The Author Swati Follow Current Read एक कहानी ऐसी भी । By Swati Hindi Biography Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books एक सुंदर भावना प्रेम, प्यार ,लव किती तरी शब्द आहेत पण भावना मात्र एकच.कसा... नियती - भाग 30 भाग 30मोहित आता गंभीर होऊन मायराला म्हणाला...."मायरा.... आपण... शिणुमा शिणुमा शिणुमाशिणुमा 1978मध्ये बी.एड्. होव... क्षमा - 5 (अंतिम भाग) विजय.... नमन कडे आला, नमन एका कोपऱ्यात बसला होता, विजय ने नम... अनुबंध बंधनाचे. - भाग 18 अनुबंध बंधनाचे.....( भाग १८ )एक दिवस प्रेम च्या ऑफिस मधे त्य... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Share एक कहानी ऐसी भी । (2) 1.3k 3.4k ये कहानी है एक ऐसे परिवार की जिस परिवार में दो बहन और एक भाई थे जहां सारे लोग अपना जीवन कुशल से जी रहे थे ।सबकुछ अच्छा चल रहा था सारे लोग खुशी से रह रहे थे ,एक दिन की बात है पिताजी की तबियत अचानक से खराब हो गई और उनका देहांत हो गया उस दिन उस परिवार में एकदम से सन्नाटा छा गया मां भी चुपचाप से रहने लगी।उस दिन ऐसा हुआ की जैसे पूरे परिवार में पहाड़ टूट पड़ा सबकुछ ठीक होने में थोड़ा वक्त लगा लेकिन सब ठीक हुआ फिर से पूरा परिवार मिलकर रहने लगे ,धीरे धीरे दोनो बहने की शादी हो गई और वो सहर में रहने लग गए ।भाई छोटा था तो उसकी शादी थोड़ा देर से हुई लेकिन उसकी शादी गांव की लड़की से हुई थी चुकी सारा परिवार पढ़ा लिखा था तो उसके घर गांव की लड़की की बहु बनना सबको खटकने लगा ये बात की हमलोग इतने अमीर और पढ़े लिखे और हमारी बहु गांव की गवार,इतने छोटे परिवार से आई है भाई से दोनो बहनों की नोकझोक शुरू हो गई ,मां भी उन्नदोनो के बीच कुछ नही बोलती थी। मां को दोनो बेतिया हमेशा अपनी बहु के खिलाफ भड़काती रहती थी,और एक दिन ये हुआ की मां भी अपने बेटे बहु को छोड़ कर अपनी बेटी के यहां रहने चली गई ।चूंकि उनकी भी उम्र हो गई थी तो वो भी बीमार होने लगी ,कुछ दिन तो उसकी बेटियां उनका इलाज करवाया लेकिन ये ज्यादा दिन के लिए नहीं था ,उनकी तबियत ज्यादा ही खराब होने लगी थी अब ऐसा हुआ की वो बहोत ही लाचार होने लगी उसकी बेटी भी अपनी मां को घर से निकल दिया और अब उनके पास और दूसरा कोई रास्ता नहीं था बजाए अपने बेटे और बहू के पास आने के ।अब उनके पास कोई रास्ता नहीं था वो अपने बेटे बहु के पास आ गई ,लेकिन उनके मन में उतना ही आग और गुस्सा था अपने बहु बेटे के लिए ,ये सब जानते हुए भी बहु और बेटे ने उन्हें अपने घर पे रहने की इजाजत दे दी ।बेटे को ऑफिस जाना होता था तो हर दिन की तरह वो उस दिन भी अपने काम पे चला गया ,लेकिन घर पे बहु और मां ही थी और उनका पोता अब उसकी मां का तमाशा शुरू हो गया वो अपनी बहु को परेशान करने लगी ,और अपने पोते को भी परेशान करती थी फिर भी वो अपनी सास को कुछ नहीं बोलती थी वो चुपचाप उनको अनदेखा कर देती थी ,शाम को जब उसका पति घर आया तो उसकी मां बहु की शिकायत करना शुरू कर दिया फिर भी उसकी बहु कुछ नहीं बोली और चुपचाप उनके लिए खाना लगा दी और बोली मां जी आपका खाना लगा दिया है ,उसकी बहु इतनी अच्छी होने के बाद भी उसकी बुराई रोज अपने बेटे से करती थी ,उसका पति उसको कुछ नहीं बोलता था क्योंकि वो जनता था उसकी पत्नी गलत नहीं कर सकती ।एक दिन की बात है मां जी का पैर फिसल गया और वो गिर गई उनकी कमर टूट गई ,बेटे बहु मिलकर उनको अस्पताल ले गए और उनका इलाज करवाया ।डॉक्टर ने बोला इन्हे 6 महीने का बेड रेस्ट दीजिए और फिर इन्हे घर ले आए ।बहु ने उनका अच्छे से देख रही किया उनके पीछे बहोत मेहनत किया । और वो ठिक हो गई।वो चलने लगी पहले की तरह,जब वो ठिक हो गई तो वो फिर से अपनी बेटी के यहां चली गई।बेटे ने उन्हें फोन करके घर बुलाया तो वो फिर भी घर नहीं आई और बोली मेरी बहु मुझपे अत्याचार करती है।उसकी दोनो बेटी अपने भाई को फोन करके उनको भला बुरा बोलती चूंकि वो अपनी बहन से प्यार करता था तो वो बुरा नहीं मानता उसकी बात का।और एक दिन दोनो बहन और मां मिलकर उनके घर का कागज चुराकर उनका नकली हस्ताक्षर ले उनका घर बेच दिया ।बहु और बेटे को ये बात बहुत बुरा लगा ये सदमा उनके बेटे को बर्दास्त नही हुई और वो भी बीमार रहने लगा ,और एक दिन उनके बेटे की मौत हो जाती है , उसकी पत्नी और उनका बेटा जो की बहूत छोटा था अब उनका कोई सहारा नहीं था ,बहुत दिन तक वो किसी से बात चीत नहीं करती थी ।जब उसका बेटा थोड़ा बड़ा हो गया तब उसने सोचा की उसे कुछ करना चाहिए तो उसने बहुत मेहनत किया और अपने बेटे को लेकर काम पे जाना शुरू कर दिया और आज उसने एक अच्छा जगह पे मुकाम हासिल किया और अपने बेटे को अच्छे स्कूल में दाखिला करवाया ।अब वो अपने बेटे के साथ अच्छे से रह रही हैं।धन्यवाद।। Swati Download Our App