1] प्रकृति 🌸
प्रकृति को ख़रीद ने चला हे इंसान,
जिसकी गोद में बड़ा हुवा उसीका भूल के अहेसान
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कुदरत की दी गई चिज़ो पर हक जमाने चला हे,
विपता के लिए फिर तैयार रहो जो होगा घमासान
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कोई चाँद पे ख़रीद रहा हे ज़मी तो कोई,
हरियाली को मिटा के बना रहे समशान
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प्रकृति से जन जीवन हे उनका जतन करने कि बजाय ,
उनको बेरंग कर रहे सीने मे दिल हे या पाषान ।
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2] अब गोविंद नहीं आएंगे !!☝️
उठालो शस्त्र द्रोपदी अब गोविद नहीं आएंगे,
खिंच दो लकीर, क्योंकि अब पूरने चिर
गोविंद नहीं आएंगे ।
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कब तक यू निशक्त ओर बेबस होती रहोगी,
अब किसी न करो अपेक्षा क्युकी करने रक्षा
गोविंद नहीं आएंगे ।
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इन दुराचारी दुशासनो को तुम्हे ही सबक सिखाना होगा,
कर लो अब युद्ध का आगास, क्योंकि अब करने विनाश
गोविंद नहीं आएंगे ।
अब छोड़ो मांगना न्याय अन्याय ओर शुरू करो
नारी अध्याय क्योंकि अब गोविंद नहीं आएंगे
गोविंद नहीं आएंगे ।
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3] केदारनाथ 🙏🏻❣️
देर लगेगी पर तेरे दर पर आएगें,
विश्वास के साथ उठाके सर आयेगे ।
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बेजुबा पशु के माध्यम से जाके उनपे अत्याचार
की बजाऐ,उनसे प्यार कर आएगें ।
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अपने स्वपन की इस यात्रा में बेहद आनंद,
शांत चित्त,और मधुर स्वर लायेंगे।
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देर लगेगी बाबा लेकिन तेरे दर पे जरूर आयेगे,
संग अपने शिवभक्त का गुरूर ले आयेंगे
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4] जज्बात 🌹
दिल से मानो तो हम एक ओर मन से सोचो तो
हम जुदा हे,
ना समझो तो शब्द भी बेजुबा हे और समझोतो
खामोशी में भी अदा हे.
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ना मानो तो पत्थर व मूर्ति भी नश्वर हे,
और मानो तो प्रेम ओर प्रेमी में भी खुदा हे.
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प्रेम के अहसास ही हे किमती वरना तो ताजमहल
भी ऐक अजूबा हे,
बात तो साथ रहने की है जनाब, वरना अहसास के लिए तो परछायी भी सदा हे !
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5] ओन सेल्फ 😇
खुली किताब जेसा जीवन मेरा पूरा,
कभी अच्छा तो कभी बहोत बुरा
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लोग चर्चे करते हे मेरी शख्सियत,
पे जेसे हो कोई विख्यात मुशहरा
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मीठी चाशनी में घोल के बोलते वो कड़वे बोल,
पर काटते तो दोनो ही हे चाहे तलवार हो या छूरा
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खुली किताब के फायदे लेते हैं वो लोग बहोत,
पसंद आया तो पढ़ा कुछ पूरा कुछ अधुरा!!💔❤️🔥💯
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6] आसमां मै ,
अच्छा लगता हे..
आसमा में खो जाना,,
वो सारे टेंशन तनाव से दूर
वो डिप्रेशन को भूल के,,
वो ज़िम्मेदारियों से दूर
वो ख्याली कस्ति को भूल के,,
वो रिश्ते नाते अपनो से दूर
वो सपनों को भूल के,,
वो अपनी उम्र होदा पहचान से दूर
वो जिंदगी की भागदौड़ को भूल के,,
उस आसमा में खोए रहना अच्छा लगता है.. ❤️
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7] इमारते 🏬
सोचिए अगर इमारते बोल पाती तो क्या कहती__
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शायद ,
स्कूल वाली इमारत कहती,
"जिंदगी के इम्तिहान के लिए All The Best"
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घर वाली इमारत कहती कि ,
"घर जल्दी आना"
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ऑफिस वाली इमारत कहती ,
"लगे रहो Keep going "
हॉस्पिटल वाली इमारत कहती ,
"खुश रहा करो क्यु की खुद का Treatment
Bhi Zaroori hai "
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कोलेज वाली इमारत कहती कि ,
"बड़े हो गए Yaar तुम तो कभी मिलने आया करो"
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मंदिर वाली इमारत कहती,
"आते रहना"
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और , बस स्टैंड वाली इमारत कहती " Have A Safe Journey "
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Writer ~ ✍️ प्रगति 🌸🙏🏻
मेरी रचना पढ़ने क लिऐ धन्यवाद ।।
अपना अभिप्राय जरूर दिजिएगा