Rajkumari Shivnya - 9 in Hindi Mythological Stories by Mansi books and stories PDF | राजकुमारी शिवन्या - भाग 9

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 9

भाग ९

अब तक आपने देखा की राजकुमारी शिवन्या अपनी नगर यात्रा समाप्त करके महल वापिस आ चुकी थी , उन्हों ने वहा अलग अलग स्वभाव के लोग देखे उनके लिए यह सब नया था क्युकी वह ज्यादातर महल में ही खेलती रहती थी अब आगे की कहानी देखते है।

महल में आने के बाद रानी निलंबा ने कहा अरे पुत्री आप आ गई कैसी लगी आपको विलम नगर की यात्रा , राजा विलम ने कहा हा पुत्री बताओ केसा लगा आपको नगर?? क्या आपको यात्रा के दौरान आनंद आया , राजकुमारी शिवन्या ने कहा हां मां पिताजी मुझे नगर यात्रा बहुत अद्भुत लगी , इस संसार में कितने अलग स्वभाव के लोग होते है मेने आज देख लिया। राजा और रानी ने कहा आपने नगर में क्या क्या देखा राजकुमारी??

माता पिताजी मेने पहले देखा एक आदमी अपनी ही मां को मार रहा था उन्होंने उनको धक्का मारा परंतु मेने उन्हे आइंदा ऐसा होने पर राज्य से ही निकाल देने की चेतावनी दी है , राजा रानी ने कहा यह अपने बहुत अच्छा किया इस लोगो की इस राज्य में कोई जगह नही है शिवन्या ने कहा जी अपने बिल्कुल सही कहा पिताजी। फिर शिवन्या ने कहा उसके पश्चात हम लोग रथ के साथ थोड़े ओर आगे बढ़े तब कुछ लड़किया खेल रही थी में भी उनके साथ खेलने लगी अब वह मेरी सखियां बन चुकी है, वही पर एक और लड़की थी उसे भी हमारे साथ खेलना था पर उसकी माई ने मना किया था , राजा रानी ने मना करने का कारण पूछा।

तब शिवन्या ने कहा उसकी माई ने कहा अब यह १४ साल की हो गई है उसे एक लड़का देखने आने वाला था उन्हों ने कहा अभी इसकी शादी की उमर हो गई है, तब राजकुमारी ने कहा मां पिताजी जब में १४ साल की हो जाऊंगी तो क्या मुझे भी शादी करनी पड़ेगी। यह बात सुन कर रानी निलंबा के आखों में अश्रु आ गए उन्हों ने शिवन्या को गले से लगा लिया और कहा नही पुत्री ऐसा बिल्कुल नहीं होगा , इतने साल के इंतजार के बाद मुझे आप मिली है १४ साल की कच्ची उम्र में आपकी शादी करके हमे आपको दूर नहीं करना है, राजा ने कहा रानी आपने सो प्रतिशत सही बात कही है हम तो राजकुमारी की शादी २० की उम्र के बाद ही करवाएंगे धूम धाम से।

अभी तो आप खेलो आप बहुत छोटी हो शादी के लिए जाओ खेलो, राजकुमारी शिवन्या ने कहा नही पिताजी खेलना नहीं है मुझे अपने बाण चलाने का अभ्यास करना है में चलती हु, ऐसा कह कर शिवन्या चली गई। राजा ने रानी की तरफ देखा और कहा अरे निलंबे आप चिंतित लग रही है ऐसी क्या बात है?? रानी ने कहा महाराज क्या आपको ऐसा नहीं लगता की हमारी पुत्री कभी कभी अपनी उम्र से ज्यादा बड़ी बाते सोचती है राजा ने कहा रानी आपके कहने का तात्पर्य क्या है जरा विस्तार पूर्वक विवरण करिए तब रानी निलंबा कहती है मेरे कहने का तात्पर्य है , एक आम १० साल के बच्चे को क्या चाहिए पूरा दिन खेलना ओर शरारत करना हमारी पुत्री भी १० साल की है लेकिन वह अपनी उम्र से कई ज्यादा बड़ी बात कह जाती है उसकी बाते सुन कर तो में कभी कभी सोचती हु की ऐसा तो मेरे मस्तिकस में भी नही आया ,उसने दो चोर को मार दिया यह एक आम बच्चे के बस की बात नही।

राजा ने हस्ते हुए कहा आप खामखा चिंतीत हो रही है राजकुमारी का दिमाग १० साल के बच्चे से थोड़ा ज्यादा समझदार है ओर कुछ नही , ओर हमारी पुत्री आम थोड़े ही है लाखो में एक है जाइए आप थोड़ा समय विश्राम कर लीजिए आपको अच्छा मेहसूस होगा रानी ने कहा जी आप ठीक कह रहे है ऐसा बोल कर वह वहा से चली जाती है।

राजकुमारी शिवन्या खेलती है, शरारत में सबसे आगे रहती है, अपने बाण से सही निशाने में तीर चलाने का अभ्यास करती है, अच्छे लोगो को बहुत प्यार करती है, बड़ो का आदर करती है, बुरे लोगो को सबक सिखाने में कभी पीछे नहीं हटती अपने माता पिता की खूब सेवा करती है ऐसे ही धीरे धीरे करके कई साल बीत जाते है, राजकुमारी शिवन्या २१ साल की हो जाती है।

इस कहानी को इतना ही रखते है , कहानी का अगला भाग जल्दी ही आयेगा।😊