Sath Zindgi Bhar ka - 56 in Hindi Love Stories by Khushbu Pal books and stories PDF | साथ जिंदगी भर का - भाग 56

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साथ जिंदगी भर का - भाग 56

एकांश आस्था को अपनी बाहों में लेकर सोया हुआ था कितना सुकून था कितना चैन था कितनी राहत महसूस कर रहे थे दोनों एक साथ बीते कुछ सालों में हर रात एक दूसरे की याद में तड़प रहे थे रो रो कर गुजारी थी

उन्होंने एक एक रात उन्होंने लेकिन आज की रात उन सभी रातों के दिए गए जख्म पर मरहम का काम कर रही थी हर दिन सुबह जल्दी उठने वाले वह दोनों एक साथ अभी तक सो रहे थे

8:00 बज गए थे फिर भी नहीं उठे थे उनके साथ आए सभी लोग ट्रेकिंग के लिए चले भी गए थे लेकिन एकांश आस्था एक दूसरे की बाहों में बेफिक्र होकर सो रहे थे सुकून भरी नींद सो रहे थे कुछ देर बाद आस्था की नींद खुली और जैसे ही उसने अपनी आंखें खोली एकांश का वह हैंडसम सा चेहरा उस उसे नजर आया वह बिना ज्यादा हलचल किए वैसे ही लेटी रही

एक तक एकांश को ही निहारते हुए उसने अपने नाराजगी के चलते उससे ज्यादा देख ही नहीं पाई थी उसे देखने की सारी कसर वह पूरी कर रही थी अपनी पलकें झुकाना तो वह भूल ही गई थी एकांश के पलकों की हलचल होने से उसने अपनी आंखें बंद कर ली और सोने का नाटक करने लगी

एकांश को भी अपनी आंखें खोलते हुए भी आस्था का मासूम खूबसूरत चेहरा दिखाई दिया उसने उनके चेहरे पर आए बालों को पीछे किया और अपने होंठ उसके सिर पर टिका दिए और कुछ पल उसे ऐसे ही देखने के बाद उसने बड़ी प्यार से उसे आवाज दी आस्था ने भी जैसे अभी अभी नींद से जगी है ऐसा नाटक करने लगी

आर यू ओके नाउ एकांश को फिक्र भरी आवाज सुनकर आस्था ने अपना सर उसके सीने से लग लगा लिया क्या हुआ है एकांश उसे वैसे ही बाहों में लिया नहीं कुछ नहीं आस्था का बिल्कुल मन नहीं था उसकी बाहों से अलग होने का बताइए ना कहीं दर्द हो रहा है क्या आपको एकांश ने उसका चेहरा अपने हाथों में थाम लिया उसकी आंखों में आस्था को अपने लिए बेहद चिंता दिखाई दे रही थी हो रहा है यहां हो रहा है आस्था नम आखें होते हुए अपने दिल पर उंगली रखते हुए कहा

आस्था एकांश को कुछ समझ ही नहीं आया वह क्या कह रही हैं क्या कहे नहीं कुंवर जी कुछ मत बोलिए आप जो उस रात बोल चुके हैं वह काफी है हमारे लिए और हां हमारे जख्मों की फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं है

आप ने हमें थप्पड़ मारकर जो जख्म आपने उस वक्त दिए थे ना उसका दर्द भूले ही नहीं है उसने अपने गाल पर हाथ रखा जहां एकांश ने उसे थप्पड़ मारा था लेकिन यहां अभी तक है आस्था अपने दिल पर हाथ रखते हुए कहा उसकी गोद में से उठकर जाने लगी

आस्था प्लीज एकांश ने उसका हाथ पकड़ कर उसे कितना दर्द और पछतावा था उसकी उन काली आंखों में लेकिन आस्था ने बिना कुछ कहे उससे अपना हाथ छुड़वाया और बाहर निकल गई कुछ दूर चलकर वह पेड़ के नीचे बैठ गई उसकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे

एकांश वैसे ही वहां लेट रहा था उसे आस्था को रोकने का बहुत दिल कर रहा था लेकिन उसे कैसे रोकता उसे आस्था के को मारे उस थप्पड़ की सजा वह अभी तक खुद को देता था अपने आपको रिलैक्स कर वह बाहर गया आया और आस्था को किस तरह मनाया जाए उसकी प्लानिंग करने लगा

मगर उसे कुछ सूझ ही नहीं रहा था कुंवर सा ब्रेकफास्ट आस्था ने उसके लिए नाश्ते की प्लेट आगे की थैंक्स और आप आस्था के खाली हाथ को देखकर एकांश ने कहा हम बाद में खा लेंगे एकांश के चेहरे पर वही निर्भय भाव थे एकांश ने उसके हाथ को पकड़ते हुए अपने पास बिठाया और अपनी प्लेट से निवाला उठाकर उसके मुंह में डाल दिया

यह सब इतनी जल्दी हुआ कि आस्था को कुछ समझ ही नहीं आया वह बड़ी-बड़ी आंखें करके उसे घूर कर देखने लगी खाइए फिर आपको मेडिसिन भी लेनी है एकांश ने उसका मुंह खुला मुंह बंद कर दिया आप आस्था के आगे कुछ बोलने से पहले इसने एक और निवाला उसके मुंह में डाल दीया कुंवर सा देखिए आस्था तो फिर से उसे कुछ बोलने को हुई उससे पहले ही एकांश ने उसके बहुत करीब आया और अपनी उंगली से उसके होंठ पर रख दी आस्था आप हमें कुंवर सा नहीं बोलेंगे समझी आप

एकांश को वह सिडक्टिव करने वाली आवाज से आस्था के रोंगटे खड़े हो गए उसने अपने मुंह में रखा निवाला किसी तरह गले से उतरा चलिए अब चुपचाप खाइए और अगर आपसे ऐसा बैठा नहीं जा रहा है तो अपने हाथों से भी खिलाएंगे हम आपको एकांश ने उसे आंख मारते हुए कहा नहीं हम नहीं आस्था ने उस पर से अपनी नजर हटा ली और अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया अरे ऐसे कैसे हमें भी तो भूख लगी है

और तो और हमारी बॉडी भी दर्द कर रही है कल रात कोई पांडा की तरह हमसे लिपट कर हमारे ऊपर जो सोया हुआ था एकांश ने आंखों में शरारत भरे भाव लेते हुए कहा जिसे आस्था के चेहरे गुलाब जेसे खिल गया और वह शर्म के मारे गुलाबी हो गई आप हमें पांडा कह रहे हैं आस्था ने चिढ़कर उसे कहा नहीं गलती हो गई आपको पांडा नहीं बल्कि बेबी पांडा बोलना चाहिए था

इतनी हल्की जो है आप एकांश ने मुस्कुराते हुए कहा और उसके एक और निवाला मुंह में डाल दिया बेबी पांडा हूं मैं अगर आप ने हमसे ऐसा कुछ कहा ना तो देख लीजिएगा और वैसे भी हमने आपसे नहीं कहा था कि हमें आपके ऊपर सुला लाने के लिए आपने खुद ही आस्था की आगे सांसे अटक गई एकांश के उसके बहुत करीब जो आ गया था हमने खुद क्या एकांश की गर्म सांसे उसके अपने चेहरे पर के ऊपर महसूस हो रहे थे दोनों के होंठ एक दूसरे के बेहद करीब थे

एकांश ने धीरे से उसके चेहरे पर से अपनी उंगली फिराया और आस्था के ने अपनी आंखें बंद कर दी उसके होठों की थर थर एकांश को बुलावा दे रही थी वह भी अपनी आंखें बंद किए उन्होंने के बीच की दूरी को मिटाने लगा उसके होंठ आस्था के गुलाबी होठों से मिल पाते इससे पहले ही कुछ आवाज हुई और यह दोनों होश में आ गए

आस्था जल्दी से वहां से उठकर शर्मा कर चली गई एकांश खुद को मुस्कुराने से नहीं रोक पाया रेवा जो ना जाने कितनी देर से दोनों को देख रही थी और उसे उन दोनों की करीबी बर्दाश्त ही नहीं हो रही थी

पहले ही उसका कल का आस्था को मारने का प्लान फेल होने की वजह से बहुत बहुत गुस्से में थे और अब यह सब हो जल्दी-जल्दी आस्था जिस और गई वहां जाने लगी दूसरी तरफ आस्था अपने सीने पर हाथ रखकर खड़ी हुई थी दिखाएं के करीबी से जो उसका दिल इतना जोर जोर से धड़क रहा था उसे चुप होने की वह रिक्वेस्ट जो कर रही थी

उसके गालों पर खिले गुलाब उसकी खूबसूरती को इतना इतना हद तक बढ़ा रहे थे उसका अंदाजा भी उसे नहीं था आस्था रेवा ने गुस्से से अपनी और घुमाया और आस्था की भौहें सिकुड़ गई कहिए आसानी से ठंड रिएक्शन भी मानो उसे कुछ भी फर्क न पड़ता हो तुम्हारी हिम्मत कैसे हो एकांश के करीब जाने कि शायद तुम भूल गई हो कि 5 साल पहले हमने तुमसे क्या क्या कहा था

रेवा नहीं बिल्कुल भी नहीं बोले हैं हम कि हम कि आपने हमसे क्या क्या क्या कितना कहा था लेकिन शायद आप भूल गए हैं आसानी अपने हाथ की घड़ी बांधे उसे कहा यू रेवा ने उस पर हाथ उठाना चाहा लेकिन उसे पहले भी आस्था ने उसे हवा में ही रोक लिया और ट्विस्ट किया जैसे रेवा को बहुत तकलीफ हुई जिससे रेवा को बहुत तकलीफ हुई नो यह गलती नहीं आपकी यह गलती और हम आपको कहीं का नहीं छोड़ेंगे

आस्था ने उसका हाथ भी रख दिया और रेवा उसकी तरफ सवालिया नजर से देखने लगी इस तरह मत देखिए रेवा हम वह पहले वाली आस्था नहीं रहे और हां चली आपको आपकी गलतियां गिन वाते हैं पहली गलती हमारे कुंवर जी के करीब जाने की कोशिश करना दूसरी गलती हमारे और उनके बीच में गलतफहमी पैदा करना और तीसरी गलती हम को जान से मारने की कोशिश हमें जान से मारने की कोशिश करना

आस्था को इस तरह कहने से भी बाहर आने से उसकी ओर देखने लगे ऐसा क्या देख रही हो क्या वह वह क्या ना रेव रेवा उस वक्त हम वाकई में बहुत छोटे थे और आपको गंदे इरादों को भाप नहीं पाए आपने जब कहा ना कि आप से और उनके बीच खैर वह हमें सच लगा लेकिन जिस वक्त आपके और हर्ष भाई सा की शादी की खबर हमने सुनी ना हमें सब समझ आ गया कि आप कितनी बड़ी नौटंकी हैं और झूठी हैं और हां अगली बार हम दोनों के बीच आने की हिम्मत भी मत करना वरना आपके कल के कारनामों का सबूत हमारी पास से है वह क्या है ना जिसे आपने हमारे रस्सी कटवाए थे ना उसे जॉन में एक थप्पड़ में सब उगल दिया है

सो stay अवे फ्रॉम अस आस्था चार पैसे का क्या कमा लिए बहुत घमंड आ रहा है तुम मैं और हां एकांश रेवा अरे बाकी आगे कुछ बोलने से पहले ही आस्था ने जोर दार थप्पड़ मार दिया एकांश भाई साहब या फिर कुंवर सा आपकी मर्जी जो बुलाना है वह लाइए उन्हें लेकिन उनका एक भी जिक्र आपके मुंह से हम बर्दाश्त नहीं करेंगे और हां हमारे कुंवर जी का ध्यान यहां से और यहां से दोनों जगह पर से निकाल दीजिए आस्था ने उसके सिर और फिर दिल पर उंगली रखते हुए कहा और वहां से चली गई

एकांश तो उसे काफी देर से तलाश रहा था उसे आस्था को आता देख खुशी हुई और गुस्सा भी आ गया कहां गई थी आप पता है ना चोट लगी है फिर भी मैडम को घूमना है नाश्ता भी नहीं किया ठीक से अब तो दवाई भी खानी बाकी है एकांश उसे फ़िक्र से डांट लगा रहा था लेकिन आस्था का मूड वाकई में बहुत ज्यादा खराब था

रेवा की वजह से यह झूठी फिकर आप हमें मत दिखाइए हम अपना ख्याल रख सकते हैं आस्था ने गुस्से से उसके हाथ से दवाई का पैकेट लिया और उससे दूर हो गई इसको बहुत ज्यादा बुरा लगा दर्द हो रहा है क्या आस्था इतनी सीख रही थी हम हॉस्पिटल जाएं एकांश को अभी सिर्फ उसकी ही फिक्र हो रही थी नहीं जाना है हमें कहीं भी हो प्लीज हमसे और हां प्लीज हमसे दूर रहिए कुंवर सा आस्था टेंट के अंदर चली गई यार एकांश इतने फिर भी कुछ ना कहना बेहतर समझा

कीप कमेंटिंग एंड थैंक यू सो मच मिलते हैं पाठ में