AFTER LOVE - 16 in Hindi Love Stories by Mr Rishi books and stories PDF | ऑफ्टर लव - 16

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ऑफ्टर लव - 16

विवेक अभय के साथ ऑफिस में बातें कर रहा होता है, की तभी त्रिशा वहा आती है,विवेक उसे चेयर ऑफर करता है। त्रिशा को वहा देख कर अभय के चेहरे पर स्माइल आ जाती है।"ओ हाय,, तुम यहां!"....


तभी विवेक कहता है"हां मैंने ही बुलाया है, वो फिल्म के सिलसिले में कुछ बात करनी थी। तुम बैठो ना "...त्रिशा को बैठने के लिए कहता है।त्रिशा चेयर पर बैठती हैं।


तभी विवेक कॉन्ट्रैक्ट त्रिशा के सामने रखते हुए कहता है"ये लो अब देखो सब ठीक है ना या अब भी कोई प्रोब्लम है"त्रिशा फाइल लेकर देखती है,पूरा कॉन्ट्रैक्ट पढ़ने के बाद त्रिशा भी दंग रह जाती है पहले जो कॉन्ट्रैक्ट में लिखा हुआ था वो सब जाता दिया गया होता है।

त्रिशा की कुछ बोलती उससे पहले विवेक कहता है"अब ये लो पेन अगर सब ठीक है तो साइन कर दो।ऑलरेडी हम फिल्म के लिए लेट हो रहे है इसी हफ्ते से फिल्म की सूटिंग स्टार्ट हो रही है। तो अगर अब भी कुछ कहना है तो सोच लो वरना एक बार कॉन्ट्रैक्ट होने पर फिल्म पूरी करनी ही पड़ेगी।


त्रिशा अभय के तरफ देखती है,और अभय त्रिशा को देख कर स्माइल करता है।फिर त्रिशा विवेक से पुछती है"वैसे क्या मैं जान सकती हु की इस फिल्म के लिए हीरो कौन है?"विवेक अभय के तरफ देखता है और कहता है"ये रहा हीरो आपके सामने त्रिशा अभय को देखते हुए कहती है"ओ अभय तुम हो,, ओह माय गॉड मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है"...



अभय त्रिशा से मुस्कुराते हुए कहता है" हा मैं ही हू,यकीन नहीं हो रहा हैं तो करो।"..ये कहते हुए अभय हसने लगता है।विवेक त्रिशा से कॉन्ट्रैक्ट साइन करने के लिए पेन देता हैं।त्रिशा के चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल होती है और वो मुस्कुराते हुए कॉन्ट्रैक्ट पर साइन कर देती है।


विवेक पेपर लेकर वहा से बाहर जाते हुए कहता है"अच्छा तुम बातें करो तब तक मैं आता हुं।"इतना कह कर विवेक वहा से बाहर चला जाता है। अभय त्रिशा से पुछता है"वैसे तुम पहली ऐसी लड़की हो जिसे फिल्म में काम करने का मौका मिला और तुम इतना वक्त ले रही मतलब अगर कोई और लड़की होती तो शायद वो कब की हां कर चुकी होती।और ये बात तुम्हें भी अच्छे से मालूम है फिर भी तुम्हें मानना पड़ेगा!"....


त्रिशा अभय से कहती है"ऐसी कोई बात नही है बस थोड़ी प्रोब्लम थी इसी लिए।"अभय त्रिशा से कहता है"ओके,, ओके अब जब हमें साथ में ही काम करना है तो क्या हम अब दोस्त बन सकते है मतलब साथ साथ घूमना ,खाना ,पीना जिससे हम एक दुसरे को और भी अच्छे से जान सके जिससे हमारे बीच एक अच्छा सा बॉन्ड बन जाए,, और,, और,,,"अभय आगे कुछ कहता उससे पहले त्रिशा हंसते हुए कहती है"हां वो तो पहले से ही है।पर अब से ये सब भी ठीक है।"...




अभय मुस्कुराते हुए कहता है"तो आज से I mean अभी से ही हम दोस्त ओके।"....त्रिशा भी मुस्कुराते हुए अभय से कहती है"हां हां ओके,,,"...




उधर विवेक अर्जुन के पास फोन करता है और कहता है"त्रिशा फिल्म करने के लिए मान गई "ये सुनते ही अर्जुन के चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ जाती है,,और हस्ते हुए कहता है"तुम्हें पता नही विवेक की तुमने कितनी बड़ी न्यूज दी हैं मुझे।"....




विवेक अर्जुन से कहता है"तो अभी मैं कॉल रखता हु बाद में मिलकर बात करते है।"...इतना कह कर कॉल रुख देता है, अर्जुन विवेक के फोन रखte ही कहता है"ओह,, इतने दिनों से जिस चीज का इंतजार था आखिर कार वो अब बस कुछ ही महीनों में पूरा होने वाला है।"




ये कहते हुए अर्जून के चेहरे पर मुस्कुराहट होती है, सब काम होने के बाद त्रिशा अपने घर जाने के लिए निकलती है। अभय भी इसके साथ जैसे ही बाहर जाने वाला होता है की तभी विवेक उसका हाथ पकड़ कर उसे रोकते हुए कहता "अरे तू कहा जा रहा है,तुझे अभी कुछ बात करनी है।"...




अभय त्रिशा के तरफ देखता है त्रिशा आगे बढ़ी ही जा थी, अभय विवेक के हाथो से अपना हाथ छुड़ाते हुए कहता है"अच्छा मैं आता हुं तो आराम से बात करेंगे अभी मुझे अर्जेंट है।"..




विवेक अभय का हाथ छोड़ देता है और कहता है"देख याद से अर्जुन के फार्म हाउस पर आजाना "अभय जाते हुए कहता है"हा ठीक है आजाऊंगा ओके बाय "...




अभय भागते हुए बाहर आता है, तो देखता है त्रिशा अभय बाहर ही होती है वो जल्दी से उसके पास आते हुए कहता है"अरे, थैंक गॉड तुम अभी यही हो।"....त्रिशा अभय से पुछती है"क्यों कोई काम था क्या?"...




अभय हंसते हुए कहता है"अरे नहीं,,नही मैं भी अब घर जा रहा हू तो सोचा तुमको भी ड्रॉप करते चलूंगा।"त्रिशा अभय से कहती है"नही मैं चली जाऊंगी तुम जाओ।"...





अभय थोड़ा अपसेट होते हुए कहता है"अरे यार ये क्या बात हुई अंदर अभी हमारी बात हुई न की अब से हम दोस्त है तो फ़िर ये सब मुझे नहीं पाता बस मुझे मेरी दोस्ती निभानी है,अब चलो मेरे साथ।"...




त्रिशा वापस से अभय को एक्सक्यूज देते हुए कहती है"अरे मैं सच में चली जाऊंगी तुम्हें टेंशन लेने की कोई जरूरत नही है।और वैसे भी मैं,,,,"...इतना कहते हुए त्रिशा चुप हो जाती है, पर अभय त्रिशा से पुछता है"पर मैं? बोलो क्या मैं?"...




त्रिशा अभय से थोड़ा हिचकिचाते हुए कहती है"वो मैं चौअल में रहती हू तो।"अभय हंसते हुए त्रिशा से कहता है"क्या कहा तुम चौअल में रहती हू ?"....त्रिशा अभय के ऐसे हसने पर थोड़ा बुरा फील करती है पर जैसे ही अभय उसे कहता है"एक बात पता है त्रिशा जब मैं यह पहली बार आया था तो मेरे पास कुछ भी नही था नाही काम और नाही ठीक से पहनने को कपड़ा पर एक चीज था मेरे पास टैलेंट जिससे में लोगों के बीच अपनी पहचान बन सकता था।और मैं भी तुम्हारी तरह एक रूम में 5 और लोगों के साथ रूम शेयरिंग में रहता था।"




अभय के इतना कहते ही त्रिशा पूछती है"क्या? तो फिर इतनी जल्दी तुम्हे फिल्मों में काम कैसे मिल गया मतलब एक आम इन्सान जब इतने बड़े सपने लेकर यह आता है इतने बड़े सहर में तो थोड़ा मुस्किल है,और बहुत लोग तो बस हर मन कर यह से वापस अपने पुराने जिंदगी में चले जाते है।"



अभय मुस्कुराते हुए कहता है"हां पर तब मुझे नहीं पता था की मेरे दोस्त एक बहुत बड़ा प्रोड्यूसर और राइटर है।पर जब मुझे उसके बारे में पता चला तो मैं उससे मिलने उसके बंगलो पर गया जहा उससे मिलने में तो थोड़ी नही बहुत दिन उसके घर के बाहर रहना पड़ा पर एक दिन जब वो घर से बाहर आ रहा था । मैंने उसे और उसने मुझे पहचान लिया फिर क्या इस इंडस्ट्री में मेरा आना और भी आसान हो गया।और साफ शब्दों में कही तो मैं भी नेपोटिज्म का प्रोडक्ट बन गया।"ये कहते हुए अभय हसने लगता है,और उसके इस तरह से बोलने का ताकि देख त्रिशा भी हंसने लगती है।


त्रिशा को ऐसे हंसते देख अभय कहता है"पर,पर मैने कभी पब्लिक को ये महसूस होने नही दिया की मैं एक फ्लॉप एक्टर हू जो फिल्म मेरे बस की नही होती मैं उसे नही करता क्योंकि मैं वो रोल करना चाहता हू जिसमे मुझे लोग पसंद करते है।और लोगों को मेरी रोमांटिक, फनी,, एक्शन वाली फिल्म पसंद है तो मैं ज्यादा उसी तरह की फिल्म करना पसंद करता हु।और ये जो हम दोनो की फिल्म आने वाली है आवारगी मैं प्रोमिसी करता हु अपनी पुरी जान लगा दूंगा इस फिल्म को हिट बनाने में क्यों तुम भी मेरे साथ दोगिना?"...


त्रिशा मुस्कुराते हुए कहती है"ऑफकोर्स यार अगर फिल्म की फीमेल रोल ही बेकार performance करेगी तब तो फिल्म का हो गया क्युकी लोगों को हीरो से ज्यादा हीरोइन पसंद आती है।"..


अभय हंसते हुए कहता है"हां ये तो तुमने बिलकुल सही कहा आखिर हम लड़के हर चीज को लेकर काफी सीरियस जो हो जाते है, अब चलो तुम्हे छोड़ देता हु।"


To be continued