निशांत की एम.डी.यू कॉलेज में फिजिक्स लेक्चरर की नौकरी लग गई थीं І वह शहर का जाना-माना सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज हैІ बहुत मुश्किल से यहाँ एडमिशन और नौकरी मिलती हैІ निशांत के मम्मी-पापा को अपने एकलौते बेटे पर गर्व हो रहा थाІ उसकी बहन निशा भी सरकारी स्कूल में टीचर लगी हुई थींІ और उसकी शादी भी किसी सिविल इंजीनियर से हो चुकी थीं І अब बारी निशांत की है , उसके लिए अच्छे घरों के रिश्ते आने शुरू हो चुके हैं І उसके घरवाले उसके ही जैसी कोई अच्छी पढ़ी-लिखी लड़की देख रहें थेंІ मगर निशांत के अपने भावी जीवनसाथी को लेकर अलग ही सपने थेंІ उसे अपनी जीवन संगिनी में सबकुछ परफेक्ट चाहिएІ निशांत की लम्बाई 6 फ़ीट , रंग साँवला, चेहरे पर हल्की दाढ़ी, और उसका व्यक्तित्व भी काफ़ी आकर्षक थाІ अपनों बातों और समझदारी से वह आसानी से किसी को भी प्रभावित कर लेता І उसकी कॉलेज की छात्राएँ भी उसे काफ़ी पसंद करती І मगर वह एक लेक्चरर की गरिमा को हमेशा बनाए रखताІ
उसकी मम्मी रोज़ उसे ढेरों लड़कियों की तस्वीरें दिखाती, वह उनमें से कुछ को पसंद करते हुए उनसे बात भी करता, मगर फ़िर यह कहकर मना कर देता कि इसमें यह कमी है, इसमें वो कमी हैІ उसके पापा समझाते, बेटा हर कोई परफेक्ट नहीं होताІ तुम्हें थोड़ा सा समझौता तो करना पड़ेगा І पर उसे पापा की बात बेमानी लगती, उसे यकीन था कि एक दिन उसे अपना परफेक्ट मैच जरूर मिलेगाІ इसी पसंद-नापसंद में सात-आठ महीने निकल गएІ अब तो उसके मम्मी-पापा ने कहना भी बंद कर दियाІ उन्हें लगा वह ख़ुद ही अपने लिए लड़की ढूँढ लेंगा І
एक दिन निशांत अपने दोस्त की शादी में गयाІ वाइट शर्ट और ब्लैक कोट-पैंट में वह इतना हैंडसम लग रहा था कि शादी में आई सभी स्मार्ट और सुन्दर लड़कियाँ उसे देखने लग गई І मगर उसकी नज़र एक बेहद सुन्दर लड़की पर अटक गई І अपने दोस्तों से पूछने पर उसे पता लगा कि उसका नाम मेघा हैІ और वह नासा के दिल्ली हेडऑफिस के रिसर्च डिपार्टमेंट में काम करती है І मेघा को भी निशांत अच्छा लग गया इसलिए उसने उसे अपना नंबर देने में कोई देरी नहीं की І दोनों की कई बार फ़ोन पर बातें हुई और दो-चार मुलाकातों के बाद उसने सोच लिया कि वह मेघा से ही शादी करेंगा І फ़िर दोनों परिवारों की सहमति से उनकी शादी भी हो गई І
मेघा सही मायने में निशांत के लिए हर तरह से परफेक्ट थीं, दिखने में सुन्दर, लम्बा कद, अच्छा व्यक्तित्व, एक कुशल होममेकर, मॉडर्न कपड़ो में लिपटी एक संस्कारी बहू और बात करती थीं तो ऐसे लगता था कि मुँह से फूल झड़ रहें हैं І जो कोई भी उसे मिलता उसके गुणगान करते नहीं थकता था І उसके मम्मी-पापा और बहन मेघा से बहुत ख़ुश थें І अब तो निशांत को अपनी पसंद पर गर्व होने लगा था І शादी के बाद के छह महीने तो अच्छे से गुज़र गए І मगर जब एक दिन निशांत मेघा को अपने कॉलेज के किसी फंक्शन में लेकर गया तो वहाँ कॉलेज कमेटी के मेंबर उसके नासा के अनुभव और व्यक्तित्व से ऐसे प्रभावित हुए कि उसे एक क्लॉस में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित कर लियाІ और मेघा ने सभी स्टूडेंट्स का दिल भी जीत लिया І अब तो निशांत के कॉलेज में मेघा का आना-जाना शुरू हो गया І अब कॉलेज के कई प्रोफेसर से उसकी अच्छी बनने लगीІ सब निशांत को लकी मैन कहने लगें І शुरू में निशांत को यह सब अच्छा लगा पर बाद में उसे अजीब लगने लगा І घर-बाहर हर जगह मेघा ही छाई रहती І उसे ऐसे लगने लगा कि हर कोई उसकी बीवी के पीछे पड़ा है І अब उसने मेघा को रोकना-टोकना शुरू कर दिया पर मेघा ने उसकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया और नतीजा यह हुआ कि दोनों में झगड़े होने लगेІ घरवाले भी निशांत को समझाते तो वह और चिढ़ जाता І एक दिन झगड़ा करते समय उसने गुस्से में मेघा को धक्का दे दिया І मेघा को ज़्यादा चोट तो नहीं लगी, मगर उसे समझ आ गया कि निशांत से शादी करने का फैसला गलत था І एक दिन वह अपने मायके गई और वहाँ से ऑफिस की तरफ़ से अमेरिका चली गई І चार महीने बाद मेघा तो नहीं आई मगर उसका भेजा तलाक का नोटिस आ गया І निशांत ने भी ज़्यादा नहीं सोचा और उसे और ख़ुद को इस रिश्ते से आज़ाद कर दिया І
निशांत का तलाक हुए डेढ साल से ज़्यादा का समय हो चुका हैІ उसने सुना है कि मेघा अमेरिका में दोबारा शादी करके वहीं बस गई है І उसके मम्मी -पापा चाहते है कि वह भी ज़िन्दगी में आगे बढे І उसे अब भी कुँवारी और अच्छी लड़कियों के रिश्ते आ रहे हैं І आख़िर चार लाख महीने का सैलरी पैकेज, साउथ दिल्ली में अपना 200 गज़ का मकान І पिता रिटायर गवर्नमेंट ऑफिसर और लेखिका माँІ निशांत की तलाकशुदा कमी को ढकने के लिए काफ़ी है І उसकी बहन ने अपनी सहेली प्रीती का रिश्ता उसके लिए भेजा है, जिसकी उम्र 29 साल है और वह सरकरी स्कूल में कम्प्यूटर टीचर है І दिखने में भी सुन्दर और बातों से संस्कारों की खुशबू आती है І और उसके माता-पिता भी अपनी बेटी की पहली शादी को धूम-धाम से करने के लिए उत्सुक है І निशांत ने इस रिश्ते के बारे में सोचने के लिए कुछ दिन का समय माँगा І
वह एक हफ़्ते बाद कॉलेज की कोई वर्कशॉप में शामिल होने के लिए कानपुर गयाІ वहाँ उसकी मुलाक़ात स्नेहा से हुई І सांवली-सलौनी, समझदार और पेशे से ट्रांसलेटर, स्नेहा से मिलकर उसे अच्छा लगा І वह करीब दो हफ़्ते कानपुर रहा और वापिस आकर उसने अपने मम्मी-पापा को अपना फैसला सुनाया कि वह स्नेहा से ही शादी करेगा І उसकी बहन बोल पड़ी, लेकिन भाई, वह तो विधवा हैІ दिखने में भी ठीक ही है, दूसरा वह ग़रीब घर की हैІ अपने साथ कुछ लाएगी भी नहीं І और कानपुर से आएगी तो नई नौकरी पता नहीं मिलेगी भी या नहीं І मेरी सहेली प्रीती आपके लिये पूरी तरह से परफेक्ट हैІ तभी तो मुझे उससे शादी नहीं करनीІ एक दूसरे की कमियों को अपनाने से ही रिश्ता पूरा बनता हैІ उसका यह ज़वाब सुनकर उसकी माँ-बहन को तो अच्छा नहीं लगा І पर उसके पिता यह सोचकर मुस्कुराने लगे कि अब सही मायने में उनके बेटे को परफेक्ट मैच मिल गया है І