Hold Me Close - 17 in Hindi Love Stories by Harshu books and stories PDF | Hold Me Close - 17 - कल मैं रेवा को अपना बना लूंगा

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Hold Me Close - 17 - कल मैं रेवा को अपना बना लूंगा

शाम को अर्जुन के घर पे:
"कल पार्टी है ना ? ऑफिस में ?", सविता जी ने रेवा से पूछा ।

"हा ! लेकिन मैं नही जा रही ", रेवा ने जवाब दिया।

"तुम्हे जाना पड़ेगा ...तुम जा रही हो कल पार्टी मैं अब मुझे इस बात पर और बहस नही करनी मेरा डिसीजन फाइनल है ", सविता जी ने कहा ।

"लेकिन मां...प्लीज!! मेरे पास अच्छे कोई कपड़े भी नही है पार्टी के लिए", रेवा ने कहा ही था तभी पीछे से अर्जुन ने कहा – "तुम बस कहो तुम्हे क्या चाहिए...तुम्हारे लिए पूरी शॉप खरीद लाऊंगा "

"हां! और जल्दी से कपड़ों का डिसाइड कर देना। कल तुम भी अर्जुन के साथ जा रही हो ", सविता जी ने कहा और वहा से चली गई।

"आपने..आपने बताया ना मां को? आपने शिकायत की ना? ", रेवा ने पूछा ।

"Of course मैने ही बताया । तुम मेरी बात टाल सकती हो लेकिन मां की नहीं i know । तो तुम्हे पार्टी मैं आना होगा। मां ने ऑर्डर दिया है तुम्हे फॉलो तो करना होगा । वैसे आज ऑफिस में कौन कहे रहा था कॉन्फिडेंस के साथ की मैं पार्टी मैं नही आऊंगी मतलब नही आऊंगी ! और अब देखो बेचारी के पास कोई रास्ता ही नही है ! So sad ", अर्जुन ने रेवा का मजाक उड़ाते हुए कहा।

"हुआ ? मेरा मजाक उड़ाकर पेट भरा आपका ? ", रेवा ने अपनी आंखे छोटी करते हुए कहा ।

"चलो... तुम्हारे लिए कुछ खरीद लाते है ", अर्जुन ने रेवा का हाथ पकड़कर उसे बाहर ले जाते हुए कहा।

रेवा: मां को हेल्प करनी है अभी नही

"मां तुम्हारी बहु को लेकर जा रहा हूं शॉपिंग के लिए ! और डिनर मत बनाना हम कुछ ले आयेंगे",अर्जुन ने जाते हुए ही कहा।

कुछ देर बाद रेवा और अर्जुन दोनो भी एक मॉल में पहुंच जाते है ।
"यहां से शॉपिंग करने की जरूरत है क्या ? महंगा होता है यहां सब ! इससे अच्छा तो स्ट्रीट शॉपिंग कर लेते ! इतना खर्चा क्यों करना है आपको? ", रेवा की इस बात पर अर्जुन ने कहा –" उसकी जरूरत नही है! तुम्हारे इस कॉन्ट्रैक्ट हसबैंड के पास बहुत पैसा है । तुम्हारे लिए पूरा मॉल भी खरीद सकता हूं ! और वैसे भी ये खर्चा सिर्फ तुम्हारे लिए कर रहा हूं ना ! तो करने दो ! लेट्स गो "

जब रेवा ने मॉल में देखा तो वहा की सारी चीज़े बहुत ज्यादा एक्सपेंसिव दिख रही थी।

"आप सोच लो एक बार फिर से...हम स्ट्रीट शॉपिंग करते है ना", रेवा ने फिर से कहा।

"मेरा डिसीजन फाइनल है ! देखो बहुत सारे ऑप्शंस है क्या पसंद आया तुम्हे ? ", अर्जुन ने पूछा ।

रेवा ने सबसे पहले उन कपड़ों के ऊपर के प्राइस टैग देखे ।

"प्राइज टैग मत देखो! तुम सिर्फ सिलेक्ट करो", अर्जुन ने कहा ।

"देखिए आप पर ये ड्रेस बहुत सूट करेगा ", एक लड़के ने रेवा के पास आते हुए कहा जो की उस मॉल में काम करता था ।

" stay away from her मैं देख लूंगा तुम्हे इसके इतने करीब आने की जरूरत नही है "अर्जुन ने सख्त आवाज मैं कहा ।

"सॉरी सर " उस लड़के ने अपनी गर्दन झुकाते हुए कहा ।

"शांत हो जाइए इतना गुस्सा !! क्यों चिल्ला रहे है आप उस पर ! वो सिर्फ अपना काम कर रहा था ! ", रेवा ने अर्जुन को शांत करते हुए कहा।

"मुझे नही पसंद अगर कोई दूसरा मर्द तुम्हारे करीब आता है ! अर्जुन ने एक ब्लैक कलर की नेट की साड़ी रेवा की ओर बढ़ाते हुए कहा।

चॉइस अच्छी है आपकी ! रेवा ने कहा ।

अर्जुन: "वो तो है!! "

"ये साड़ी मैने चॉइस की है ! तुम अब अर्जुन की तरह ये भी मुझ से छीन रही हो ", पीछे से आते हुए प्रिया ने कहा ।

"तुम ! यहां! Well ये मेरी वाइफ को पसंद है तो तुम कोई दूसरी साड़ी देख लो तुम्हारे लिए ", अर्जुन ने प्रिया की ओर बिना देखे ही कहा।

"लेकिन ये मैंने चॉइस की है !! बिल भी बनवाया है मैने इसका.....प्रिया इसके आगे कुछ बोल पाती तभी अर्जुन ने मैनेजर से कहा –"ये साड़ी पैक करदो । "

लेकिन सर ये साड़ी प्रिया मैडम ने .....

"तुम अर्जुन सिंघानिया से जबान लढ़ाओगे ? तुम्हारी ये पूरी मॉल खरीद सकता हूं मैं ",अर्जुन ने तेज आवाज मैं कहा ।

जी जी सर! मैनेजर ने कहा।

"तुम्हारी नसीब में नहीं थी वो साड़ी । better luck next time ", अर्जुन ने प्रिया से कहा ।

"तुम्हारी वजह से हो रहा है ये सब कुछ!! जिस जिस पर मेरा हक है ना वो सब तुम्हे मिल रहा है । अर्जुन का प्यार। उसका घर । और अब ये एक्सपेंसिव साड़ी । अर्जुन नही होता ना तो तुम अफोर्ड नही कर सकती थी क्यूंकि ये मॉल मिडल क्लास लोगो के लिए बिलकुल नही है और....प्रिया इसके आगे कुछ बोल पाती तभी अर्जुन ने गुस्से से कहा–"अगर एक वर्ड भी और कहां ना तो अच्छा नही होगा तुम्हे पता है ना मैं क्या क्या कर सकता हूं ! रेवा से अच्छे से बिहेव करना। लास्ट वार्निंग दे रहा हूं तुम्हे ", अर्जुन ने कहा और रेवा का हाथ पड़कर वहा से बाहर निकल गया।

"जितना उड़ना है उड़ लो! देखती हूं कब तब हैप्पी रहते हो तुम दोनो ! ", प्रिया ने गुस्से से कहा ।

"देखा पैसे से कुछ भी खरीद सकते है हम ! ", अर्जुन ने रेवा से कहा ।

"प्यार नही खरीद सकते आप! सब कुछ पैसा ही नही होता ", रेवा ने कहा ।

हम्मम चलो अब घर जाकर जल्दी से सो जाते है कल जाना भी है ना पार्टी के लिए । अर्जुन ने कहा।

तो वही दूर जंगल मैं एक विला मैं :

"कल रेवा आपके पास होगी ! पूरा प्लान रेडी है मेरा । ", राहुल ने उसके बॉस से कहा।

"Good ! बस अब कल का इंतजार है ! कल मैं उसे हमेशा हमेशा के लिए अपना बना लूंगा ", उस आदमी ने सिगरेट का कश लेते हुए कहा ।

क्या होगा पार्टी मैं ? क्या अर्जुन रेवा को बचा पाएगा ?
जानने के लिए जुड़े रहिए कहानी के साथ ।