भूतिया मांगलवार
यह कहानी एक छोटे से गाँव की है, जिसका नाम रामपुर था। यह गाँव जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ था और बस्तियों के बीच फैला हुआ था। रामपुर गाँव के लोग सामाजिक और मानसिक रूप से बड़े बदले हुए थे, लेकिन वह अपनी पुरानी परंपराओं को बिना छुए बदलने के लिए अत्यंत समर्थ थे।
रामपुर के गाँव में एक बड़ा मांगलवार हर सप्ताह को आयोजित होता था। यह एक पुरानी परंपरा थी जो गाँव के लोगों ने सदियों से बरकरार रखी थी। मांगलवार के दिन गाँव के सभी लोग एक साथ आते थे, और वे सभी एक विशेष आराध्य देवता की पूजा करते थे।
एक मांगलवार के दिन, जब सभी गाँव के लोग मंदिर में इस दिन की पूजा करने के लिए एकजुट हो गए, वहाँ एक अजीब घटना घटी। पूजा के दौरान, अचानक आसमान से एक आवाज सुनाई दी, "मेरा घर तुम्हारे घर के पास है।"
सभी लोग हैरान हो गए और वे देवता के मूर्ति की ओर देखने लगे। देवता की मूर्ति से फिर से वो आवाज आई, "मेरा घर तुम्हारे घर के पास है।"
यह सुनकर, गाँव के लोगों के चेहरे पर डर का अभिवादन हुआ। एक व्यक्ति ने सहमती से पूछा, "कौन हो तुम और क्या चाहते हो?"
आवाज फिर से बोली, "मैं एक अदृश्य आत्मा हूँ, मेरा घर तुम्हारे घर के पास है, और मैं एक कुंडल (कटोरी) में छिपा हूँ।"
व्यक्ति ने उस आवाज की ओर देखते हुए कहा, "तुम्हारा घर हमारे घर के पास होने के बावजूद हमें कभी भी कुछ दिखाई नहीं दिया। हम तुम्हारे बारे में कुछ नहीं जानते, तो तुम्हें क्यों हमारे पास आना है?"
आवाज ने उत्तर दिया, "मैं यहाँ सिर्फ इसलिए आया हूँ क्योंकि मेरा आवास यही है और मुझे आराधना की जरूरत है। अगर तुम मेरे आवास को ढूंढने में मदद करोगे, तो मैं तुम्हें धन और सुख दूंगा।"
गाँव के लोग डर के मारे थे, लेकिन वे भी अच्छे दिल के लोग थे, और वे इस आवाज की मदद करने के लिए सहमत हो गए।
स्टोरी २
भूतिया हवेली की रात
यह कहानी एक हवेली की है, जो एक छोटे से गाँव में स्थित थी। हवेली का नाम 'राजवीर हवेली' था, और यह एक बड़ी और पुरानी हवेली थी जो गाँव के किसानों के लिए एक समय की दौलत थी, लेकिन अब वह सिर्फ एक भूतिया स्थल बन गई थी।
राजवीर हवेली के बारे में कई भूतिया किस्से सुनाए जाते थे, लेकिन अधिकांश लोग उन्हें अफवाहों का हिस्सा मानते थे। बहुत कम लोग थे जो इस हवेली में रात बिताने के लिए तैयार थे, क्योंकि उन्हें इसके अजीब और भयानक इतिहास के बारे में सुना हुआ था।
एक दिन, गाँव के युवक नामक अर्जुन ने अपने दोस्तों के साथ राजवीर हवेली की ओर बढ़ते हुए फैसला किया कि वे इसे एक रात के लिए जाएंगे और देखेंगे कि क्या सचमुच भूतिया है।
रात के समय, जब चाँदनी और तारों की रोशनी में हवेली की छतों पर उड़ान भरने वाले पंखुड़ियों की आवाज़ आ रही थी, वे हवेली के अंदर प्रवेश किये।
हवेली के अंदर वे अद्भुत चीजों से भरपूर थीं - पुराने पेंटिंग्स, बड़े पुराने मिरर्स, और विशाल चांदेलियर्स। यह दिखता था कि यह हवेली एक समय में कितनी शानदार थी।
अर्जुन और उसके दोस्तों के साथ जब वे हवेली के बड़े हॉल में पहुँचे, तो वहां कुछ अजीब बातें हो रही थीं। उन्होंने धीरे से एक आवाज़ सुनी, "कौन हो तुम?"
वे सभी डरकर पलट गए, लेकिन कुछ भी नहीं देखा। फिर वो आवाज़ फिर से आई, "कौन हो तुम और क्या आपको यहां आने का हक है?"
अर्जुन ने बोला, "हम बस यह देखने आए हैं कि क्या इस हवेली में सचमुच भूतिया कुछ हो रहा है।"
आवाज़ ने उत्तर दिया, "मैं एक पुराना रोज़ना हूँ, और मेरा कोई दर्द नहीं है। तुम लोग जाओ यहां से, इसका मेरे साथ कोई लेना-देना नहीं है।"
अर्जुन और उसके दोस्त बिना कुछ कहे हवेली से बाहर निकल गए और कभी वहां वापस नहीं आए। यह हवेली फिर से उस अजीब स्थिति में छ