को नहीं जाने दे सकता क्योंकि अगर वह यहां से गई तो AA कंपनी के लिए खतरे की बात हो जाएगी और मैं यह खतरा मोल नहीं ले सकता , , , तो अब मेरा शिकार यही है और मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता उस लड़की के यहां मेरे पास रहने से मुझ पर या किसी और पर क्या फर्क पड़ता है , , और अगर डैड आप नहीं बताना चाहते तो ना सही लेकिन अब मैं अपना फैसला नहीं बदलूंगा क्योंकि अब वह मेरे साथ ही रहेगी । ।





तभी आर्यन के डैड कुछ सोचते हुए मन में कहते हैं , , सही कहा था गुरु जी ने हम किसी की किस्मत को नहीं बदल सकते और मैं इसे चाह कर भी यह नहीं बता सकता की उस लड़की से इसे तो कोई खतरा नहीं है पर मेरे अखिल को जरूर है लेकिन यह तो मेरी बात मानेगा नहीं , तो अब मुझे उस लड़की का कुछ करना होगा क्योंकि मैं अखिल को कुछ नहीं होने दूंगा , , , सोचते सोचते ही वह फोन कट कर देते हैं और अखिल खुद से कहता है अचानक डैड को क्या हो गया उन्होंने अपना फैसला क्यों बदल दिया और आखिर कौन था वह शख्स जो मेरी तरह ही इस सिचुएशन में फंसा था ? डैड तो बताने से रहे , पर शायद मां मुझे कुछ बता सके , , , तभी अचानक आर्यन के रूम का गेट नॉक होता है और आर्यन अपनी कोल्ड वॉइस में कहते हैं " कम इन why did you disturb me ?





तभी वह शख्स डरते हुए आर्यन से कहता है सर व.. ह सर मैम दरवाजा नहीं खोल रही है , , हम सुबह से ट्राई कर रहे है पर मैम दरवाजा नहीं खोल रही है , , तभी आर्यन अपने कोल्ड वॉइस में उससे कहता ठीक है तुम लोग जाओ मैं देखता हूं , , , फिर वह वहां से चना की कमरे की तरफ बढ़ जाता है और अंदर जाता है क्योंकि सारा के कमरे का गेट खुला था , , , आर्यन अंदर का नजारा देखकर शौक में वहीं दरवाजे पर खड़ा रह जाता है। , ,







वहीं दूसरी तरफ सना ओबरा मेंशन से गुस्से से बाहर आती है और गाड़ी का दरवाजा खोल कर अंदर बैठ जाती है वेदांश उसे इतने गुस्से में देख कर उसे डरते हुए पूछता है क्या हुआ सना अखिल ने कुछ कहा , , , तभी सना उसे घूर कर देखती है और से कहती है , क्यों अगर उसने कुछ कहा होगा तो मारोगे उसे जाकर जब तुम्हें इतनी हिम्मत नहीं है कि मेरे साथ अंदर जा सकूं तो तुम क्या ही कर लोगे । ।





तभी वेदांश अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेता है और कार ड्राइव करने लगता है और उस दौरान सना मन में खुद से कहती है आखिर किस फाइल में ऐसा क्या है जिसे सारा दिन छुपा रखा था और अब अखिल ने इसे मेरे घर से चुरा लिया इतना सोचते हुए सेना उस फाइल को खोलकर पढ़ने वाली ही होती है कि तभी अचानक वेदांश गाड़ी का ब्रेक लगा देता है , ,







जिसकी वजह से सना के हाथ से फाइल नीचे गिर जाती है और वह गुस्से से वेदांश पर चिल्लाते हुए कहती है यह क्या पागलपन है तुम मुझे कह नहीं सकते थे कि तुम ब्रेक लगाने वाले हो इस तरह अचानक से ब्रेक क्यों मारा तभी सना देखती है कि वेदांश के चेहरे का रंग ही उड़ा हुआ है तो सना उस से पूछती है क्या हुआ तुम इतने डरे हुए क्यों दिख रहे हो ऐसा क्या देख लिया तुमने जो बुत ही बन गए हो , , ,




तभी सना सामने की तरफ देखती है जहां वेदांश देख रहा था जिसे देखकर कुछ समय के लिए सना भी सदमे में चली गई थी तभी से ना जल्दी से गाड़ी से बाहर आती है और दौड़ कर सामने की तरफ जाती है जहां रोड पर एक लड़की खून से लथपथ गिरी हुई थी तभी सना उसके करीब जाती है और उस लड़की को उठाने की कोशिश करती है और उसके चेहरे पर आई बालों को वह हटाती है ताकि वह लड़की का चेहरा अच्छे से देख सके लेकिन जब सना यह करती है





तो उसकी आंखें फटी की फटी रह जाती है क्योंकि सामने खून से लथपथ लड़की कोई और नहीं " स्वाति " थी , , , और सुना स्वाति को इस हालत में देख घबरा जाती है हर परेशानी में उसे उठाने की कोशिश करती है , उठो स्वाति , , , , तुम्हारे साथ यह सब किसने किया , , , बताओ मुझे प्लीज होश में आओ स्वाति , , ,




सना के मुंह से स्वाति नाम सुनकर वेदांश भी जल्दी से गाड़ी से बाहर आता है और उसे इस हालत में देखकर वही बुत बने खड़ा हो जाता है फिर सना कि बात सुनकर दौड कर स्वाति को अपनी बाहों में थाम लेता है और उसे इस हालत में देखकर उसके आंखों से आंसू बहने लगते हैं और वह रोते हुए चिल्ला कर कहते हैं , , स्वाति उठो तुम मुझे इस तरह छोड़ कर नहीं जा सकती , , , प्लीज स्वाति अपनी आंखे खोलो , , , मुझे तुम्हें बहुत ही जरूरी बात बतानी है स्वाति प्लीज उठ जाओ । मैं तुम्हें यह कभी बताना नहीं चाहता था लेकिन प्लीज आज मैं कह रहा हूं , , , स्वाति मैं तुम्हारे बिना नहीं जी सकता जिस दिन मैंने तुम्हें पहली बार लाइब्रेरी में देखा था उसी दिन मैंने अपना दिल तुम पर हार बैठा था लेकिन यह बात तुम्हें बताने की मेरी कभी हिम्मत नहीं हुई , , ,





लेकिन तुम्हें इस हालत में देखकर मेरे दिल मैं कितना दर्द हो रहा है यह तो मैं तुम्हें बयां नहीं कर सकता , , बट आई लव यू स्वाति , , लव यू , , , , वेदांश की इतना कहने पर भी स्वाति को होश नहीं आता तभी सेना चिल्लाते हुए वेदांत से कहती है , , वेद इसे हॉस्पिटल लेके चलो अभी और इसी वक्त तभी वेदांत स्वाति को अपने बाहों में उठा लेते हैं और उसे गाड़ी में लेटा कर सना के साथ वहां से निकल जाता है । । ।