Hold Me Close - 12 in Hindi Love Stories by Harshu books and stories PDF | Hold Me Close - 12 - तुम्हारा हक बनता है

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Hold Me Close - 12 - तुम्हारा हक बनता है

कुछ देर बाद दोनो भी घर पहुंच गए । रेवा बेड पर बैठकर अपना फोन देख रही थी तभी उसकी नजर दीवार पर लगे अर्जुन के फोटो फ्रेम की ओर गई । रेवा बेड से नीचे उतरी और करीब जाकर उस फोटो फ्रेम को देखने लगी।

"वैसे आप इतने बुरे हो नही जितना मैने इमैजिन किया था । हां आप अखड़ू एरोगेंट जरूर है ! लेकिन आपने कभी मेरा फायदा नही उठाया ... लेकिन इसलिए ऐसा बिल्कुल नहीं है की मैं ये भूल जाऊंगी की आपने कैसे उस रात एक आदमी की जान ली थी .. उसका राज तो मैं पता करके रहूंगी मिस्टर अर्जुन सिंघानिया ", रेवा ये सब धीमी आवाज मैं बोल ही रही थी तभी अर्जुन बाथरूम से बाहर आता है । जब वो रेवा को अपने फोटो फ्रेम की ओर देखता हुआ पाता हैं तब उसके चेहरे पर एक स्माइल आ जाती है । अर्जुन अपने कदम रेवा की ओर बढ़ाता है और उसके कानो मैं कहता है –"तुम्हे मुझे शर्टलेस देखना है तो बोल दो ना मुझे ! ये ऐसे फोटो फ्रेम क्यों देख रही हो ?"
अर्जुन की आवाज सुनकर रेवा एकदम से डर जाती है ।

"आप....आप मुझे ऐसे डराइए मत.. डर गई मैं ", रेवा की इस बात पर अर्जुन ने कहा –" मेरे रूम मैं मेंरे अलावा और कौन आएगा ?और तुमने जवाब नही दिया मुझे , तुम्हे मेरा ये लुक देखना है तो मैं अभी लाइव दिखा सकता हूं....तुम्हारा इतना तो हक बनता है "

"आप कुछ भी क्या बोलते रहते है ! में आपको नही देख रही थी ", रेवा ने अपनी नजरे चुराते हुए कहा ।

"हा मुझे नही देख रही थी मेरे मसल्स को देख रही थी ना ?? ", अर्जुन ने फिर से शरारती अंदाज मैं कहा ।

"ऐसा कुछ नहीं है ...हटिए यहां से मुझे सोना है ", रेवा ने कहा और बेड के बीच मैं तकिए की दीवार बनाकर कंबल ओढ़कर सो गई ।

अर्जुन ने एक लंबी सांस ली और वो भी बेड के दूसरे साइड जाकर लेट गया।

आधी रात को अर्जुन का फोन वाइब्रेट हुआ। अर्जुन ने कॉल पर किसीके साथ बात की और कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया। अर्जुन ने एक बार रेवा की ओर देखा जो बहुत गहरी नींद सो रही थी।

"I have to go .. तुम्हे अकेला छोड़कर जाना तो नही चाहता लेकिन अर्जेंट है.. कुछ नही होने दूंगा तुम्हे ! थोड़ी देर में वापस आ जाऊंगा ", अर्जुन ने रेवा के बालों से हाथ फेरते हुए कहा और ड्रॉवर से अपनी गन लेकर कमरे के बाहर चला गया । तो वहा रेवा अभी भी थकान की वजह से गहरी नींद सो रही थी।

आधी रात मैं जब रेवा की आंख खुली तब उसने अपने आधे खुले आंखो के साथ अपने बगल में देखा । जब उसने अपने बगल में अर्जुन को नही पाया तब उसने कमरे की लाइट्स ऑन कर दी।

"ये कहा चले गए इतनी रात को ", रेवा ने सोचा ।

उसने बाथरूम मैं देखा लेकिन बाथरूम में भी अर्जुन नही था । उसने लगभग पूरा घर छान मारा लेकिन उसे अर्जुन कही नही मिला।

रेवा: "मेरे पास तो अर्जुन का नंबर भी नही है"

तभी रेवा का फोन रिंग हुआ। Unknown number से कॉल आया था ।

"Unknown number ये पक्का अजीत का नंबर होगा ... इतनी रात को एक वही तो है जो मुझे कॉल कर सकता है । ये मेरा पीछा क्यों नही छोड़ता ", रेवा ने मन मैं ही सोचा ।

कुछ पलों बाद कॉल कट हो गया। लेकिन उसके तुरंत बाद रेवा के फोन पर एक फोटो आता है । जब रेवा वो फोटो देखती है तब उसकी आंखे खुली की रहे जाती है । और उसके आंखो से लगादार आसू बहने लगते है ।