क्यों ये रिव्यू अब लिखा जा रहा है? इसलिए की लिखना जरूरी लगा और जब यह फिल्म सिनेमाघरों में प्रसारित हुई तब मैं मातृभारती पर नहीं लिखता था। इस फिल्म के गाने ने भी प्रेरित किया की आज इसपर लिखा जाए, गाना आपका और हमारा सबका प्रिय गाना है ’ कर हर मैदान फतेह’. हर मां बाप इस गाने को अपने बच्चे के लिए गाना चाहता है। और क्या है इस फिल्म में संजय दत्त के भूतकाल के अलावा?
फिल्म संजय दत्त के भूतकाल पर बनी है, राजू हिरानी ने शायद यह फिल्म संजय दत्त को भेंट देने के लिए बनाई है क्योंकि राजू हिरानी की पहली फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस में संजय दत्त ने जो काम किया वह आज तक लोग भुला नहीं पाए। उनकी अदाकारी ने इस सीमित बजट की फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सफलता दिलाई। राजू हिरानी शायद चाहते थे की संजय दत्त को लोग पहचानें। संजय दत्त के बारे में अनेक कहानियां प्रचलित हैं, कुछ सच तो कुछ बस फसाने। पर इस फिल्म के आने के बाद बहुत सारे फसाने एक मनगढ़ंत किस्से प्रतीत हो गए।
संजू फिल्म का एक महत्वपूर्ण संदेश है की माता पिता कैसे हों। क्या होगा अगर आपका बच्चा गलत संगत में आकर कुछ गलत काम कर बैठे, नशा करने लगे या उसपर आरोप लगे या फिर किसी बीमारी से बच्चे को बचाना हो? फिल्म में सुनील दत्त को ऐसा पिता दिखाया गया है को विपरीत से विपरीत परिस्थिति में भी अपने बेटे का साथ नहीं छोड़ता। संजय दत्त एक बार नहीं अनेक बार बहुत ही कठिन समय से निकले हैं। जवानी के समय वे नशीले पदार्थों का सेवन करने लगे जिसके चलते उनका फिल्मी भविष्य अंधकारमय हुआ। फिर उन्हें अमरीका इलाज के लिए भेजा गया। वहां से ठीक होकर आए और फिर फिल्में मिलने लगीं। फिर उनका नाम बंबई ब्लास्ट में आया जिसमे खुद सुनील दत्त पर भी उंगली उठाई गई। उस मुकदमें से निकलना आसान नहीं था क्योंकि आरोप आतंकवाद का था जिसपर केंद्र और कानून दोनों बहुत ही सख्त थे। वहां से भी सुनील दत्त ने बेटे को निकाल लिया।
एक सीन आपको रुला देगा। एक सीन में सुनील दत्त संजय दत्त को एक डॉकयार्ड पर लेके आते हैं और उनकी शादी के बारे में बताते हैं कि कैसे उनकी और नरगिस की शादी हुई। सुनील दत्त को धमकी मिली थी शहर के सबसे बड़े डॉन से की अगर नर्गिस से शादी की तो उन्हें जिंदा नहीं छोड़ा जाएगा। सुनील दत्त उस डॉन से मिलने गए, उन्हें समझाया की वे नरगिस से कितना प्यार करते हैं और वे नरगिस को अपने सर आंखों पर बिठा के रखेंगे। तब डॉन सुनील दत्त की ईमानदारी के सामने झुक गए और उनकी शादी पर भी आए। सुनील दत्त ने बताया की कैसे उनके जीवन में गानों का बहुत अहम रोल रहा। गाने सुनकर वे खुद को प्रेरित करते थे। न मुंह छुपा के जिओ न नजर झुका के जिओ गाना उन्होंने संजू को सिखाया।
फिल्म में संजू की भूमिका में रणबीर ने बहुत प्रभावित किया। एक प्रेक्षक की तरफ से देखा जाए तो फिल्म संजय दत्त की नहीं रणबीर की थी क्योंकि इस प्रकार किरदार में जान डाल देना आसान नहीं रहा होगा। रणबीर ने फिल्म में गंभीर अदाकारी के साथ कॉमिक टाइमिंग भी अच्छा दिखाया है जो उनकी अदाकारी को एक ऊंचा मुकाम देता है। एक दोस्त की भूमिका में विकी कौशल ने फिल्म का एक मुख्य हिस्सा संभाल रखा था। कहा जाता है संजय दत्त के कई दोस्त थे और उन सबको परदे पर स्थान देना संभव नहीं था इसलिए सभी दोस्तों की खूबियां एक दोस्त में रख कर विकी का किरदार लिखा गया और नाम दिया गया कमलेश कनैयालाल कपासी उर्फ कमली। इस किरदार ने फिल्म को और भी अधिक दिलचस्प और कॉमिक बनाया।
एक सीन है जहां हंसी और आंसू दोनो आ सकते हैं। सुनील दत्त संजू को एक स्क्रिप्ट पढ़ने को बोलते हैं। संजू अपने स्वभाव अनुसार स्क्रिप्ट पढ़ते नहीं बस अपना मंतव्य बोल देते हैं की ये फिल्म उन्हें नहीं करनी। जब सुनील दत्त खुद उन्हें बताते हैं की स्क्रिप्ट मुन्ना भाई एम बी बी इस की है और सुनील दत्त खुद उस फिल्म में काम कर रहे हैं तो संजू को फिल्म में रुचि जागती है। क्योंकि इस फिल्म में उन्हें गुंडे के साथ एक अति संवेदनशील व्यक्ति दिखाया गया है जो उनके स्वभाव के अनुरूप था। इस फिल्म के साथ ही संजू का बॉलीवुड में नया दौर शुरू हुआ।
फिल्म के गाने लिखे हैं इरशाद कामिल, शेखर अस्तित्व, अभिजात जोशी, रोहन गोखले और पुनीत शर्मा ने। सभी गाने दर्शकों को याद रह जाने वाले हैं और सभी के शब्दों को समझ पाना बहुत ही सहज था। कर हर मैदान फतेह तो आज भी खिलाड़ियों को प्रेरित करने, विद्यार्थियों में जोश भरने और व्यायाम शालाओं में बहुत चलता है।
फिल्म में अनुष्का शर्मा का किमियो रोल है। वह एक मशहूर लेखिका है और नामी लोगों के जीवन चरित्र पर किताब लिखतीं हैं। दिया मिर्जा ने मान्यता का रोल किया है। छोटे रोल में भी दोनो अदाकारों ने प्रभावित किया। मनीषा कोइराला नर्गिस के रोल में हैं और उनकी अदाकारी भी प्रभावित कर गई।
फिल्म हॉट स्टार ओटीटी पर उपलब्ध है, अगर नहीं देखी तो देख लें और देखी है तो एक बार फिर देखने में कोई संकोच न करें।
– महेंद्र शर्मा 13.08.2023