The Author Harshu Follow Current Read Hold Me Close - 15 - तुम सिर्फ मेरी हो By Harshu Hindi Love Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books ફરે તે ફરફરે - 40 નાનનો એક છેડો તું પકડ ઘરવાળાને કહ્યુ. કેમ? &ldq... પ્રેમ સમાધિ - પ્રકરણ-124 પ્રેમ સમાધિ પ્રકરણ-124 વિજય એનાં વિશાળ બેડરૂમમાં એનાં બેડ પર... ભાગવત રહસ્ય - 116 ભાગવત રહસ્ય-૧૧૬ દક્ષપ્રજાપતિ નિંદામાં બોલ્યા છે-શિવ સ્મશાનમા... ખજાનો - 83 અચાનક ગાડી ઊભી રહી જવાને કારણે એક પછી એક બધા યુવાનો જાગી ગયા... જીવન એ કોઈ પરીકથા નથી - 5 "જીવન એ કોઈ પરીકથા નથી"( ભાગ-૫)સમીરના ફોન પર અજાણ્યો કોલ આવે... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Novel by Harshu in Hindi Love Stories Total Episodes : 36 Share Hold Me Close - 15 - तुम सिर्फ मेरी हो (7) 5.5k 8.3k "सॉरी नही चाहिए मुझे ! मुझे जो चाहिए क्या तुम मुझे वो दोगी? ",अर्जुन ने रेवा के आंखो मैं देखते हुए पूछा। "हां! आपने मेरी पूरी जिम्मेदारी ली है तो आपके लिए थोड़ा बहुत तो कर ही सकती हूं ना ! क्या चाहिए आपको ? आपके पास तो पहले से ही सब कुछ है ! आपकी मां जो आपसे बहुत प्यार करती है । तुषार जैसा अच्छा दोस्त । इतना बड़ा घर। प्रॉपर्टी सब कुछ तो है ...और किस बात की कमी है आपको? ", रेवा ने धीमी आवाज मैं कहा ।"तुम्हारी....", अर्जुन ने कहा ।"क्या? ", रेवा ने हैरानी से पूछा । "तुम्हारी मां ..उसने फिर से कोई मेसेज किया तुम्हे ?", अर्जुन ने बात को संभालते हुए कहा ।"नहीं अभी तक तो नही लेकिन i am sure अगर उन्होंने मुझे ढूंढ लिया ना तो वो मुझे फिर से अपने साथ लेकर जाएंगी ", रेवा की इस बात पर अर्जुन ने कहा –"जब तक तुम मेरे पास हो तुम्हे कोई हार्म नही कर सकता " रेवा अर्जुन की आंखों मैं एक बहुत कुछ देख पा रही थी। जब अर्जुन ने रेवा को अपने ओर एक टक देखता पाया तब उसने कहा । "बहुत प्यार आ रहा है मुझ पर ? ",अर्जुन ने अपने कदम रेवा के ओर करीब बढ़ाते हुए कहा ।"हमे निकलना चाहिए शायद ... लेट हो रहा है हमे! ", रेवा ने अर्जुन से कहा और वहा से चली गई । तो वही दूर किसी जंगल के बीचों बीच एक एक बड़ा सा विला था। विला के अंदर एक आदमी सोफे पे बैठकर वाइन पी रहा था। एक हाथ में वाइन का ग्लास और दूसरे हाथ में सिगरेट थी। उसके सामने एक बड़ी सी दीवार पर रेवा की एक खूबसूरत तस्वीर लगी हुई थी । "अगर उस रात अर्जुन सिंघानिया तुम्हे बचा नही लेता ना तो आज तुम मेरे होती !! मन तो कर रहा है की उसे मैं जान से मार दूं....तुम सिर्फ मेरी हो रेवा.. तुम पर सिर्फ मेरा हक है सिर्फ मेरा ", उस आदमी ने गुस्से से कहा । "मुझे पता है रेवा सिर्फ आपकी है सर..वो कंपनी ज्वाइन तो करेगी ही । में हूं ना!! हर बात की अपडेट दूंगा आपको...बस 3 दिन ! 3 दिनों मैं रेवा आपके पास होगी ! इसलिए तो अर्जुन के कंपनी मैं काम कर रहा हूं ताकि उसकी सारी information आपको दे सकू। ", राहुल ने कहा ।"हम्मम... और क्या अपडेट ??", उस आदमी ने वाइन का एक सिप लेते हुए कहा। "एक इंटरनेशनल डील हुई है ! इसलिए कंपनी ने पार्टी अरेंज की है । सेलिब्रेशन के लिए । ये गोल्डन चांस होगा रेवा को यहां लाने का " राहुल ने कहा ।"हां.. अगर तुम्हारा प्लान सक्सेसफुल रहा ना तो तुम्हे डबल पैसा दूंगा लेकिन ...अगर तुमने कुछ भी गड़बड़ की , या मुझसे गद्दारी की तो तुम्हे जान से मार दूंगा " उस आदमी ने राहुल को ऑर्डर देते हुए कहा ।"जी..इसकी जरूरत नही पड़ेगी । I am 100% sure प्लैन वर्क करेगा । क्योंकि कंपनी मैं तो अर्जुन किसीको नही बताएगा कि रेवा उसके साथ रहती है । इसलिए वो रेवा के करीब तो नही रहेगा । पार्टी मैं बहुत लोग होंगे । उसी भीड़ का फायदा उठाकर मैं रेवा को आपके सामने लाकर खड़ा करूंगा ..", राहुल ने कॉन्फिडेंस के साथ कहा । क्या होगा पार्टी के दिन ? क्या अर्जुन रेवा को बचा पाएगा ? जानेंगे अगले पार्ट में ❤️❤️ ‹ Previous ChapterHold Me Close - 14 - लिपस्टिक का दाग › Next Chapter Hold Me Close - 16 - don't hurt my ego Download Our App