My Soul Lady - 32 in Hindi Love Stories by Iffat fatma books and stories PDF | My Soul Lady - 32

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My Soul Lady - 32

सारा जब बालकनी से भागने की कोशिश कर रही थी तभी अचानक उस रूम का दरवाजा खुला और और आर्यन उस कमरे में आया यह बारे में आसपास नजरें घुमा कर देखी तो उसे सारा कहीं दिखाई नहीं दी क्योंकि उस वक्त सारा रस्सी के सहारे नीचे उतरने की कोशिश कर रही थी जिसकी वजह से आ जाए उसे देख नहीं पा रहा था इसलिए आर्यन उसे ढूंढने के लिए बाथरूम की तरफ बढ़ा लेकिन फिर भी उसे सारा नहीं मिली तभी उसका ध्यान अचानक से बालकनी की तरफ गया जिसका दरवाजा खुला हुआ था सभी आर्य ने खुद से कहा बालकनी तो मैंने लॉक कर दी थी फ्री खुली हुई है , , , कहीं सारा ने तो नहीं....





इतना बोल कर आर्यन बालकनी के तरफ बढ़ गया और सारा जो आर्यन की आवाज सुन चुकी थी और उसे पता चल चुका था कि आर्यन रूम में आ गया है वह इस हड़बडी में .....जल्दी-जल्दी वहां से उतरने की कोशिश करने लगी तभी आर्यन का ध्यान सारा पे गया और उसने ऊपर से ही एक डेबल स्माइल के साथ कहा , जान यह क्या बेवकूफी कर रही हो तुम तुम्हें भाग नहीं था तो मुझे कह देती मैं तुम्हारे लिए दरवाजा खोल देता अगर तुम यहां से गिर गई तो लेकिन सारा उसके बातों को इग्नोर करके जल्दी वहां से बचकर जाना चाहती थी जिसकी वजह से वह बिना सोचे समझे हड़बड़ी में उस रस्सी से उतरने लगती है






तभी अचानक रस्सी की एक गांठ खुल जाती है इसकी वजह से सारा बालकनी से नीचे गिरने लगती है और उसके मुंह से एक जोरदार चीज निकलती है अह्ह...सना....





जब आर्य ने देखता है कि सारा नीचे गिर रही है तो वह झट से अपनी शक्तियों का यूज करके सारा को बचाने की कोशिश करता है सारा जब नीचे गिर रही होती है तभी अचानक उसे नीचे से आर्यन अपने बाहों में पकड़ लेता है और वही जब सारा देखती है कि उसे चोट नहीं आई तो वह झट से अपने आंखें खोल देती है तभी उसे खुद के सामने आर्यन दिखता है इसलिए वह गुस्से में आर्यन से खुद को छुड़ाने की कोशिश करती है और जिसके लिए वह आर्यन के सीने पर बार-बार मार रही थी लेकिन आर्यन का ध्यान सारा की हरकतों पर था ही नहीं वह कुछ और ही सोच रहा था जिसकी वजह से उसका चेहरा एकदम डार्क हो गया था. . . . .





तभी अचानक सारा गुस्से में ही आर्यन के सीने पर वाइट कर लेती है जिसकी वजह से आर्यन झट से उसे छोड़ देता है और आर्यन की इस तरह छोड़ने की वजह से सारा जमीन पर गिर जाती है और गुस्से से आर्यन को घूरते हुए कहती है , , मुझे इस तरह छोड़ा क्यों तभी आर्यन गुस्से में उसकी तरफ देखता है और उससे कहता है तुम ही तो मुझसे दूर होना चाह रही थी तो मैंने कर दिया इतना बोलकर आर्यन गुस्से में वहां से चला जाता है और सारा बस उसे जाते हुए देखती रहती है । ।





वहीं दूसरी तरफ सना घर वापस आती है और अखिल को बाहर निकालने के लिए बाथरूम की तरफ बढ़ती है तभी अचानक पीछे से कोई सना को पकड़कर दीवार से सटा देता है जब सेना उस शख्स को देखती है तो गुस्से में कह दिया छोड़ो मुझे और तुम बाहर गए थे आए तभी अखिल गुस्से से सना को देखता है और उससे कहता है तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई अखिल ओबरॉय को धक्का मारने की तुम्हारी औकात तक नहीं है मेरे सामने खड़ी होने की और यहां पर तुमने मुझ पर हमला किया , , , , अखिल के यह बातें सुनकर सना को और भी ज्यादा गुस्सा आ रहा था और वह गुस्से में अखिल को खुद से दूर धकेल देती है और अपने पैरों से उसे नीचे गिरा देती है . . . .





और उसके करीब जाकर अखिल के जबड़े को कसकर पकड़ती है और उससे कहती है औकात की बात तुम मुझसे ना ही कहो तो बेहतर होगा क्योंकि अभी कुछ समय पहले ही तुमने इस कम औकात वाली लड़की को किस किया है और हां धक्का तो बहुत दूर की बात हो गई मेरा बस चलता ना तो मैं तुम्हें जान से मार के यहां से जाती अखिल ओबरॉय सनाइतना बोल ही पाई थी कि तभी अचानक अखिल सेना को पकड़ कर अपने नीचे कर लेता है और गुस्से से उसके जबड़े को पकड़ते हुए कहते हैं पहली बार सनम अखिल तुम्हारी किसके लिए मरा नहीं जा रहा उस वक्त जरूरत पड़ी तो मैंने अपने जरूरत को पूरा किया , , , , ,






तभी सना गुस्से में अखिल से कहती है कल को अगर तुम्हें किसी लड़की के बॉडी की जरूरत होगी तो तुम उस जरूरत को भी पुरा करोगे , , , तभी अखिल एक दैवीय स्माइल के साथ सना से कहता है हां पूरा करूंगा तो क्या तुम मुझे अपनी बॉडी दोगी सना , , , , अखिल के मुंह से इस तरह की बातें सुनकर चना को और भी गुस्सा आ रहा था गुस्से में सेना अखिल को एक चांटा मार देती है और कहती है तुम जैसे लड़के कभी नहीं सुधर सकते तुम्हें बस लड़की की बॉडी चाहिए होती है लेकिन मुझे उन जैसा ना समझना क्योंकि
मैं बॉडी बनाती हूं
आत्म चुराती हूं
और अपनी भूख मिटाती हुँ . . . . .





तभी अखिल हंसते हुए सना से कहता है अच्छा मजाक करती हो , , , , पहली बात तो यह कि मैं तुम्हारे साथ यह सब करने नहीं आया था मैं तो बस तुम्हें आज के ऑफिस के लिए फाइल देने आया था कितना बोल कर अखिलेश शांति से सना के ऊपर से हट जाता है और जाकर बेड पर बैठते हुए कहता है और अगर अब तुम्हारा हो गया हो तो मुझे अभी कुछ पहनने के लिए दे दो क्योंकि मेरे सारे कपड़े गीले हो चुके हैं बस तुम्हारे वजह से तब ही सना फर्श पर से उठती है और कबर्ड से एक टॉवल निकालकर अखिल को दे देती है और उससे कहती है हमारे घर में लड़के के लिए कोई भी कपड़े नहीं है । ।





इतना बोल कर सना अलमारी से अपने लिए कपड़े निकालने लगती है और तभी अचानक एक फाइल अलमारी से नीचे गिर जाती है तभी सना उस फाइल को उठाने लगती है तभी अचानक अखिल उससे कहते हैं , मुझे भूख लगी है मुझे कुछ खाने के लिए चाहिए , , ,




अखिल के मुंह से यह बात सुनकर सना उसके तरफ देखती है और घूरते हुए कहती है मैं क्यों दूं तुम्हें खाना अपने घर जाकर खाओ या खुद बना लो ,, ,




इतना बोल कर सना वापस से अलमारी से कपड़े निकाल ने लगती है और कपड़े निकाल कर बाथरूम में चली जाती है और अखिल वही बेड पर बैठा उसे ज्यादा देखता रहता है फिर खुद सोचते हुए वह उस कमरे से बाहर निकल जाता है और नीचे किचन ढूंढने लगता है किचन मिलने के बाद आखिर अंदर जाता है और अपने लिए कुछ खाने को बनाता है और डाइनिंग टेबल पर बैठकर खाने लगता है तभी अचानक Sana अपने हाथ में फाइल पकड़े हुए नीचे आती है और इस फाइल को सोफे पर रखकर किचन में चली जाती है । ।







कुछ समय बाद जब सना किचन से बाहर आती है तो देखती है की अखिल वहां नहीं है और वह खुश होते हुए खुद से कहती है आखिरकार यह मुसीबत गई है अब मैं चैन से अपना काम कर सकती हूं इतना बोल कर सुना उस फाइल को उठाने के लिए सोफे की तरफ बढ़ जाती है लेकिन उसे सोफे पर कोई भी फाइल दिखाई नहीं देती तो वह खुद से कहती है फाइल तो मैं यही रख कर गई थी अचानक कहां चला गया कहीं उसने तो कुछ नहीं किया उसत् फाइल के साथ.......





आज मैं उसे छोडुँगी नहीं , इतना बोल कर चना गुस्से में वेदांश को फोन करती है और उससे कहती है तुम तैयार होना आज हमें ओबरॉय मेंशन जाना है उसकी यह बात सुनकर वेदांश चौक ते हुए उससे पूछता है हमें तो कंपनी जाना है ना तो तुम मेंशन जाने की बात क्यों कर रही हो तभी सना गुस्से में चिल्लाते हुए कहती है , , क्योंकि किसी से मुझे अपनी चीज वापस लेनी है इतना बोल कर सुना फोन काट देती है ।।