आगे आपने देखा की वो सात घोड़े सवार थे ।
उन्होंने अपनी आप-बीती कही ।
ओर ये भी कहा की वो इस दुनिया के रक्षक है ।
जो अनुज ओर अभिमन्यु को यहा से बाहर लेजा सकते है ।
पर उसके लिए वो उन्हे रास्ता दिखा सकते है ।
पर जाना उसको खुद ही पड़ेगा ।
उन्मे से जो पहला घोड़े सवार था वो नक्शे का रक्षक था ।
वो पहले उन लोगों के बारे जानना चाहता था ताकि बुरे प्रेत इस दुनिया से बाहर न जाए ।
अनुज ने अपनी पूरी कहानी बताई ओर उसे सच्ची लगी ।
इसलिए वो सब नक्शा लेकर उनके साथ गए ।
ओर आगे जाके एक पेड़ आया वहा से दूसरा नक्शा निकाल कर उन दोनों को दिया ।
ओर साथ मे ये भी कहा की याद रहे ये ।
छलावे की दुनिया है ।
जो दिखता है वो होता नहीं ।
ओर नहीं दिखता है वो होता है ।
वो दोनों नक्शा लेकर ।
वहा से निकल गए ।
वो दोनों बहुत दूर तक चलते रहे ।
फिर जाके एक पेड़ आया ।
तो उन्होंने सोचा की थोड़ी देर आराम करले बाद मे ।
वहा से आगे चले जाएंगे ।
ये सोचकर वो दोनों थोड़ी देर वही विश्राम करने के लिए ।
रुक गए ।
पर जब उनकी आंखे खुली तो वो किसी बड़ी चटान पर थे ।
वो दोनों डर गए ओर सहमे रह गए ।
मन ही मन सोच रहे थे की अब क्या करे ।
तब ही उन्हे याद आया की जो दिखता है वो होता नहीं ।
ओर अभिमन्यु ने अनुज को बोला की छलांग लगा दो ।
अनुज ने बोला की तुम क्या पागल हो गए हो ।
यहा से छलांग लगाएंगे तो मर जाएंगे ।
फिर अभिमन्यु ने कहा मुज पे यकीन करो ।
मै तुम्हें कुछ नहीं होने दूंगा ।
फिर दोनों ने साथ मिलकर छलांग लगाने का सोचा ।
अभिमन्यु ने कहा ।
मेरे तीन गिनते ही हम साथ मे छलांग लगाएंगे ।
हा पर ये बात याद रहे की किसी भी हाल मे ।
हम दोनों का हाथ नहीं छूटना चाहिए ।
ठीक है ।
एक , दो , तीन ।
दोनों ने साथ मे छलांग लगा दी ।
पर ये क्या ।
वो दोनों जैसे ही नीचे गिरे ।
वो दोनों किसी पेड़ पे जाके रुके ।
उन्होंने नीचे देखा तो वो ।
वही पहुच चुके थे ।
जहा वो दोनों आराम कर रहे थे ।
वो दोनों खड़े हुए ।
ओर आगे निकल गए ।
रास्ते मे उन्हे एक कुवा दिखाई दिया ।
तो उन्होंने उसमे से पानी सिचकर थोड़ा पिया ।
ओर मुह भी धो लिया ताकि थाक कम हो जाए ।
आज डेढ़ दिन बाद उन्होंने पानी पिया था ।
ओर वो दोनों सोच रहे थे की बस ।
कही से कुछ खाने को मिल जाए ।
ओर वो दोनों आगे चल दीये ।
बहुत चल ने के बाद उन्हे एक पेड़ दिखाई दिया ।
उन्मे अमरूद लगे हुए थे ।
जैसे ही उन्होंने अमरूद तोड़ा ।
पूरे जंगल मे खलबली मच गई ।
धरती घूमने लगी ।
उन्हे कुछ समज नहीं आ रहा था ।
की आखिर हो क्या रहा है ।
क्या अब वो उस जंगल से बाहर निकल सकेंगे ।
जानने के लिए पढिए ।
एक कहानी ऐसी भी भाग - १२
ओर अपना प्रतिभाव आपना ना भूलिए